दिल्ली-NCR की हवा में जहर! पराली नहीं असली वजह कुछ और,पढ़िए चौंकाने वाली रिपोर्ट

Published : Nov 04, 2025, 08:37 PM IST
delhi pollution report

सार

Most Polluted Cities in India: अक्टूबर 2025 में दिल्ली देश का छठा सबसे प्रदूषित शहर रही। CREA की रिपोर्ट के मुताबिक, एनसीआर और हरियाणा के कई शहरों में हवा की गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर पहुंच गई। वहीं, शिलांग देश का सबसे स्वच्छ शहर बना रहा। 

Delhi Pollution Causes: दिल्ली की हवा एक बार फिर जहर बन चुकी है। हालिया रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि अक्टूबर 2025 में दिल्ली देश की छठी सबसे प्रदूषित सिटी रही। सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर (CREA) की स्टडी ने ये चौंकाने वाले आंकड़े जारी किए हैं। दिल्ली के आसपास के इलाके गाजियाबाद, नोएडा, रोहतक और धारूहेड़ा, राजधानी से भी ज्यादा प्रदूषित पाए गए। रिपोर्ट ने इस बात पर जोर दिया है कि एनसीआर (NCR) और इंडो-गंगेटिक प्लेन में हवा की गुणवत्ता सबसे तेजी से बिगड़ी है। सबसे बड़ी बात कि दिल्ली में प्रदूषण का कारण पराली नहीं कुछ और है। जानिए रिपोर्ट में क्या है...

सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर

CREA की रिपोर्ट के अनुसार, हरियाणा का धारूहेड़ा अक्टूबर में देश का सबसे प्रदूषित शहर रहा। यहां का औसत PM2.5 स्तर 123 µg/m³ रिकॉर्ड किया गया, जो राष्ट्रीय मानक (NAAQS-60 µg/m³) से दो गुना ज्यादा है। धारूहेड़ा में अक्टूबर के दौरान 77% दिन प्रदूषण की सीमा से ऊपर रहे, जिनमें 2 दिन 'गंभीर' और 9 दिन 'बहुत खराब' श्रेणी में दर्ज किए गए। यह आंकड़े दिखाते हैं कि न सिर्फ दिल्ली, बल्कि पूरा एनसीआर प्रदूषण की गिरफ्त में है।

दिल्ली में प्रदूषण का हाल

दिल्ली का औसत PM2.5 स्तर अक्टूबर में 107 µg/m³ रहा, जबकि सितंबर में यह सिर्फ 36 µg/m³ था। यानी, सिर्फ एक महीने में तीन गुना बढ़ोतरी। इससे साफ है कि सर्दियों की शुरुआत के साथ हवा में जहरीले कणों की मात्रा खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है। दिल्ली में अक्टूबर के दौरान लगातार कई दिन 'वेरी पुअर' कैटेगरी में दर्ज हुए, जिससे लोगों के लिए सांस लेना मुश्किल हो गया।

दिल्ली में प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण

रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि अक्टूबर में दिल्ली के कुल प्रदूषण में पराली का योगदान सिर्फ 6% से भी कम था। इसका मतलब है कि सिर्फ पराली जलाने को दोष देना गलत होगा। असली वजहें गाड़ियों से निकलने वाला धुआं,निर्माण कार्यों की धूल, फैक्ट्रियों और औद्योगिक उत्सर्जन, कचरा जलाना और डीजल जेनरेटर हैं। ये स्रोत पूरे साल सक्रिय रहते हैं, इसलिए सिर्फ GRAP से प्रदूषण पर काबू पाना मुश्किल है।

GRAP क्या है?

सरकार हर साल की तरह इस बार भी GRAP (Graded Response Action Plan) लागू करती है, जिसमें निर्माण कार्यों पर रोक, डीजल गाड़ियों पर पाबंदी और स्मॉग टावर लगाने जैसे कदम उठाए जाते हैं। लेकिन CREA की रिपोर्ट बताती है कि ये कदम केवल अस्थायी राहत देते हैं, स्थायी समाधान नहीं। विशेषज्ञों के मुताबिक, अब जरूरत इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से अपनाने, पब्लिक ट्रांसपोर्ट को सस्ता और आसान बनाने, निर्माण स्थलों की धूल नियंत्रण तकनीक को अनिवार्य करने की है।

10 सबसे प्रदूषित शहर

CREA की रिपोर्ट के अनुसार, टॉप 10 प्रदूषित शहरों की लिस्ट में ज्यादातर एनसीआर और हरियाणा के हैं। इनमें रोहतक, गाजियाबाद, नोएडा, बल्लभगढ़, भिवाड़ी, ग्रेटर नोएडा, हापुड़ और गुड़गांव भी शामिल हैं। यानी पूरा एनसीआर रेड जोन में है, जहां हवा में जहर घुल चुका है।

सबसे साफ शहर कौन सा है?

एक ओर जहां उत्तर भारत दम घुटने की स्थिति में है, वहीं मेघालय का शिलांग देश का सबसे साफ शहर बना है। यहां अक्टूबर 2025 में औसत PM2.5 स्तर सिर्फ 10 µg/m³ रहा, जो WHO के मानक (15 µg/m³) से भी बेहतर है। इसके अलावा, कर्नाटक और तमिलनाडु के शहरों ने भी साफ हवा के मामले में शानदार प्रदर्शन किया। सितंबर में जहां 179 शहरों की हवा 'गुड' थी। वहीं अक्टूबर में यह संख्या घटकर सिर्फ 68 रह गई। यह साफ संकेत है कि ठंड बढ़ने के साथ हवा में प्रदूषक कणों की मात्रा तेजी से बढ़ रही है।

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