Digital Travel Trend: डिजी-यात्रा ऐप इस्तेमाल करने में दिल्ली-बेंगलुरु सबसे आगे, जानें मिलती है क्या सुविधा

डिजी-यात्रा ऐप का इस्तेमाल सबसे अधिक दिल्ली और बेंगलुरु के लोगों ने किया है। इन दो शहरों के 1.4 करोड़ यात्रियों ने इस ऐप का इस्तेमाल किया है।

 

Vivek Kumar | Published : Feb 20, 2024 6:53 AM IST / Updated: Feb 20 2024, 12:33 PM IST

नई दिल्ली। हवाई यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए पिछले साल डिजी-यात्रा ऐप लॉन्च किया गया था। इसे लॉन्च हुए 14 महीने हो गए हैं। इस दौरान दिल्ली और बेंगलुरु के लोगों ने सबसे अधिक इस ऐप का इस्तेमाल किया है। इन दो शहरों के 1.4 करोड़ यात्रियों ने इस ऐप का इस्तेमाल किया है।

डिजी-यात्रा ऐप दिसंबर 2022 में लॉन्च किया गया था। इसमें फेस-स्कैन बायोमेट्रिक तकनीक अपनाया गया है। वर्तमान में इस ऐप से 13 एयरपोर्ट पर यात्रियों की पहचान की जा रही है। दिसंबर 2022 में इसे दिल्ली, बेंगलुरु और वाराणसी एयरपोर्ट पर लॉन्च किया गया था। इसके बाद अप्रैल 2023 में विजयवाड़ा, कोलकाता, हैदराबाद और पुणे एयरपोर्ट को भी इस सुविधा से जोड़ा गया।

अगस्त 2023 में मुंबई एयरपोर्ट को इस सुविधा से जोड़ा गया। यह अभी केवल टर्मिनल 2 पर है। 11 फरवरी तक लगभग 3 लाख यात्रियों ने मुंबई एयरपोर्ट पर इस ऐप का इस्तेमाल किया। 2023 में पूरे भारत में 1.1 करोड़ यात्रियों ने डिजी-यात्रा ऐप का लाभ उठाया था।

क्या है डिजी यात्रा ऐप?

डिजी यात्रा ऐसा ऐप है जो एयरपोर्ट पर यात्रियों की पहचान कराने में मदद करता है। एयरपोर्ट जाने पर यात्रियों को गेट पर अपनी पहचान करानी होती है। इसके लिए पहचान पत्र दिखाना होता है और कई और प्रोसेस फॉलो करने होते हैं। इसमें समय अधिक लगता है, जिसके चलते एयरपोर्ट के बाहर लंबी-लंबी कतारें दिखती हैं। इसी परेशानी को कम करने के लिए सरकार द्वारा डिजी यात्रा ऐप लाया गया। 

डिजी यात्रा ऐप से कम वक्त में होती है यात्री की पहचान
इसकी मदद से जांच बिंदुओं पर चेहरे की पहचान प्रणाली के आधार पर यात्रियों की ऑटोमैटिक जांच की जाती है। इसके साथ ही इससे सेल्फ-बैग ड्रॉप और चेक-इन की सुविधा भी मिलती है। डिजी यात्रा कागज रहित यात्रा की सुविधा देती है। इससे कई बिंदुओं पर पहचान जांच में कम समय लगता है।

दिल्ली हवाईअड्डे की वेबसाइट से मिली जानकारी के अनुसार एक गेट पर डिजी-यात्रा यात्री के लिए प्रोसेसिंग का समय मात्र 3 सेकंड है। इस त्वरित प्रक्रिया में बोर्डिंग पास पर बारकोड को स्कैन करना, चेहरे की पहचान और ई-गेट के माध्यम से बिना बाधा के प्रवेश शामिल है।

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