Rohini court Bomb blast: अपराधियों ने रिमोट से कराया ब्लास्ट, साजिश को अंजाम देने वाले अभी भी पहुंच से बाहर

ब्लास्ट से 2 घंटे पहले और 2 घंटे बाद का डेटा पुलिस ने अपने पास सुरक्षित कर लिया है। रोहिणी कोर्ट के एक किलोमीटर के दायरे में ब्लास्ट के समय जितने भी नंबर एक्टिव थे, उन सभी नंबरों की बारीकी से जांच की जा रही है।

Asianet News Hindi | Published : Dec 13, 2021 9:53 AM IST

नई दिल्ली। दिल्ली (Delhi) के रोहिणी कोर्ट ब्लास्ट (Rohini Court Bomb Blast) एक बड़ी साजिश का हिस्सा था। ब्लास्ट केस की जांच कर रही पुलिस ने इस मामले में बड़ा खुलासा किया है। रोहिणी कोर्ट को दहलाने के लिए अपराधियों ने रिमोट बम (remote bomb) का इस्तेमाल किया था। धमाका रिमोट से किया गया था। ब्लास्ट के लिए पोटेशियम क्लोराइड (Potassium Chloride) और अमोनियम नाइट्रेट (Amonium Nitrate) के पाउडर का इस्तेमाल किया गया था। रिमोट से संचालित करने के लिए 12 वोल्ट की बैटरी भी लगाई गई थी। 

रिमोट ट्रिगर बाक्स भी बरामद

जांच एजेंसियों को ब्लास्ट केस में रिमोट ट्रिगर बाक्स (remote trigger box) भी मिला है। बताया जा रहा है कि धमाका करने के लिए बम बनाने का आइडिया समेत सारी सामग्री को जुटाने के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल किया गया है। सुरक्षा एजेंसियों (Security Agencies) का मानना है कि इस धमाका को अंजाम देने वाले ट्रेनी होंगे, क्योंकि बम बनाने में कई खामियां पकड़ी गई है। विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर बम को सही तरीके से बनाया जाता तो बड़े पैमाने पर नुकसान हो सकता था।

किसने रची थी साजिश यह सवाल अभी अनसुलझा

रोहिणी बम ब्लास्ट को हुए काफी दिन गुजर गए लेकिन जांच एजेंसियों के हाथ अभी भी खाली हैं। इस वारदात को अंजाम देने में किसका हाथ रहा, किसने-किसने साजिश को अंजाम दिया, यह सवाल अभी तक जस का तस ही है। ब्लास्ट के मामले की जांच को आगे बढ़ाते हुए दिल्ली पुलिस की टीम अब तक 50 से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज खंगाल चुकी है इतना ही नहीं स्पेशल सेल की टीम ने रोहिणी कोर्ट और उसके आसपास के मोबाइल टावर से डंप डाटा भी लिया है। लेकिन अभी साजिशकर्ता की जानकारी सिफर ही है। 

यह जानकारियां पुलिस के पास

ब्लास्ट से 2 घंटे पहले और 2 घंटे बाद का डेटा पुलिस ने अपने पास सुरक्षित कर लिया है। रोहिणी कोर्ट के एक किलोमीटर के दायरे में ब्लास्ट के समय जितने भी नंबर एक्टिव थे, उन सभी नंबरों की बारीकी से जांच की जा रही है। इन सभी नंबरों को फ़िल्टर करके पुलिस संदिग्धों तक पहुंचने का प्रयास कर रही है।

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