दिल्ली में अब सबकुछ सामान्य होने लगा है। दुकानदार अपनी दुकानें खोल रहे हैं। नौकरीपेशा वाले लोग घरों से निकलकर अब नौकरी पर जाने लगे हैं। इस मामले में 44 नए FIR दर्ज किए गए हैं। हिंसा भड़काने वालों के खिलाफ पुलिस ने अब तक कुल 167 मामले दर्ज किए हैं।
नई दिल्ली. नागरिकता संशोधन कानून को लेकर उत्तर पूर्वी दिल्ली में तीन दिनों तक धधकी हिंसा की आग अब बूझ चुकी है। बेपटरी हुई सभी व्यवस्थाएं अब पटरी पर लौटने की जद्दोजहद कर रही है। अब सबकुछ सामान्य होने लगा है। दुकानदार अपनी दुकानें खोल रहे हैं। नौकरीपेशा वाले लोग घरों से निकलकर अब नौकरी पर जाने लगे हैं। इसी बीच दिल्ली के गोकुलपुरी इलाके में रविवार सुबह नाले से शव बरामद हुआ है। पुलिस ने शव को नाले से बाहर निकाल लिया है। पुलिस यह जानने की कोशिश कर रही है कि इस शख्स की दिल्ली हिंसा के दौरान ही मौत हुई थी, या इसकी मौत किसी दूसरी वजह से हुई है। लाश बरामद होने के बाद से ही इलाके में सनसनी फैली गई है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है।
पुलिस पड़ोस के लोगों से भी इस मामले के संबंध में पूछताछ कर रही है। अभी तक शव की शिनाख्त नहीं हो सकी है। पुलिस जांच में जुटी है। दिल्ली में हिंसा पर अब काबू पाया जा चुका है। पिछले 3 दिनों से हिंसा की कोई खबर नहीं है।
अब तक हिरासत में लिए गए और गिरफ्तार किए गए लोगों की संख्या 885 तक पहुंच चुकी है। वहीं, हिंसा भड़काने वालों के खिलाफ पुलिस ने कार्रवाई भी तेज कर दी है। शनिवार को इस मामले में 44 नए FIR दर्ज किए गए हैं। अब तक कुल 167 मामले दर्ज किए जा चुके हैं।
इनमें 13 मामले सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट डालने वालों पर दर्ज हुए हैं। दिल्ली पुलिस के मुताबिक, यह संख्या और बढ़ सकती है। फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम पर पुलिस की नजर बनी हुई है। 36 मामले हथियारों के प्रयोग के लिए भी दर्ज किए गए हैं। उधर, दिल्ली सरकार ने उत्तर पूर्वी दिल्ली में सात मार्च तक स्कूलों को बंद रखने का आदेश जारी किया है। वहीं, सुरक्षा के मद्देनजर तैनात जवानों की गश्त जारी है। सुरक्षा बलों ने शनिवार रात हिंसा प्रभावित इलाकों में गश्त कर लोगों को सुरक्षा का अहसास दिलाया। इसके साथ ही स्पेशल पुलिस कमिश्नर (क्राइम) सतीश गोलता ने भी पुलिस बल के साथ मौजपुर, जाफराबाद, बाबरपुर में फ्लैग मार्च किया।
885 से लोग हिरासत में
पुलिस ने उत्तर पूर्वी दिल्ली हिंसा में शामिल उपद्रवियों की पहचान तेज कर दी है। इस मामले में गिरफ्तार और हिरासत में अब तक 885 लोगों को लिया गया है। ोपुलिस अलग-अलग वीडियो, फोटो के जरिए दंगाईयों की पहचान कर रही है। जाफराबाद में खुलेआम तमंचा चलाने वाले शाहरूख को पकड़ने के लिए भी पुलिस की दो टीमें गठित हुई हैं। वहीं, दिल्ली हिंसा के आरोपी और आम आदमी पार्टी से निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन की तलाश पुलिस ने तेज कर दी है। ताहिर की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने पांच टीमें गठित की हैं।
नए पुलिस कमिश्नर ने संभाला कार्यभार
1985 बैच के आईपीएस अफसर एसएन श्रीवास्तव ने रविवार को पुलिस आयुक्त का प्रभार संभाला। दिल्ली हिंसा के बीच उन्हें दिल्ली का विशेष पुलिस आयुक्त (लॉ एंड ऑर्डर) नियुक्त किया गया था। नए पुलिस कमिश्नर अभी जम्मू-कश्मीर (ट्रेनिंग) में सीआरपीएफ में तैनात थे। पुलिस आयुक्त का प्रभार संभालने के बाद श्रीवास्तव ने कहा," मेरी पहली प्राथमिकता है कि वह दिल्ली में हालात को सामान्य करें। दोषियों पर कार्रवाई हो।"
हम 200 थे और वो हजारों: एसीपी
दिल्ली हिंसा में घायल हुए एसीपी अनुज कुमार ने शनिवार को मीडिया के सामने हिंसा की कहानी बयां की। उन्होंने कहा- जिस दिन उनपर हमला हुआ था उस दिन मौके पर पुलिसकर्मियों की संख्या काफी कम थी। उस दिन हम केवल 200 थे और उपद्रव करने वालों की संख्या हजारों में थी। देखते ही देखते धरना प्रदर्शन बवाल में तब्दील हो गया। लोग आग लगाने लगे, पत्थर फेंकने लगे।
अब तक 42 की मौत
दिल्ली में हुए सांप्रदायिक हिंसा में मृतकों की संख्या बढ़कर 42 हो गयी है। जबकि 250 से अधिक लोग घायल हुए हैं। इनके कारण मुख्य रूप से जो क्षेत्र प्रभावित हुए हैं, उनमें जाफराबाद, मौजपुर, चांदबाग, खुरेजी खास और भजनपुरा शामिल हैं।
23 फरवरी को हुई थी हिंसा की शुरुआत
दिल्ली के उत्तरपूर्वी इलाके में नागरिकता कानून के समर्थन और विरोध करने वाले दो गुटों के बीच झड़प से इस हिंसा की शुरुआत हुई थी। 23 फरवरी की रात को उपद्रवियों ने फिर हिंसा शुरू की। मौजपुर, करावल नगर, बाबरपुर, चांद बाग में पथराव और हिंसा की घटनाएं सामने आईं। प्रदर्शनकारियों ने कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया था। यह हिंसा 24 और 25 फरवरी को भी जारी रही।