कैप्टन अंशुमान सिंह की विधवा स्मृति सिंह के लिए कही गंदी बात, सोशल मीडिया यूजर पर FIR दर्ज

Published : Jul 13, 2024, 05:22 PM ISTUpdated : Jul 13, 2024, 05:36 PM IST
Smriti Singh

सार

कैप्टन अंशुमान सिंह की विधवा स्मृति सिंह (Smriti Singh) को लेकर आपत्तिजनक पोस्ट करने के लिए एक सोशल मीडिया यूजर के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने केस दर्ज किया है। 

नई दिल्ली। कीर्ति चक्र पुरस्कार विजेता (मरणोपरांत) कैप्टन अंशुमान सिंह की विधवा स्मृति सिंह पर ‘अश्लील और अपमानजनक’ कमेंट करने वाले एक सोशल मीडिया यूजर के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने FIR दर्ज किया है। पुलिस ने यह कार्रवाई राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की शिकायत पर की है।

दिल्ली पुलिस के IFSO (Intelligence Fusion and Strategic Operation) यूनिट ने केस दर्ज किया है। इसमें भारतीय न्याय संहिता (BNS) और इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (IT) एक्ट की संबंधित धाराएं लगाई गईं हैं। सोशल मीडिया यूजर दिल्ली का रहने वाला है। उसपर BNS की धारा 79 (अपने शब्द, संकेत या कार्य से किसी महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाना) और आईटी एक्ट की धारा 67 (इलेक्ट्रॉनिक रूप में अश्लील सामग्री प्रकाशित या प्रसारित करना) लगाई गई है।

राष्ट्रीय महिला आयोग ने स्मृति सिंह मामले में लिया स्वत: संज्ञान

सोशल मीडिया यूजर ने स्मृति सिंह को लेकर गंदी बातें की थी। NCW ने मामले में खुद से संज्ञान लिया। सोमवार को शिकायत दर्ज की और दिल्ली पुलिस कमिश्नर को आरोप को गिरफ्तार करने के लिए लिखा। NCW ने तीन दिन में रिपोर्ट मांगा था।

पिछले साल जुलाई में हुई थी कैप्टन अंशुमान सिंह की मौत

बता दें कि पिछले साल जुलाई में कैप्टन अंशुमान सिंह की मौत हुई थी। वह डॉक्टर थे। इंडियन आर्मी के गोला-बारूद भंडार में आग लगने से उनकी मृत्यु हुई थी। वे सियाचिन ग्लेशियर क्षेत्र में 26 पंजाब के साथ मेडिकल ऑफिसर के रूप में तैनात थे। हादसे के समय अंशुमान सिंह ने कुछ लोगों को बचाया। वह मेडिकल इन्वेस्टिगेशन रूम में गए ताकि महत्वपूर्ण मेडिकल सहायता बॉक्स निकाला जा सके। वहां भी आग लगी हुई थी। तेज हवाओं के बीच भीषण आग के कारण वे मेडिकल ऐड बॉक्स नहीं निकाल सके। इस कोशिश में उनकी मौत हो गई।

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इस बहादुरी के लिए कैप्टन अंशुमान सिंह को मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया। यह देश का दूसरा सबसे बड़ा शांतिकालीन वीरता पुरस्कार है। उनकी विधवा स्मृति सिंह और उनकी मां मंजू सिंह ने 5 जुलाई को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुरुमु से यह पुरस्कार प्राप्त किया था।

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