चीन ने कश्मीर के श्रीनगर में 22 मई से 24 मई तक आयोजित जी20 टूरिज्म वर्किंग ग्रुप की बैठक का विरोध किया है और इसमें शामिल नहीं होने की घोषणा की है। चीन ने कहा है कि वह विवादित इलाके में बैठक बुलाए जाने का विरोध करता है।
नई दिल्ली। भारत जी20 के टूरिज्म वर्किंग ग्रुप की बैठक (G20 Meeting in Kashmir) जम्मू-कश्मीर में आयोजित कर रहा है। 22 मई से 24 मई तक कश्मीर में आयोजित होने वाली इस बैठक का पाकिस्तान ने विरोध किया है। अब चीन ने भी पाकिस्तान के सुर में सुर मिलाते हुए इस बैठक का विरोध किया है। चीन ने कहा है कि जी20 की यह बैठक विवादित इलाके में बुलाई गई है। इसलिए वह इसमें शामिल नहीं होगा।
चीन के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा, "चीन विवादित क्षेत्र में जी20 की किसी भी बैठक का दृढ़ता से विरोध करता है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा, "हम ऐसी बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे।”
देश के किसी भी हिस्से में बैठक बुलाने के लिए स्वतंत्र है भारत
दरअसल, भारत 22 मई से 24 मई तक श्रीनगर में तीसरी जी20 टूरिज्म वर्किंग ग्रुप की बैठक आयोजित की है। जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। कश्मीर में जी20 की बैठक के विरोध पर भारत का कहना है कि वह अपने देश के किसी भी हिस्से में बैठक आयोजित करने के लिए स्वतंत्र है।
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बुधवार को कहा कि श्रीनगर में जी20 बैठक से जम्मू-कश्मीर को अपनी पर्यटन क्षमता दिखाने का अवसर मिलेगा। श्रीनगर में होने वाले इस तरह के अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम से देश और दुनिया में सकारात्मक संदेश जाएगा।
अरुणाचल प्रदेश में आयोजित G20 की बैठक में शामिल नहीं हुआ था चीन
इससे पहले चीन मार्च में अरुणाचल प्रदेश में आयोजित G20 बैठक में शामिल नहीं हुआ था। चीन और पाकिस्तान करीबी सहयोगी हैं। पाकिस्तान कश्मीर में जी20 की बैठक का विरोध कर रहा है। चीन ने इसी के समर्थन में बैठक में शामिल होने से इनकार किया है। इस महीने की शुरुआत में चीन और पाकिस्तान ने संयुक्त बयान जारी कर कहा था कि कश्मीर मुद्दे को "संयुक्त राष्ट्र चार्टर, सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और द्विपक्षीय समझौते के अनुसार शांतिपूर्वक तरीके से सुलझाया जाना चाहिए।