दुनिया में कोरोना संक्रमण(corona virus) ने कई तकनीकों में बदलाव ला दिए हैं। खासकर, कोशिश यही है कि जिन चीजों को छूने से संक्रमण फैलने का खतरा बना रहता है, उनमें परिवर्तन किए जाएं। ऐसी ही एक टच स्क्रीन तैयार हो गई है, जो 9 सेमी की दूरी से अपने आसपास होनी वाली गतिविधियों को पकड़ लेगी। यानी बिना टच किए यह स्क्रीन आपके निर्देशों को फॉलो कर लेगी।
नई दिल्ली. दुनिया में कोरोना संक्रमण(corona virus) ने कई तकनीकों में बदलाव ला दिए हैं। खासकर, कोशिश यही है कि जिन चीजों को छूने से संक्रमण फैलने का खतरा बना रहता है, उनमें परिवर्तन किए जाएं। ऐसी ही एक टच स्क्रीन( touch-less touch screen) तैयार हो गई है, जो 9 सेमी की दूरी से अपने आसपास होनी वाली गतिविधियों को पकड़ लेगी। यानी बिना टच किए यह स्क्रीन आपके निर्देशों को फॉलो कर लेगी।
touch-less touch screen:संक्रमण को फैलने से रोकेगी
भारतीय वैज्ञानिकों ने कम लागत वाला एक टच-कम-प्रॉक्सिमिटी सेंसर अर्थात स्पर्श-सह-सामीप्य संवेदक विकसित करने के लिए प्रिंटिंग तकनीक के जरिये एक किफायती समाधान प्रदान किया है जिसे टचलेस टच सेंसर कहा जाता है। कोरोनावायरस महामारी ने हमारी जीवन शैली को महामारी परिदृश्यों के अनुकूल बनाने के प्रयासों को तेज कर दिया है। कामकाज स्वाभाविक रूप से वायरस फैलने के जोखिम को कम करने के लिए रणनीतियों से प्रेरित हो गया हैं, खासतौर से सार्वजनिक स्थलों पर जहां सेल्फ-सर्विस कियोस्क, एटीएम और वेंडिंग मशीनों पर टचस्क्रीन लगभग अपरिहार्य हो गए हैं।
जेएनसीएएसआर के वैज्ञानिकों ने की तैयार
हाल ही में भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के स्वायत्त संस्थानों के नैनो और सॉफ्ट मैटर साइंसेज (सीईएनएस) तथा जवाहरलाल नेहरू सेंटर फॉर एडवांस एंड साइंटिफिक रिसर्च (जेएनसीएएसआर), बेंगलुरु के वैज्ञानिकों ने प्रिंटिंग एडेड पैटर्न (लगभग 300 माइक्रोन का रिजॉल्यूशन) पारदर्शी इलेक्ट्रोड के उत्पादन के लिए एक अर्ध-स्वचालित उत्पादन संयंत्र स्थापित किया है जिसमें उन्नत टचलेस स्क्रीन प्रौद्योगिकियों में उपयोग किए जाने की क्षमता है।
9 सेमी दूरी से पकड़ लेगी गतिविधियां
प्रो. जीयू कुलकर्णी और सहकर्मियों के नेतृत्व में और सीईएनएस में डीएसटी-नैनोमिशन द्वारा वित्त पोषित टीम द्वारा किया गया यह कार्य हाल ही में ’मैटेरियल्स लेटर्स’ पत्रिका में प्रकाशित हुआ है। इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे वैज्ञानिक डॉ. आशुतोष के. सिंह ने कहा, ’’हमने एक टच सेंसर बनाया है जो डिवाइस से 9 सेमी की दूरी से भी नजदीकी या आसपास मडराने वाली चीजों के स्पर्श को महसूस करता है।’’
शोधपत्र के एक अन्य सह-लेखक डॉ. इंद्रजीत मंडल ने कहा, ’’हम अन्य स्मार्ट इलेक्ट्रॉनिक अनुप्रयोगों के लिए उनकी व्यावहारिकता साबित करने के लिए अपने पैटर्न वाले इलेक्ट्रोड का उपयोग करके कुछ और प्रोटोटाइप बना रहे हैं। इन पैटर्न वाले इलेक्ट्रोड को सहयोगी परियोजनाओं का पता लगाने के लिए इच्छुक उद्योगों और आरएंडडी प्रयोगशालाओं को अनुरोध के आधार पर उपलब्ध कराया जा सकता है।’’
नए, कम लागत पैटर्न वाले पारदर्शी इलेक्ट्रोड में उन्नत स्मार्ट इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों जैसे टचलेस स्क्रीन तथा सेंसर में उपयोग किए जाने की काफी संभावना है। यह टचलेस टच सेंसर तकनीक संपर्क से फैलने वाले वायरस को फैलने से रोकने में मदद कर सकती है।
(अधिक जानकारी के लिए डॉ. आशुतोष के सिंह से (aksingh@cens.res.in) पर संपर्क किया जा सकता है।)