सार
आपको इसके लिए कोई कागज नहीं दिखाने होंगे। आपका चेहरा ही बोर्डिंग पास का काम करेगा। इस तरह आप बिना बोर्डिंग पास दिखाए किसी भी चेकप्वाइंट से गुजरेंगे। वहां आपका चेहरा रीड कर मशीन आपको आगे जाने की इजाजत दे देगा।
Digi Yatra app for Document free Air travel: टेक्नोलॉजी ने जीवन में तमाम झंझटों से मुक्ति दे दी है। हवाई जहाज की यात्रा को ही ले लीजिए। तमाम तरह के डॉक्यूमेंट्स जगह-जगह चेक कराइए और तब जाकर घंटों की लाइन से मुक्ति मिलती है। लेकिन अब कागजातों का झमेला खत्म करने की पहल शुरू हो चुकी है। हवाई यात्रा के पहले आपको डॉक्यूमेंट्स की झंझटों से मुक्ति मिलेगी, आपका चेहरा ही हवाई अड्डों पर सारे कागजातों से निजात दिलाएगा। दरअसल, भारत में हवाई अड्डों पर फेस रिकॅगनिशन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किए जाने की शुरूआत की जा रही है। इस तकनीकी के इस्तेमाल से आपके चेहरे का मशीन रीड करेगा और आपके सारे डिटेल्स ऑटोमेटिकली चेक कर लेगा। इससे आपको न तो कोई कागज दिखाना होगा साथ ही आप कॉन्टेक्टलेस चेक-इन का लाभ उठा सकेंगे।
क्या है एफआरटी?
जानकारों की मानें तो चेहरे की पहचान प्रौद्योगिकी (FRT) के आधार पर हवाई अड्डों पर यात्रियों के कॉन्टेक्टलेस चेक-इन किया जा सकेगा। ट्रेवल संबंधी सारी प्रॉसेसिंग डिजिटल तरीके से फेस को रीड कर मशीन कर देगा। आपको इसके लिए कोई कागज नहीं दिखाने होंगे। आपका चेहरा ही बोर्डिंग पास का काम करेगा। इस तरह आप बिना बोर्डिंग पास दिखाए किसी भी चेकप्वाइंट से गुजरेंगे। वहां आपका चेहरा रीड कर मशीन आपको आगे जाने की इजाजत दे देगा।
पहले चरण में भारत के सात एयरपोर्ट्स पर यह सुविधाएं
एफआरटी को भारत में पहले चरण में लागू करने के लिए सात एयरपोर्ट्स का चयन किया गया है। हालांकि, अभी यह टेक्नोलॉजी सिर्फ घेरलु उड़ान वाले यात्रियों को सुविधा के लिए प्रदान की गई है। पहली दिसंबर से दिल्ली, बेंगलुरू और वाराणसी एयरपोर्ट्स पर एफआरटी का इस्तेमाल चेकप्वाइंट्स पर किया जाएगा। चार अन्य एयरपोर्ट्स हैदराबाद, कोलकाता, पुणे और विजयवाड़ा में यह मार्च 2023 में शुरू हो जाएगा। सभी सातों एयरपोर्ट्स पर इस टेक्निक का सफलतापूर्वक इस्तेमाल के बाद पूरे देश में लागू किया जाएगा।
कैसे मिलेगी सुविधा?
इस सुविधा के शुरू होने के बाद पैसेंजर्स को आधार का वेरिफिकेशन एवं एक फोटो का कैप्चर कर डिजी यात्रा एप पर रजिस्टर्ड कराना होगा। इसके बाद किसी भी समय यात्रा के दौरान एयरपोर्ट्स पर फालतू के डॉक्यूमेंट्स और चेकप्वाइंट्स पर बोर्डिंग पास दिखाने से निजात मिल जाएगी। मंत्रालय ने बताया कि इस डिजी यात्रा एप के इस्तेमाल या रजिस्ट्रेशन में साझा की गई जानकारियों को किसी भी जगह कहीं से सेव नहीं किया जाएगा न ही इसका अन्य जगह कोई थर्ड पार्टी इस्तेमाल कर पाएगी। यह पूरी तरह से सुरक्षित है। यात्री की आईडी और यात्रा क्रेडेंशियल यात्री के स्मार्टफोन पर ही एक सुरक्षित वॉलेट में जमा हो जाते हैं।
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