Delhi riots : कोर्ट ने शुरू किया इंसाफ, बुजुर्ग महिला के घर आग लगाने वाले दिनेश यादव को पांच साल जेल की सजा

Delhi riots : उत्तर - पूर्वी दिल्‍ली दंगा मामले में यह पहली सजा है। कोर्ट ने द‍िनेश यादव को 12,000 रुपये का जुर्माना चुकाने का आदेश भी दिया है। दिनेश यादव को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वीरेंद्र भट की अदालत ने बीते माह फरवरी 2020 में उत्‍तर-पूर्वी दिल्‍ली में भड़के दंगों के दौरान एक घर में आग लगाने वाली दंगाइयों की भीड़ का हिस्सा होने के लिए दोषी ठहराया था।

Asianet News Hindi | Published : Jan 20, 2022 9:32 AM IST / Updated: Jan 20 2022, 03:07 PM IST

नई दिल्ली। फरवरी 2020 में उत्तर-पूर्वी द‍िल्‍ली में हुए दंगों के मामले में कोर्ट ने गुरुवार को पहली सजा सुनाई। इस मामले में दोषी ठहराए गए शख्‍स दिनेश यादव को 5 साल कैद की सजा सुनाई गई है। कोर्ट का यह फैसला गुरुवार को आया। दिनेश यादव 73 वर्षीय एक बुजुर्ग मह‍िला के घर पर हमला कर उसे आग के हवाले करने वाली भीड़ में शामिल था। कोर्ट ने दोषी द‍िनेश यादव को 12,000 रुपए का जुर्माना चुकाने का आदेश भी दिया है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वीरेंद्र भट की अदालत ने दिसंबर में दिनेश यादव को दोषी ठहराया था। वह 8 जून, 2020 को गिरफ्तार किया गया था। 

73 साल की महिला की शिकायत पर चला केस 
दिनेश यादव की गिरफ्तारी 73 वर्षीय महिला की शिकायत के बाद हुई थी। महिला ने बताया था कि 25 फरवरी 2020 को जब दंगा भड़का था, उनके घर में परिवार का कोई भी सदस्‍य मौजूद नहीं था। उसी समय 150-200 दंगाइयों की भीड़ ने उनके घर पर हमला कर दिया था और वहां तोड़फोड़ मचाने के साथ-साथ घर में आग भी लगा दी थी, जिससे उनका सबकुछ खाक हो गया है। दंगाइयों ने उनके घर का सामान भी लूट लिया था।  दंगाई उनके मवेशी तक चोरी कर ले गए थे। 73 साल की मनोरी छत से कूदीं और एक हिंदू परिवार के घर में छिपकर जान बचाई थी। इस मामले की जांच में पुलिस ने 25 वर्षीय दिनेश यादव को आरोपी बनाया। 3 अगस्‍त, 2021 को अदालत ने उसके खिलाफ आरोप तय किए। सुनवाई के दौरान अदालत ने दिनेश यादव के खिलाफ आरोपों को सही पाया और छह दिसंबर, 2021 को इस मामले में उसे दोषी ठहराया गया था।

CAA को लेकर झड़प के बाद भड़का था दंगा
उत्तर पूर्वी दिल्‍ली में फरवरी 2020 में दंगा उस वक्‍त भड़क उठा था, जब नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (CAA)के समर्थकों और इसके विरोध प्रदर्शन करेन वालों के बीच हिंसक झड़प हुई। इसके बाद झड़प दंगे में तब्दील हो गई। इस दौरान 50 से अधिक लोगों की मौत हुई थी। 

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