Delhi Blast: उमर की टेक टीम का मेगा ब्लास्ट ब्लूप्रिंट-सीक्रेट 'D-Day' का NIA जांच में खुला राज

Published : Nov 23, 2025, 08:28 AM IST
 Terror Doctors Multi City Serial Bombing Plan

सार

Delhi Blast Case: NIA ने खुलासा किया कि 5 डॉक्टरों ने 26 लाख रुपये और 26 क्विंटल फर्टिलाइज़र जुटाकर मल्टी-सिटी सीरियल ब्लास्ट नेटवर्क तैयार किया था। डॉ. उमर मास्टरमाइंड, कई आरोपी गिरफ्तार, एक अफ़गानिस्तान फरार-क्या और भी राज़ बाकी हैं?

नई दिल्ली। भारत की सुरक्षा एजेंसियों के सामने ऐसे सच आ रहे हैं, जिन पर यकीन करना मुश्किल है। डॉक्टर-जो लोगों की जान बचाने की कसम खाते हैं, वे ही एक खतरनाक मल्टी-सिटी सीरियल बॉम्बिंग प्लान बना रहे थे। NIA की जांच में सामने आया है कि पांच डॉक्टर, 26 लाख रुपये का सीक्रेट फंड-26 क्विंटल फर्टिलाइज़र, डेटोनेटर और एक मल्टी-सिटी सीरियल ब्लास्ट प्लान, जिसे बड़ी बारीकी से कई महीनों में आतंक की एक ऐसी चेन तैयार की, जो देश के कई शहरों को एक साथ हिला सकती थी। इस नेटवर्क की परतें तब खुलीं जब NIA ने डॉ. मुज़म्मिल शकील गनई से पूछताछ की, जो दिल्ली लाल किले कार ब्लास्ट केस के व्हाइट-कॉलर टेरर मॉड्यूल का हिस्सा बताया जाता है। दिल्ली लाल किले में हुए कार ब्लास्ट के बाद से पकड़े गए मेडिकल प्रोफेशनल्स पर जो खुलासे हुए हैं, वो किसी थ्रिलर फिल्म से कम नहीं। लेकिन असल सवाल यह है कि इस नेटवर्क का अंतिम लक्ष्य क्या था? और कौन-कौन इससे जुड़ा है?

क्या डॉक्टरों ने सच में 26 लाख रुपये फंड करके बम बनाने की योजना बनाई थी?

NIA के मुताबिक पांच डॉक्टरों ने एक प्रोफेशनली प्लान की गई टेरर साजिश के लिए कुल 26 लाख रुपये इकट्ठा किए थे।

कौन कितना पैसा लाया?

मुज़म्मिल गनई- ₹5 लाख

  • डॉ. अदील राथर- ₹8 लाख
  • अदील का भाई मुज़फ़्फ़र-₹6 लाख
  • डॉ. शाहीन-₹5 लाख
  • डॉ. उमर उन नबी (मास्टरमाइंड)-₹2 लाख

पूरी रकम आखिरकार उमर को सौंप दी गई क्योंकि बॉम्ब बनाने और टेक्निकल ऑपरेशन की जिम्मेदारी उसी की थी।

26 क्विंटल फर्टिलाइज़र का क्या उपयोग होने वाला था?

सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि मुज़म्मिल ने माना कि उसने गुरुग्राम और नूह के सप्लायर्स से करीब 3 लाख रुपये में 26 क्विंटल NPK फर्टिलाइज़र खरीदा था। यह वही फर्टिलाइज़र है जिसे अमोनियम नाइट्रेट और अन्य केमिकल्स के साथ मिलाकर विस्फोटक सामग्री बनाई जा सकती है। जांच एजेंसी को शक है कि NPK, अमोनियम नाइट्रेट, यूरिया और डेटोनेटर-इन सबका इस्तेमाल बड़े धमाकों की तैयारी में होना था। NIA अधिकारियों के मुताबिक, “यह अचानक किया गया काम नहीं था। वे रातों-रात बम नहीं बना रहे थे। हर चीज़ बहुत प्लानिंग के साथ हो रही थी।” दूसरे अधिकारी का दावा है कि “उमर टेक्निकल हिस्सा संभाल रहा था। बाकी लोग अलग-अलग सप्लाई और फंडिंग में लगे थे।”

क्या यह भारत में मल्टी-सिटी सीरियल ब्लास्ट का सबसे बड़ा डॉक्टर नेटवर्क था?

जांच में सामने आ रहा है कि यह सिर्फ एक ग्रुप नहीं, बल्कि एक मल्टी-सिटी एक्टिव नेटवर्क था।

  • फंडिंग अलग-अलग शहरों से
  • केमिकल सप्लाई अलग शहरों से
  • और असेंबलिंग एक सुरक्षित जगह पर
  • -सब कुछ प्रोफेशनल तरीके से चलता रहा।

कौन पकड़ा गया और कौन अभी भी फरार है?

  • दिल्ली ब्लास्ट में अब तक डॉ. मुज़म्मिल, डॉ. शाहीन और डॉ. अदील को गिरफ्तार किया गया।
  • अभी मुज़फ़्फ़र (अदील का भाई) फरार है। माना जा रहा है कि वह अफगानिस्तान भाग गया है।
  • डॉ. निसार उल-हसन (अल-फलाह मेडिकल कॉलेज, फरीदाबाद) की तलाश जारी है।

क्या अगर NIA समय रहते न पहुंचती तो भारत में सीरियल ब्लास्ट हो जाते?

  • यह साजिश जिस प्रोफेशनल तरीके से रची गई थी, उससे जांच एजेंसियों की चिंता बढ़ गई है।
  • 26 लाख का फंड + 26 क्विंटल फर्टिलाइज़र + टेक्निकल एक्सपर्ट डॉक्टर = एक खतरनाक ब्लास्ट नेटवर्क
  • जिसे अगर समय रहते रोक न दिया जाता, तो इसका अंजाम बेहद विनाशकारी हो सकता था।
  • जांच आगे बढ़ रही है, और NIA को उम्मीद है कि जल्द ही इस पूरे नेटवर्क की अंतिम कड़ी भी पकड़ ली जाएगी।

क्या 'टेरर डॉक्टरों' ने 26 लाख रुपये का फंड कैसे जुटाया?

  • जांच में सामने आया कि पांच डॉक्टरों ने अपने-अपने हिस्से से पैसा दिया…

26 क्विंटल NPK फर्टिलाइज़र क्यों खरीदा गया? क्या बनने वाला था बड़ा धमाका?

  • मुज़म्मिल ने माना कि उसने 3 लाख में फर्टिलाइज़र खरीदा जो बाद में…

क्या डॉ. उमर था पूरे ऑपरेशन का टेक्निकल मास्टरमाइंड?

  • डेटोनेटर, सर्किटरी और विस्फोटक तैयार करने की ज़िम्मेदारी उसी की थी…

अफ़गानिस्तान भागा ‘मिसिंग लिंक’ कौन है?

  • मुज़फ़्फ़र के फरार होने से नए इंटरनेशनल कनेक्शन का शक और गहरा हो गया…

अल-फ़लाह मेडिकल नेटवर्क में छिपे और कितने चेहरे?

  • NIA अब डॉ. निसार उल-हसन की तलाश में है, जो इस मॉड्यूल से जुड़ा बताया जाता है…

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