36 घंटे तक दिल्ली को जलाने वालों की तलाश में जुटी पुलिस; PFI अध्यक्ष और सचिव अरेस्ट, फंडिंग का आरोप

दिल्ली हिंसा की जांच कर रही पुलिस लगातार आरोपियों की धर पकड़ कर रही है। इसी क्रम में पीएफआई के अध्यक्ष और सेक्रेटरी को गिरफ्तार किया है। पीएफआई पर शाहीन बाग प्रदर्शन को फंडिंग करने और दिल्ली हिंसा को बढ़ावा देने का आरोप है। 

Asianet News Hindi | Published : Mar 12, 2020 4:45 AM IST / Updated: Mar 12 2020, 10:29 AM IST

नई दिल्ली. संशोधित नागरिकता कानून को लेकर उत्तर पूर्वी दिल्ली इलाकों में हुई हिंसा मामलों की जांच कर रही पुलिस की स्पेशल सेल ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के प्रेसिडेंट परवेज और सेक्रेटरी इलियास को आज यानी गुरुवार की सुबह गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार दोनों शख्स पर  दिल्ली में हिंसा भड़काने का आरोप है। स्पेशल सेल गिरफ्तार पीएफआई के दोनों सदस्यों से पूछताछ कर रही है। यह पूछताछ फंडिंग को लेकर भी हो रही है। 

एक सदस्य पहले ही किया जा चुका है गिरफ्तार 

दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर पुलिस की जांच जारी है। इसी क्रम में इससे पहले स्पेशल सेल ने पीएफआई के सदस्य दानिश को गिरफ्तार किया था। उसे सीएए विरोध प्रदर्शनों के दौरान कथित रूप से दुष्प्रचार करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने कहा था कि दानिश पीएफआई के काउंटर इंटेलिजेंस विंग का प्रमुख है और शहर भर में सीएए विरोधी प्रदर्शन में सक्रिय रूप से भाग लेता रहा है। पीएफआई पर नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) प्रदर्शन के दौरान लोगों को भड़काने और फंडिंग करने का आरोप है। 

36 घंटे तक जली थी दिल्ली 

उत्तर पूर्वी दिल्ली के इलाकों में 23 फरवरी की देर शाम से छिटपुट हिंसा की शुरूआत हुआ। जो 24 फरवरी को विकराल रूप धारण कर लिया। जिसके बाद 25 फरवरी की देर शाम तक हिंसा की घटनाएं घटित होती रहीं। गृहमंत्रालय के मुताबिक उत्तर पूर्वी दिल्ली में 36 घंटे तक हिंसा की घटनाएं घटित हुई। जिस पर 36 घंटे बाद काबू पाया जा सका। 

52 लोगों की हुई मौत

संशोधित नागरिकता कानून को लेकर दिल्ली में हुए भयंकर हिंसा में अब तक कुल 52 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि 500 से अधिक लोग घायल हैं। हिंसा में मरने वालों में आईबी अफसर अंकित शर्मा और दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल अंकित शर्मा भी शामिल हैं। दंगाइयों ने अंकित शर्मा के शरीर पर 400 बार चाकू से गोंदा था। इसके साथ ही आंत को भी खींचने की कोशिश की थी। जिसके बाद शर्मा के शव को नाले मे फेंक दिया था। वहीं, शहीद रत्नलाल बुखार से पीड़ित होने के बाद भी हिंसा करने वालों को रोकने की कोशिश कर रहे थे। इस दौरान दंगाइयों ने उन्हें अपना शिकार बना लिया। 

300 से अधिक लोग आए थे यूपी 

गृहमंत्री अमित शाह ने सोमवार को दिल्ली हिंसा पर लोकसभा में आयोजित चर्चा पर सवालों के जवाब में कहा कि दिल्ली में हिंसा करने वालों की पहचान की जा रही है। किसी भी दोषी को छोड़ा नहीं जाएगा। शाह ने कहा कि दिल्ली में हिंसा के दौरान उत्तर प्रदेश से 300 से अधिक लोग आए थे। उन्होंने दिल्ली में इस भयंकर हिंसा की घटना को अंजाम दिया है। जिनकी पहचान कर तलाश की जा रही है। 

ताहिर हुसैन गिरफ्तार भाई भी हिरासत में 

दिल्ली हिंसा का मास्टरमाइंड कहा जा रहा ताहिर हुसैन हिंसा के बाद से 8 दिन तक फरार रहा। जिसके बाद 5 मार्च को दिल्ली पुलिस ने ताहिर हुसैन को गिरफ्तार कर लिया। हिंसा के दौरान ताहिर के घर की छत पर ईंट पत्थर, गुलेल, पेट्रोल बम और तेजाब पाया गया था। हिंसा के दौरान का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें ताहिर दंगाइयों को प्रोत्साहित करता हुआ दिखाई दे रहा है। 

ताहिर हुसैन ने गिरफ्तारी से बचने के लिए दिल्ली की एक अदालत में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल करते हुए सरेंडर करने का निर्णय लिया था। लेकिन उससे पहले दिल्ली पुलिस ने कोर्ट परिसर से बाहर ही ताहिर को गिरफ्तार कर लिया। जिसके बाद उससे पूछताछ जारी है। इस दौरान अंकित शर्मा की हत्या में ताहिर के भाई का भी नाम सामने आया है। जिसके बाद पुलिस ताहिर के भाई को भी हिरासत में लिया है। 

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