लोकसभा चुनाव में विदेशी मीडिया ने किया हस्तक्षेप, खास नैरेटिव सेट करने की हुई कोशिश: रिपोर्ट

Disinfo Lab ने रिपोर्ट जारी कर बताया है कि विदेशी मीडिया ने भारत में हुए लोकसभा चुनाव में हस्तक्षेप किया। इनके द्वारा खास नैरेटिव सेट करने की कोशिश की गई।

 

Vivek Kumar | Published : Jun 19, 2024 8:55 AM IST / Updated: Jun 19 2024, 02:53 PM IST

नई दिल्ली। पिछले दिनों भारत में लोकसभा के चुनाव हुए। 4 जून को नतीजे आए और नई सरकार बनी। इस चुनाव पर पूरी दुनिया की नजर थी। यहां तक कि विदेशी हस्तक्षेप की रिपोर्ट्स भी आईं। इसी क्रम में Disinfo Lab ने लोकसभा चुनाव में विदेशी हस्तक्षेप पर विस्तार से रिपोर्ट प्रकाशित किया है। THE INVISIBLE HANDS नाम से आई इस रिपोर्ट में बताया गया है कि किस तरह विदेशी मीडिया ने भारत में हो रहे चुनावों को लेकर बायस्ड तरीके से रिपोर्टिंग की ओर लोगों को भ्रमित करने की कोशिश की।

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत क्षेत्रीय शक्ति के रूप में उभर रहा है। इसके बढ़ते भू-रणनीतिक महत्व ने चुनाव को वैश्विक स्तर पर प्रासंगिक बना दिया। भारत उभरती हुई आर्थिक और सामरिक शक्ति है। इसलिए यहां के चुनाव के नतीजे ग्लोबल डायनामिक्स को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। इसकी शुरुआत नई सत्तारूढ़ पार्टी के तहत भारत की विदेश नीतियों से होती है।

भारत अमेरिका, चीन और रूस जैसी महाशक्तियों के साथ अपने द्विपक्षीय संबंधों में एक नाजुक संतुलन बनाए हुए है। वैश्विक शक्तियां कभी-कभी भारत के स्वतंत्र रुख को देखकर हैरान रह जाती हैं। रूस-यूक्रेन युद्ध और इजराइल-हमास संघर्ष सहित कई वैश्विक संकटों के समय भारत ने अपनी अनूठी विदेश नीति का प्रदर्शन किया है। भारत नई भू-राजनीतिक बिसात के केंद्र में खड़ा है। लोकसभा चुनाव पर निर्भर था कि भारत किस ओर झुकता है। ऐसे में ग्लोबल मीडिया और बुद्धिजीवियों ने इस डिजिटल दुनिया में एक खास नैरेटिव सेट करने की कोशिश की।

ग्लोबल मीडिया ने सुनियोजित तरीके से की लोगों के फैसले प्रभावित करने की कोशिश

रिपोर्ट में कहा गया है कि जब करोड़ों भारतीय अपना भविष्य तय कर रहे थे, ग्लोबल मीडिया और शिक्षाविदों का एक वर्ग सुनियोजित और अच्छी तरह से वित्तपोषित योजना के माध्यम से उनके फैसलों को प्रभावित करने की साजिश रच रहा था। यह पश्चिमी मीडिया तक ही सीमित नहीं था। कई भारतीय मीडिया संस्थान भी इसमें आगे थे। भारत के संस्थानों पर हमला किया गया। एक मीडिया आउटलेट ने चुनाव आयोग को गर्मी के महीने में चुनाव कराने के लिए दोषी ठहराया।

पश्चिमी मीडिया के औपनिवेशिक हैंगओवर से अनजान नहीं हैं दक्षिण एशिया के लोग

दक्षिण एशिया के लोग पश्चिमी मीडिया के औपनिवेशिक हैंगओवर से अनजान नहीं हैं। यह हैंगओवर उनके संपादकीय पूर्वाग्रह और वर्चस्ववादी साहित्य में दिखता है। हालांकि, इस बार भारत के चुनाव पर उनकी टिप्पणी का लहजा अलग था। बीबीसी, वाशिंगटन पोस्ट और न्यूयॉर्क टाइम्स जैसे सामान्य संदिग्धों को डिसइन्फोलैब और अन्य लोगों द्वारा भारत में प्रचार करने वाले पावरहाउस के रूप में उजागर किया गया है। इसके साथ ही चुनाव में नए खिलाड़ियों के साथ अधिक समन्वित प्रयास देखा गया।

भारतीय चुनावों पर ग्लोबल रिपोर्टों का विश्लेषण करते समय मीडिया कवरेज का एक असामान्य पैटर्न देखा गया। इनमें एक विशेष नैरेटिव को आकार देने और मतदाता की मानसिकता को प्रभावित करने की कोशिश की गई। ऐसा फ्रांसीसी मीडिया ने भी किया। इसमें फ्रांस का सबसे प्रभावशाली समाचार पत्र ले मोंडे भी शामिल था। यहां पढ़ें पूरा रिपोर्ट…

Read more Articles on
Share this article

Latest Videos

click me!

Latest Videos

T20 World Cup चैंपियन टीम के लिए BCCI ने खोला खजाने का पिटारा, Team India पर पैसों की बरसात
BJP: UP–महाराष्ट्र में इस वजह से खिसका भाजपा का जनाधार, समीक्षा में सामने आई यह सबसे बड़ी वजह
India T20 World Cup Win: इन 6 सूरमाओं ने दिलाई भारत को जीत| Ind vs SA T20 WC
कथावाचक Pradeep Mishra को नाक रगड़कर क्यों मांगनी पड़ी माफी? राधा रानी विवाद की पूरे देश में चर्चा
Ravindra Jadeja:Virat के बाद जडेजा ने भी लिया टी20 अंतरराष्ट्रीय से संन्यास,कही दिल छू लेने वाली बात