New Parliament House India: क्या है नए और पुराने संसद भवन में अंतर? जानें डिजाइन से लेकर क्षमता तक का डिफरेंस

नए संसद भवन का उद्घाटन 28 मई 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। इसके बाद पुराने संसद भवन के रिनोवेशन की भी चर्चाएं हैं। माना जा रहा है कि पुराने संसद भवन को पुरातत्व विभाग संरक्षित करेगा।

Manoj Kumar | Published : May 27, 2023 6:48 AM IST / Updated: May 28 2023, 06:46 AM IST

New and Old Parliament House. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे। नया संसद भवन कई मामलों में पुराने संसद भवन से अलग है। चाहे डिजाइनिंग की बात हो या सांसदों के बैठने की क्षमता की बात हो, नया संसद भवन काफी बेहतर और अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है। वहीं पुराना संसद भवन भारत के लोकतांत्रिक इतिहास का जीवंत उदाहरण है। आइए जानते हैं कि आखिर नए और पुरान संसद भवन में क्या अंतर है?

पुराने और नए संसद भवन का निर्माण

पुराने संसद भवन का शिलान्यास 12 फरवरी 1921 को किया गया था और 6 साल के बाद 18 जनवरी 1927 को पुराने संसद भवन का निर्माण कार्य पूरा हुआ। तत्कालीन वायरसराय लार्ड इरविन ने तब संसद भवन का उद्घाटन किया था। नए संसद भवन की बात करें तो 10 दिसंबर 2020 को पीएम मोदी ने नए संसद भवन की आधारशिला रखी थी और अब 28 मई 2023 को वे इसका उद्घाटन कर रहे है। पुराने संसद भवन के निर्माण में 6 वर्ष से ज्यादा का समय लगा जबकि नए संसद भवन के निर्माम में 3 वर्ष से भी कम का समय लगा है।

नए और पुराने संसद भवन में निर्माण खर्च का अंतर

पुराने संसद भवन की बात करें तो उस वक्त इसके निर्माण पर करीब 83 लाख रुपए का खर्च आया था। जबकि नए संसद भवन के निर्माण में 1200 करोड़ रुपए का खर्च आया है। हालांकि पुराने संसद भवन के निर्माण के समय रुपए और डॉलर का अंतर बहुत ज्यादा नहीं था जबिक इस वक्त एक डॉलर की कीमत करीब 100 रुपए के आसपास बनी हुई है। नए संसद भवन में प्रतीक के तौर पर सेंगोल का स्थापित किया जा रहा है।

नए और पुराने संसद भवन के डिजाइन में अंतर

पुराने संसद भवन का डिजाइन मशहूर आर्किटेक्ट एडविन लुटियंस और हर्बर्ट बेकर ने तैयार किया है। जबकि नए संसद भवन का डिजाइन भारत के प्रसिद्ध आर्किटेक्ट बिमल पटेल ने तैयार किया है। इसका डिजाइन गुजरात की आर्किटेक्ट फर्म एचपीसी डिजाइंस ने तैयार किया है। पुराना संसद भवन जहां गोलाकार शेप में है, वहीं नया संसद भवन त्रिभुजाकार शेप में बनाया गया है। पुराने संसद भनव में 144 स्तंभ हैं जबकि नए संसद का डिजाइन बिल्कुल अलग है।

पुराने और नए संसद भवन की क्षमता में कितना अंतर

पुराने संसद भवन की बात करें तो इसका व्यास 566 मीटर है जबकि नए संसद भवन का एरिया 64, 500 वर्गमीटर है। पुराने संसद भवन में लोकसभा में 550 सीटें और राज्यसभा में 250 सीटें हैं जबकि नए संसद भवन में लोकसभा में 888 सीटें और राज्यसभा में 384 सीटें हैं। नए संसद भवन में दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन के दौरान कुल 1280 सदस्यों के बैठने की क्षमता है।

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