Delhi pollution: दिल्ली की हवा अभी भी 'बहुत खराब' कैटेगरी में; AQI 362 दर्ज किया गया, 3 दिनों तक 'खैर' नहीं

दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र(NCR) में वायु गुणवत्ता(air quality) लगातार खराब बनी हुई है। वायु गुणवत्ता और मौसम पूर्वानुमान और अनुसंधान प्रणाली (SAFAR) के अनुसार गुरुवार सुबह दिल्‍ली की वायु गुणवत्‍ता सूचकांक (Delhi AQI) 362 रही। यह बेहद खराब श्रेणी में आती है।

Asianet News Hindi | Published : Nov 18, 2021 3:20 AM IST / Updated: Nov 18 2021, 01:42 PM IST

नई दिल्ली. दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र(NCR) में वायु गुणवत्ता(air quality) में अभी भी कोई सुधार नहीं हुआ है। वायु प्रदूषण (Air Pollution) का स्तर लगातार खतरनाक स्थिति में बना हुआ है। वायु गुणवत्ता और मौसम पूर्वानुमान और अनुसंधान प्रणाली (SAFAR) के अनुसार गुरुवार सुबह दिल्‍ली का वायु गुणवत्‍ता सूचकांक (Delhi AQI) 362 रही। यह बेहद खराब श्रेणी में आती है। माना जा रहा है कि तमाम कड़े फैसलों और पाबंदियों के बावजूद रविवार तक दिल्ली का यही हाल रहेगा। इस बीच 18 नवंबर को दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि राजधानी में प्रदूषण में पराली की हिस्सेदारी 35-40% है।

यह है दिल्ली का हाल
गुरुवार सुबह विभिन्न इलाकों में AQI यह दर्ज किया गया-फरीदाबाद-350, गाजियाबाद-368, ग्रेटर नोएडा-358, गुरुग्राम-354 और नोएडा-369। यह सभी खराब श्रेणी में आते हैं। बता देंकि AQI को शून्य और 50 के बीच ‘अच्छा’, 51 और 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 और 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 और 300 के बीच ‘खराब’, 301 और 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 और 500 के बीच ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है।

एक स्टडी में ओजोन को बताया जिम्मेदार
हाल में एक अंतरराष्ट्रीय स्टडी में खुलासा हुआ कि दिल्ली में पिछले साल Corona महामारी के दौरान लगाए गए लॉकडाउन में उम्मीद थी कि वायु प्रदूषण कम होगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसकी वजह ओजोन(Ozone-O3) को माना गया। कनाडा स्थित यॉर्क यूनिवर्सिटी  (York University) ने इस बारे में एक स्टडी की थी। इससे पता चला कि दिल्ली में पहले लॉकडाउन के दौरान प्रदूषणकारी तत्व तो कम हुए थे, लेकिन ओजोन के स्तर (Ozone Level) में कोई कमी नहीं आई थी। तब यातायात बेहद कम था। इसलिए आसमान एकदम साफ था। बावजूद प्रदूषण कम नहीं हुआ था। यह स्टडी Environmental Science: Processes & Impacts जर्नल में छपी है।

सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद जागी सरकारें
दिल्ली में वायु प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने बुधवार को केंद्र और राज्यों से कहा कि वायु प्रदूषण (AIR PULLUTION) पर अंकुश लगाएं। कोर्ट ने कहा कि बैठक में जो भी निर्णय हुए हैं, उन्हें अमल में लाएं। कोर्ट (Court) ने इस दौरान अफसरों की लापरवाही पर  नाराजगी जताई और कहा कि नौकरशाही ने निष्क्रियता विकसित की है। वे कोई फैसला नहीं करना चाहते और वह हर चीज अदालत के भरोसे छोड़ना चाहते हैं। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने औद्योगिक प्रदूषण, थर्मल प्लांट, वाहनों के उत्सर्जन, धूल नियंत्रण, डीजल जनरेटर के साथ-साथ घर से काम को प्रोत्साहित करने के लिए कई आपातकालीन कदम उठाए थे। 

कमीशन फॉर एयर क्‍वालिटी मॉनिटरिंग (CAQM) के आदेश
कमीशन फॉर एयर क्‍वालिटी मॉनिटरिंग (CAQM) ने दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और यूपी के साथ हुई बैठक के बाद कई महत्वपूर्ण फैसले लिए। इसमें दिल्ली के 300 किमी के दायरे में आने वाले 11 में से 6 थर्मल प्लांट 30 नवंबर तक बंद करने का फैसला लिया गया। दिल्ली-NCR में सभी सरकारी दफ्तरों और निजी दफ्तरों में 50 प्रतिशत कर्मचारी आएंगे।  बाकी वर्क फ्रोम होम करेंगे। कंस्ट्रक्शन एक्टिविटी पर रोक लगा दी गई है। पेट्रोल की 15 साल, जबकि डीजल की 10 साल पुरानी गाड़ियों को सड़क पर उतरने से रोका गया है। उधर, दिल्ली सरकार में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि दिल्ली के सरकारी विभागों में 100 प्रतिशत वर्क फ्रॉम होम कर दिया गया है। दिल्ली में 1000 CNG प्राइवेट बसों को हायर किया जा रहा है। ये बसें 18 नवंबर को हायर की जाएंगी। दिल्ली में गैस से चलने वाले उद्योगों को छोड़कर बाकी बंद किए जाएंगे। दिल्ली में 372 वॉटर टैंक छिड़काव के लिए लगाए गए हैं। वहीं फायर ब्रिगेड की मदद से 13 हॉट स्पॉट पर भी पानी का छिड़काव कराया जा रहा है।

यह भी पढ़ें
Delhi Pollution: दिल्ली के 300 किमी के दायरे में आने वाले 6 थर्मल प्लांट होंगे बंद; पुरानी गाड़ियों पर भी बैन
AIR POLLUTION : UP के नोएडा में स्कूल-कॉलेज 21 तक बंद, दफ्तरों में सिर्फ 50% कर्मचारी आएंगे
Petrol-Diesel Price, 18 Nov 2021, कच्‍चे तेल की कीमत में भारी गिरावट के बाद भी सस्‍ता नहीं हुआ पेट्रोल और डीजल

 

Share this article
click me!