दिवाली पर पटाखों का धमाका: कहां बैन, कहां छूट? जानिए पूरा डिटेल

दिवाली पर पटाखों को लेकर देशभर में अलग-अलग नियम लागू हैं। कई राज्यों में पूरी तरह बैन है, तो कुछ जगहों पर ग्रीन पटाखों की छूट। समय सीमा भी अलग-अलग है।

Dheerendra Gopal | Published : Oct 28, 2024 2:00 PM IST

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तमिलनाडु, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली जैसे कई जगहों पर प्रदूषण का स्तर भी बढ़ता जा रहा है। प्रदूषण को देखते हुए इन जगहों पर पटाखों के उपयोग पर बैन लगा दिया गया है। सात राज्यों में दिवाली पर केवल ग्रीन पटाखों के इस्तेमाल की अनुमति मिली है। प्रदूषण की बिगड़ती स्थिति को कम करने के लिए इस साल 'ग्रीन' पटाखों के अलावा किसी भी अन्य पटाखों के निर्माण, भंडारण, बिक्री और उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है।

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दिल्ली

सर्दी का मौसम शुरू होते ही एयर पॉल्युशन की स्थितियां भी गंभीर होने लगी हैं। दिल्ली में प्रदूषण का लेवल काफी खतरनाक लेवल पर पहुंच चुका है। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) ने पटाखों की ऑनलाइन डिलीवरी, पटाखों के निर्माण, भंडारण, बिक्री, उपयोग को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है। यह प्रतिबंध 1 जनवरी 2025 तक लागू रहेगा। पूरे राज्य में केवल 'ग्रीन पटाखे' के उपयोग की अनुमति होगी। 31 अक्टूबर को दीपावली के लिए पटाखा रात 8 बजे से 10 बजे तक रहेगी। गुरुपर्व, क्रिसमस और नए साल की पूर्व संध्या के लिए समय को उनके संबंधित उत्सवों के अनुरूप समायोजित किया जाता है। बेरियम और लेड जैसे हानिकारक केमिकल्स से मुक्त ग्रीन पटाखे ही एकमात्र प्रकार हैं।

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तमिलनाडु

तमिलनाडु ने एक अनूठा तरीका अपनाया है जिसमें दीपावली के पटाखों के लिए सुबह 6 बजे से 7 बजे तक और शाम 7 बजे से 8 बजे तक का समय तय किया गया है। तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और सरकार, संयुक्त अभियान में पटाखों से होने वाले प्रदूषण को लेकर लोगों को जागरूक कर रही।

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बिहार

बिहार ने भी प्रदूषण को देखते हुए पटाखों पर बैन लगा दिया है। बिहार सरकार ने पटना, गया, मुजफ्फरपुर और हाजीपुर में ग्रीन पटाखों सहित सभी प्रकार के पटाखों की बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है। पटना जिला प्रशासन के अनुसार, यह निर्णय एनजीटी के निर्देशों पर लिया गया है।

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महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल

पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र ने भी NGT की सिफारिशों का पालन करते हुए पटाखों पर बैन लगा दिया है। ट्रिब्यूनल के अनुसार, ग्रीन पटाखों को छोड़कर पारंपरिक पटाखों की तुलना में लगभग 30 प्रतिशत कम प्रदूषण पैदा करता है। ग्रीन पटाखों को छोड़कर अन्य सभी पटाखों की बिक्री और यूज को प्रतिबंधित कर दिया गया है। हालांकि, कानून प्रवर्तनों को अभी भी मुश्किल हो रही है क्योंकि अवैध पटाखे दूसरे राज्यों से यहां पहुंच जा रहे हैं।

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पंजाब

पंजाब ने भी सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के निर्देशों का पालन करते हुए कड़े प्रावधान लागू किए हैं। पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम राज्य की वजह से पटाखों की बिक्री और यूज को कंट्रोल करने का अधिकार है। नतीजतन, दिवाली और गुरुपर्व, क्रिसमस और नए साल की पूर्व संध्या सहित अन्य प्रमुख त्योहारों पर पटाखों का उपयोग करने के लिए कुछ घंटे की छूट है। लेकिन इन छूट के घंटों में केवल ग्रीन पटाखा ही उपयोग किया जा सकता।

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हरियाणा

हरियाणा में विशेष रूप से गुरुग्राम में, दिल्ली के समान नियम ही है। दिवाली और गुरुपर्व के कुछ घंटों के दौरान, हरित पटाखे जलाने की अनुमति है। सर्दियों के दौरान अत्यधिक प्रदूषण के स्तर से बचने के लिए राज्य सरकार ने ग्रीन पटाखा के उपयोग की एडवाइजरी जारी की है।

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