इंसाफ के लिए 'दिशा' बिल पास, अब 7 दिन में जांच, 14 दिन में मुकदमा और 21 दिन में सीधे मौत की सजा

डॉक्टर दिशा से गैंगरेप फिर हत्या से पूरे देश में गुस्सा था। जगह-जगह प्रदर्शन कर चारों आरोपियों के लिए फांसी की मांग की गई। आरोपी एनकाउंटर में मारे गए। लेकिन इसके बाद आंध्र प्रदेश में एक बड़ा फैसला लिया गया है।  

Asianet News Hindi | Published : Dec 13, 2019 12:15 PM IST / Updated: Feb 02 2022, 10:27 AM IST

हैदराबाद. डॉक्टर दिशा से गैंगरेप फिर हत्या से पूरे देश में गुस्सा था। जगह-जगह प्रदर्शन कर चारों आरोपियों के लिए फांसी की मांग की गई। आरोपी एनकाउंटर में मारे गए। लेकिन इसके बाद आंध्र प्रदेश में एक बड़ा फैसला लिया गया है। आंध्र प्रदेश विधानसभा ने शुक्रवार को दिशा बिल पास किया। इस बिल में रेप या गैंगरेप की सजा मौत निर्धारित की गई है। 

आंध्र प्रदेश पहला राज्य
रेप या गैंगरेप पर ऐसी सजा तय करने वाला आंध्र प्रदेश पहला राज्य बन गया है। इस विधेयक के तहत रेप और गैंगरेप के अपराध के लिए ट्रायल को तेज किए जाने, 21 दिन के अंदर फैसला देने और मौत की सजा का प्रावधान है।

क्या है नया कानून ?
- महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों को सुनने के लिए विशेष अदालतों की स्थापना की जाएगी। यह बिल भारतीय दंड संहिता की धारा 354 (ई) के तहत उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की अनुमति देता है जो सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट अपलोड करते हैं जो महिलाओं को नीचा दिखाते हैं। पहली बार के अपराधियों को दो साल के कारावास से दंडित किया जाएगा, जबकि यह दूसरी बार के अपराधियों को चार साल की जेल होगी।
- बच्चों के खिलाफ यौन उत्पीड़न में शामिल लोगों पर धारा 354 (एफ) के तहत कार्रवाई की जाएगी। ऐसे मामलों में अपराधियों को 10 से 14 साल की जेल की सजा दी जाएगी और अपराध में गंभीरता के मामले में आजीवन कारावास होगा। कैबिनेट ने POCSO अधिनियम के तहत ऐसे अपराधों के लिए कारावास का विस्तार करने को मंजूरी दी है।
- सरकार द्वारा तैयार किए गए मसौदे में निर्णायक सबूतों के साथ पाए जाने पर बलात्कार के दोषियों को मृत्युदंड की सजा दी जाएगी।

हैदराबाद में डॉक्टर दिशा के साथ हुई दरिंदगी की पूरी कहानी : 28 नवंबर को एक ब्रिज के नीचे डॉक्टर दिशा का जला हुआ शव मिला था। पड़ताल में पता चला कि डॉक्टर के साथ पहले गैंगरेप किया गया फिर पेट्रोल छिड़क आग लगा दी गई थी। 

शाम 5.50 बजे घर से निकलीं डॉक्टर निशा
पुलिस के मुताबिक डॉक्टर 27 नवंबर (बुधवार) को अस्पताल गई थी, फिर बुधवार की शाम को वापस लौटी और शाम 5.50 बजे दूसरी क्लिनिक जाने के लिए घर से निकली। उसने शम्शाबाद टोल प्लाजा पर अपनी स्कूटी पार्ट की और कैब लेकर चली गई।

रात 9.00 बजे टोल प्लाजा पर वापस आई
पास में लगे सीसीटीवी फुटेज खंगालने पर पता चला कि रात 9.00 बजे डॉक्टर वापस टोल प्लाजा पर आ गई थी। वहां आकर देखा तो स्कूटी पंक्चर थी। वहां मौजूद 2 लोगों ने उसकी मदद  करने के लिए कहा।

रात 9.15 बजे बहन को आखिरी कॉल की
डॉक्टर की बहन भव्या ने बताया कि रात 9.15 बजे उसकी (डॉक्टर) कॉल आई थी। उसने बताया था कि उसकी स्कूटी का टायर पंक्चर हो गया है, दो लोगों ने उसकी मदद के लिए कहा है। फोन पर डॉक्टर ने भव्या को बताया था कि वह डर रही है। 

फोन पर बताया, पास में कई ट्रक खड़े हैं 
डॉक्टर ने फोन पर बहन भव्या को डरते हुए बताया कि लोग उसे घूर-घूर कर देख रहे हैं। उसने आस-पास कई अनजान लोग हैं। कई भरे हुए ट्रक भी पार्क हैं। यह सुनने के बाद भव्या ने डॉक्टर से कहा कि वह पास के टोल गेट पर चली जाए और वहीं इंतजार करे। उसने यह भी कहा कि जरूरी लगे तो स्कूटी वहीं पर छोड़ दे। 

रात 9.44 बजे फोन ऑफ
डॉक्टर को सलाह देकर बहन भव्या निकले के लिए तैयार होने लगी। कुछ देर बाद ही उसने फिर से डॉक्टर को कॉल किया। उस वक्त करीब 9.44 बज रहा होगा। डॉक्टर का फोन ऑफ आ रहा था। इसके बाद परिवार के लोगों ने पुलिस को खबर दी। 

सुबह 5 बजे दूधवाले ने देखा था शव 
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 28 नवंबर की सुबह अंडर कंस्ट्रक्शन ब्रिज के पास से एक दूधवाला गुजर रहा था। उसने किनारे पर नग्न और जली हुई लाश देखी। इसके बाद तुरन्त पुलिस को खबर दी। मौके पर पुलिस पहुंची तो उसे शक हुआ कि कहीं यह डॉक्टर की लाश तो नहीं, क्योंकि रात में वक्त उसके गायब होने की रिपोर्ट लिखाई गई थी।

सुबह 7.30 बजे घरवालों को बुलाया
पड़ताल करते हुए करीब एक घंटे से ज्यादा बीत गया, फिर पुलिस ने डॉक्टर के घरवालों को घटना स्थल पर बुलाया। तब करीब 7.30 बज रहे होंगे। लाश इतनी जली हुई थी कि पहचानना मुश्किल था। घरवालों ने गले में लटके लॉकेट से पहचाना कि यह उनकी बेटी का ही है। 

11 किमी. दूर मिली स्कूटी
डॉक्टर की पहचान होने पर पुलिस ने पड़ताल शुरू की तो घटनास्थल से 11 किमी. की दूरी पर डॉक्टर की स्कूटी मिली। शम्शाबाद डीजीपी प्रकाश रेड्डी ने बताया था कि हमने पड़ताल में आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगालना शुरू कर दिया है। पड़ताल के लिए 10 टीमें बनाई गई थीं।

 

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