
नई दिल्ली। दिल्ली की हवा एक बार फिर ज़हरीली हो गई है। पिछले कई दिनों से AQI लगातार “बहुत खराब” और “गंभीर” श्रेणी में बना हुआ है। लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही है, आंखों में जलन बढ़ रही है, और सुबह का आसमान धुंध और स्मॉग से भर गया है। इसी बिगड़ते हालात को देखते हुए दिल्ली सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए GRAP 3 एक्टिवेट कर दिया है। GRAP यानी Graded Response Action Plan-यह प्रदूषण बढ़ने पर लागू होने वाला चरणबद्ध प्लान है। स्टेज 3 सबसे सख्त चरणों में आता है। इसके तहत दिल्ली सरकार ने प्राइवेट ऑफिसों को एडवाइजरी जारी की है कि वे 50% कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम करने दें।
GRAP 3 के तहत दिल्ली सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। एडवाइजरी के अनुसार, कंपनियों को सुझाव दिया गया है कि वे अपने आधे कर्मचारियों को घर से काम करने दें और बाकी आधे को ही ऑफिस बुलाएं। इसका उद्देश्य एक ही है कि दिल्ली की सड़कों पर वाहनों की संख्या कम हो और हवा में मौजूद खतरनाक पार्टिकुलेट मैटर (PM2.5, PM10) का स्तर धीरे-धीरे नीचे आ सके। सरकारी दफ्तर पहले से ही अलग-अलग टाइम स्लॉट्स में काम कर रहे हैं ताकि भीड़भाड़ कम हो।
कई रिपोर्टों में यह भी बताया गया है कि आने वाले दिनों में मौसम की स्थिति दिल्ली के पक्ष में नहीं है। हवा की गति कम है, तापमान गिर रहा है और कोहरा बढ़ रहा है-इन सबके कारण प्रदूषण ज़मीन के पास ही फँस जाता है। यही वजह है कि दिल्ली का AQI लगातार 380 से 450 के बीच बना हुआ है। सरकार का मानना है कि अगर सड़कों पर गाड़ियां कम होंगी, तो हवा में मौजूद PM2.5 और PM10 पार्टिकुलेट मैटर भी कम फैलेंगे। यह कदम सीधे तौर पर ट्रैफिक और एमिशन को नियंत्रित करने के लिए उठाया गया है।
दिल्ली की रेखा गुप्ता सरकार के वर्क फॉर्म होम के आदेश पर विशेषज्ञों का कहना है कि यह एक राहत देने वाला कदम है, लेकिन समाधान नहीं। दिल्ली की हवा को साफ होने के लिए सिर्फ वर्क फ्रॉम होम काफी नहीं-हवा की गति, तापमान में बदलाव और मौसम का साथ भी जरूरी है। लेकिन फिलहाल हवा की रफ्तार बहुत कम है, कोहरा बढ़ गया है और तापमान नीचे जा रहा है, जिससे प्रदूषण जमीन के करीब फंस जाता है।
GRAP 3 लागू होने के बाद कई सख्त नियम शुरू हो जाते हैं:
सरकारी ऑफिस पहले से ही अलग-अलग टाइम स्लॉट्स में काम कर रहे हैं ताकि ट्रैफिक कम हो और प्रदूषण थोड़ा नियंत्रित हो सके।
दिल्ली की हवा हर सर्दी में खतरे की घंटी बजाती है। इस बार भी हालात गंभीर हैं। वर्क फ्रॉम होम का आदेश एक बड़ा कदम है, लेकिन असली राहत तभी मिलेगी जब मौसम बदलने लगेगा और प्रदूषण स्रोतों पर सख्त कार्रवाई होगी।