आसाम की धुबरी सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी Rakibul Hassan ने शानदार जीत हासिल की है। उन्होंने AIUDF के Mohammed Badruddin Ajmal को चुनावी मैदान में शिकस्त दी है। कांग्रेस नेता ने 10 लाख 12 हजार 476 के विशाल अंतर से जीतने में कामयाब रहे हैं।
DHUBRI Lok Sabha Election Result 2024: आसाम की धुबरी सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी रकीबुल हुसैन (Rakibul Hassan) ने शानदार जीत हासिल की है। उन्होंने AIUDF के Mohammed Badruddin Ajmal को चुनावी मैदान में शिकस्त दी है। कांग्रेस नेता ने 10 लाख 12 हजार 476 के विशाल अंतर से जीतने में कामयाब रहे हैं।
धुबरी लोकसभा चुनाव के फ्लैशबैक आंकड़े
- AIUDF पार्टी के प्रत्याशी बदरुद्दीन अजमल ने धुबरी का 2019 चुनाव जीता था
- बदरुद्दीन अजमल के पास 2019 में कुल प्रॉपर्टी 78 करोड़ थी, 7 केस दर्ज था
- 2014 में धुबरी सीट पर एआईयूडीएफ का कब्जा था, विनर थे बदरुद्दीन अजमल
- धुबरी के 2014 चुनाव में बदरुद्दीन अजमल ने 43 करोड़ की दौलत शो की थी
- AUDF ने 2009 में यह सीट जीती थी, बदरुद्दीन अजमल विजेता घोषित हुए थे
- बदरुद्दीन अजमल ने 2009 के इलेक्शन में अपनी कुल संपत्ति 30 करोड़ बताई थी
- 2004 के चुनाव में धुबरी सीट पर पर कांग्रेस प्रत्याशी अनवर हुसैन का कब्जा था
- अनवर हुसैन के पास 2004 के इलेक्शन में कुल दौलत 5 लाख, कर्ज 2 लाख था
नोटः धुबरी संसदीय चुनाव 2019 में 1858566 मतदाता थे, जबकि 2014 में 1550166 वोटर थे। ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के उम्मीदवार बदरुद्दीन अजमल को धुबरी की जनता ने 2019 के इलेक्शन में अपना नेता चुना था। बदरुद्दीन को 718764 वोट, जबकि कांग्रेस उम्मीदवार अबू ताहेर बेपारी को 492506 वोट मिला था। वहीं, 2014 के धुबरी सीट पर ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट को बहुमत मिला था। उम्मीदवार बदरुद्दीन अजमल 592569 वोट पाकर सांसद बने थे। उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार वाजेद अली चौधरी को हराया था। उन्हें 362839 वोट मिला था।
कांग्रेस ने असम की धुबरी लोकसभा सीट पर सबसे ज्यादा बार जीत दर्ज की। 1951 में हुए पहले लोकसभा चुनाव में प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के प्रत्याशी अमजद अली ने जीत दर्ज की थी। साल 1957 में हुए चुनाव में भी अमजद ही जीते, लेकिन उन्होंने कांग्रेस के टिकट से जीत दर्ज की थी।1962 के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी गयासुद्दीन अहमद जीते. 1967 के चुनाव में एक बार फिर प्रजा सोशलिस्ट पार्टी ने इस सीट पर कब्जा किया। इसके बाद 1971 से 2004 तक 9 बार हुए चुनावों में कांग्रेस प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की।