9/11 आतंकी हमले जैसा था दिल्ली दंगा, 17 फरवरी, 2020 को रची गई थी साजिश; Google Maps के जरिये जोड़ीं कड़ियां

CAA के विरोध में उत्तर पूर्वी दिल्‍ली में फरवरी 2020 में हुए दंगे को लेकर नए खुलासे सामने आ रहे हैं। इस मामले में UAPA के तहत गिरफ्तार उमर खालिद की बेल पर दिल्ली की एक अदालत में सोमवार को सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष(Prosecutors) ने दिल्ली के दंगों की तुलना 9/11 आतंकी हमले से की।

Asianet News Hindi | Published : Feb 1, 2022 6:39 AM IST

नई दिल्ली.नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2019 (CAA) के विरोध में उत्तर पूर्वी दिल्‍ली में फरवरी 2020 में हुए दंगे को लेकर नए खुलासे सामने आ रहे हैं। इस मामले में UAPA के तहत गिरफ्तार उमर खालिद की बेल पर दिल्ली की एक अदालत में सोमवार को सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष(Prosecutors) ने दिल्ली के दंगों की तुलना 9/11 आतंकी हमले से की। सुनवाई में अभियोजन पक्ष ने गूगल मैप के जरिए दिल्ली दंगे की पूरी साजिश की कड़ियों को जोड़ा। अभियोजन पक्ष के ओर से अमित प्रसाद ने अतिरिक्त सत्र न्याधीश अमिताभ रावत के कोर्ट में कहा कि दंगाई पहले फेज में दिसंबर 2019 में अपने मंसूबों को अजाम देने में विफल रहे थे। फिर फरवरी 2020 में ‘साइलेंट प्लॉट’ एंगल के तहत उन्होंने अपने अपनी साजिश का अंजाम दिया। बता दें कि इस मामले में बुधवार को भी सुनवाई जारी रहेगी।

17 फरवरी, 2020 को तय हो गया था कि दंगे होंगे
कोर्ट को अभियोजन पक्ष ने दंगे के हफ्तेभर पहले की चैट सामने रखते हुए बताया कि 17 फरवरी, 2020 को ही यह तय हो गया था कि दिल्ली में दंगे होंगे। अभियोजन पक्ष ने कोर्ट में ओवेस सुलमान खान नाम के एक शख्स का यह चैट पढ़कर सुनाया। इसमें लिखा गया था कि अतरह मियां स्थानीय लोगों के पास सबूत है कि बीती रात तुम लोगों ने रोड ब्लॉक करने की योजना बनाई थी। तुम लोगों की दंगा भड़काने की योजना है। इस चैट में भाजपा नेता कपिल मिश्रा का कहीं जिक्र नहीं था। यानी कपिल मिश्रा का नाम जबरन घसीटा गया।

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दिल्ली पुलिस का तर्क
दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद की जमानत याचिका (Umar Khalid bail plea) का विरोध करते हुए दिल्ली दंगों (Delhi Riots) की साजिश की तुलना अमेरिका में हुए 9/11 आतंकी हमले (9/11 Terror Attack) से की। स्पेशल पब्लिक प्रॉसीक्यूटर अमित प्रसाद ने कोर्ट में सुनवाई के दौरान उमर खालिद पर साजिश रचने के लिए बैठक आयोजित करने और नागरिकता (संशोधन) कानून के खिलाफ प्रदर्शन स्थल की निगरानी करने का आरोप लगाया।

UAPA के तहत हुई थी गिरफ्तारी
खालिद की गिरफ्तारी गैरकानूनी गतिविधियां कानून यानी UAPA के तहत की गई थी। उमर खालिद जेएनयू में 2016 में कथित तौर पर देश विरोधी दंगे हुए थे। इसमें उमर खालिद भी आरोपी बनाए गए थे। पुलिस ने देशद्रोह के मामले में कन्हैया कुमार के साथ उन्हें भी गिरफ्तार किया था। खालिद को 14 सितंबर, 2020 को गिरफ्तार किया गया था। खालिद पर आप के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन के साथ मिलकर दंगे भड़काने का आरोप है।

8 जनवरी को उमर खालिद से मिला था हुसैन
ताहिर हुसैन ने बताया वह 8 जनवरी को शाहीन बाग स्थित पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया के कार्यालय में जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद से मिला था। दिल्ली पुलिस के मुताबिक, हुसैन का काम ज्यादा से ज्यादा शीशे की बोतल, पेट्रोल, एसिड, पत्थर को अपने छत पर इकट्ठा करना था। वहीं एक अन्य आरोपी खालिद सैफी का काम प्रदर्शन करने के लिए लोगों को इकट्ठा करने का था।

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