Delhi pollution:दिल्ली की हवा लगातार गंभीर श्रेणी में, AQI 355; सरकार से गुस्से में लोग-'मौज लो दिल्लीवालो'

दिल्ली-NCR में वायु प्रदूषण (Air Pollution) लगातार खतरनाक स्तर पर बना हुआ है। 20 नवंबर की सुबह वायु गुणवत्ता सूचकांक (Delhi AQI) 355 दर्ज किया गया, जबकि एक दिन पहले यह 332 था। पॉल्युशन रोकने की दिशा में किए जा रहे सरकारी प्रयासों को लेकर लोगों में नाराजगी नजर आने लगी है।

नई दिल्ली. राजधानी को वायु प्रदूषण से मुक्ति नहीं मिल पा रही है। दिल्ली-NCR में अभी भी वायु प्रदूषण (Air Pollution) खतरनाक स्तर पर है। शुकवार सुबह यहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (Delhi AQI) 332 था, लेकिन 20 नवंबर को फिर बढ़कर 355 हो गया। यह स्थिति बेहद खराब श्रेणी में आती है। 

प्रदूषण रोकने सरकारी प्रयास जारी, लोग खुश नहीं
दिल्ली में वायु प्रदूषण रोकने की दिशा में दिल्ली सरकार ने कई कड़े कदम उठाए हैं। परिवहन विभाग ने वाहन चालकों से अपनी गाड़ियों पर ईंधन की पहचान वाले रंगीन स्टीकर लगवाने के निर्देश दिए हैं। परिवहन विभाग ने 19 नवंबर को एक नोटिस जारी करके कहा कि सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश और केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 के अनुसार दिल्ली राज्यक्षेत्र में पंजीकृत सभी वाहनों पर क्रोमियम आधारित होलोग्राम स्टीकर का प्रदर्शन अनिवार्य है। इस बीच दिल्ली सरकार ने 19 नवंबर से 'रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ' अभियान का दूसरा चरण शुरू किया है। अभियान 3 दिसंबर तक चलेगा। इसका मकसद ट्रैफिक सिग्नल पर रेड लाइट होने पर गाड़ियां बंद करके खड़े होने के लिए लोगों को प्रेरित करना है। दिल्ली सरकार में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने अभियान का शुभारंभ किया। उन्होंने इसके कुछ फोटोज twitter पर शेयर किए। इस पर एक यूजर ने लिखा-केंद्र सरकार का 2400 करोड़ डकारने के बाद आज दिल्ली के मलिक का नया शगूफा... 2025 तक जमुना बिल्कुल साफ कर देंगे, खुद भी डुबकी लगाऊंगा और जनता को भी डुबकी लगवाएंगे! 2015 से यही चल रहा है!

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दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल के twitter पर भी तीखी प्रतिक्रियाएं
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के twitter हैंडल पर भी लोग नाराजगी जता रहे हैं। एक यूजर ने लिखा-लगभग 7 साल हो गए ... आज दिल्ली के सारे बॉर्डर सील कर दिए, प्रदूषण के कारण' जिसमें कमर्शियल गाड़ियां रोकी गईं, जिसमें CNG डीजल ट्रक-टैम्पो। सरकार के हिसाब से CNG गाड़ी प्रदूषण नहीं करतीं। दिल्ली के ड्राइवर बॉर्डर पर हवा खा रहे हैं, प्राइवेट कार allow हैं वो कोई भी हों।

#एक यूजर ने लिखा-AQI तो हमे पता है। इसको काम करने के लिए क्या कर रहे हो? राजनीति और विज्ञापन के अलावा?

#एक यूजर ने  लिखा-पराली गलाने के कैप्सूल के लिए 40,000 खर्च किए और किसानो को इसके लिए जागरूक करने मे 16 करोड़ (15,80,36,828)।

#प्रदूषण झेले जनता, नेता गए घूमने। कुछ गोवा पहुंच गए, कुछ उत्तराखंड। 
मौज लो दिल्ली वालो...पानी माफ, बिजली हाफ ने बच्चों का जीना दूभर कर दिया।

50 तक AQI माना जाता है अच्छा 
एयर क्वालिटी इंडेक्स 0 से 50 के बीच अच्छा माना जाता है। 51 से 100 के बीच यह संतोषजनक, जबकि 101 से 200 के बीच मध्यम माना जाता है। 201 से 300 के बीच यह खराब श्रेणी में आता है और 301 से 400 के बीच बेहद खराब। 401 से 500 के बीच एयर क्वालिटी इंडेक्स गंभीर श्रेणी में आता है

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