दिल्ली की महिला आयोग ने मंगलवार को उप-पुलिस आयुक्त, साइबर क्राइम सेल और दिल्ली पुलिस को टूलकीट मामले में दिशा रवि की गिरफ्तारी के लिए नोटिस भेजा। दिल्ली महिला आयोग का आरोप है कि बेंगलुरु स्थित अपने घर से दिशा रवि को उठाए जाने के बाद उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया था।
नई दिल्ली. दिल्ली की महिला आयोग ने मंगलवार को उप-पुलिस आयुक्त, साइबर क्राइम सेल और दिल्ली पुलिस को टूलकीट मामले में दिशा रवि की गिरफ्तारी के लिए नोटिस भेजा। दिल्ली महिला आयोग का आरोप है कि बेंगलुरु स्थित अपने घर से दिशा रवि को उठाए जाने के बाद उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया था।
पुलिस से क्या पूछा गया?
दिल्ली महिला आयोग ने दिल्ली पुलिस को एफआईआर की एक कॉपी देने के लिए कहा है। आरोप लगाया गया है कि दिशा के माता-पिता को भी खबर नहीं दी गई।
दिल्ली पुलिस से जानकारी मांगी गई है, 1) मामले में दर्ज एफआईआर की कॉपी, 2) ट्रांजिट रिमांड के लिए स्थानीय अदालत के समक्ष कथित रूप से गिरफ्तार लड़की की प्रोड्यूसिंग न करने का कारण, 3) कथित रूप से लड़की को उसकी पसंद का वकील उपलब्ध नहीं कराने के कारण जब उसे दिल्ली में अदालत में पेश किया गया, 4) मामले में विस्तृत कार्रवाई की रिपोर्ट। दिल्ली पुलिस को 19 फरवरी, 2021 तक तमाम जानकारी देने के लिए कहा गया है।
दिशा रवि कौन है?
दिशा रवि बेंगलुरु के एक निजी कॉलेज से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में स्नातक हैं। वह फ्राइडे फॉर फ्यूचर इंडिया नाम के एक समूह के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं। दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने कल 21 वर्षीय क्लाइमेट एक्टिविस्ट दिशा रवि को किसानों के विरोध प्रदर्शन से संबंधित 'टूलकिट' फैलाने में उसकी कथित भूमिका के लिए बेंगलुरु से गिरफ्तार किया।
टूलकिट में ऐसा क्या है?
स्वीडन की 18 साल की पर्यावरण एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने किसान आंदोलनों के बीच ट्विटर पर एक टूल शेयर किया था। टूलकिट में भारत में अस्थिरता फैलाने को लेकर साजिश का प्लान था। उसमें ट्विटर पर हैजटैग के साथ ही आंदोलन के दौरान क्या करें क्या न करें? कहीं फंसने पर क्या करें? ऐसे बहुत सारे सवालों के जवाब दिए गए थे। टूलकिट में ट्विटर के जरिये किसी अभियान को ट्रेंड कराने से संबंधित दिशानिर्देश भी थे।