सार

तम‍िलनाडु के तंजावुर जिले के एक मिशनरी स्कूल में पढ़ने वाली छात्रा के जहर खाने से हुई मौत का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। एक जनहित याचिका (PIL) के जरिये धर्मांतरण के विरोध में कानून बनाने की मांग की गई है। बता दें कि यह मामला मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै बैंच ने CBI को ट्रांसफर कर दिया है।

नई दिल्ली. तम‍िलनाडु के तंजावुर जिले के एक मिशनरी स्कूल में पढ़ने वाली 17 वर्षीय छात्रा लावण्या के जहर खाने से हुई मौत का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। एक जनहित याचिका (PUBLIC INTEREST LITIGATION-PIL) के जरिये धर्मांतरण के विरोध में कानून बनाने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट वह केंद्र सरकार को तत्‍काल एक सख्‍त धर्मांतरण विरोधी कानून बनाने का निर्देश दे, क्‍योंकि धोखे से धर्म परिवर्तन कराना संविधान के अनुच्छेद 14, 21, 25 का उल्लंघन है। बता दें कि यह मामला मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै बैंच ने CBI को ट्रांसफर कर दिया है। 

तमिलनाडु सरकार को लेकर गुस्सा
इस मामले में तमिलनाडु सरकार की उदासीनता ने लोगों में आक्रोश भड़का दिया है। नाराज छात्रों ने दिल्‍ली के तमिलनाडु भवन के बाहर जबरदस्‍त प्रदर्शन किया था। स्टालिन सरकार की चुप्पी ने मामले को राजनीति रंग दे दिया है। लावण्या के परिजन पहले ही कह चुके हैं कि उन्हें तमिलनाडु पुलिस की जांच पर कोई भरोसा नहीं है।  मरने से पहले छात्रा ने का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें उसने आरोप लगाया था कि हॉस्टल में उसका जबरन धर्म परिवर्तन कराने की कोशिश की जा रही थी। न्यायिक मजिस्ट्रेट ने मृत्यु से पहले उसका बयान दर्ज किया। न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने छात्रा ने अपने बयान में सीधा और स्पष्ट आरोप लगाया कि छात्रावास वार्डन ने उस पर गैर शैक्षणिक कामों का बोझ डाला, जिसकी वजह से उसने आत्महत्या का रास्ता चुना। 

वॉर्डन पर हैं गंभीर आरोप
मद्रास हाईकोर्ट ने इससे पहले 24 जनवरी को मौत से पहले पीड़िता का वीडियो बनाने वाले को पुलिस अधिकारियों के सामने पेश होने का आदेश दिया था। मृतका तंजावुर जिले के क्रिश्चियन मिशनरी स्कूल में पढ़ती थी। आरोप है कि हॉस्टल में उसका उत्पीड़न किया जाता था। वॉर्डन उससे अपने घर का काम कराती थी। मृतका ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल करके कहा था कि उसका जबरन धर्म परिवर्तन कराया गया है। जहर खाने के बाद गंभीर हालत में छात्रा को तंजावुर के मेडिकल कॉलेज में एडमिट कराया गया था, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी।

छत्तीसगढ़ तक गर्माया है यह मामला
17 साल की लावण्या के सुसाइड करने का मामला छत्तीसगढ़ तक गर्माया हुआ है।अखिल भारतीय घर वापसी अभियान के प्रमुख प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने पिछले दिनों कहा कि हिंदू बेटी के साथ तमिलनाडु में जो हुआ, वो अक्षम्य है। ईसाई मिशनरी सेवा के बदले सौदा करती हैं। बता दें कि प्रबल प्रताप छत्तीसगढ़ के BJP के सचिव भी हैं। 

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