
Delhi Pollution: देशभर में सोमवार को दिवाली का पर्व पूरे उत्साह और उमंग के साथ मनाया गया। घर-घर दीयों की रौशनी से जगमगा उठा, सड़कों और इमारतों को रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया गया। मंदिरों में पूजा-अर्चना और मिठाइयों की खुशबू से माहौल भक्ति और उल्लास से भर गया। इस खास मौके पर श्रीनगर के लाल चौक स्थित घंटाघर को 25 हजार से अधिक दीयों से सजाया गया। हालांकि, खुशियों की इस रोशनी के बीच दिल्ली में प्रदूषण ने फिर चिंता बढ़ा दी। दिवाली के बाद दिल्ली-एनसीआर की हवा और प्रदूषित हो गई है। आतिशबाजी के कारण हवा में हानिकारक कण बढ़ गए हैं, जिससे लोगों को सांस लेने में मुश्किल हो रही है। दिल्ली और आसपास के इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स 900 से भी ऊपर पहुंच गया है, जो काफी खराब स्तर माना जाता है।
CPCB के समीर ऐप के मुताबिक, दिल्ली में कई इलाकों की हवा दिवाली के बाद बेहद खराब हो गई है। चार जगहों द्वारका, अशोक विहार, वजीरपुर और आनंद विहार में वायु गुणवत्ता गंभीर स्तर पर पहुंच गई, जहां AQI 400 से भी ऊपर दर्ज किया गया। इनमें द्वारका में 417, अशोक विहार में 404, वजीरपुर में 423 और आनंद विहार में 404 का स्तर पाया गया।दिल्ली के करीब 30 निगरानी स्टेशनों में हवा की गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी में रही, जहां AQI 300 से ज्यादा रहा। दोपहर तक 38 में से 31 जगहों पर हवा बहुत खराब पाई गई, जबकि 3 जगहों पर यह गंभीर श्रेणी में थी।
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मौसम विभाग के अनुसार, मंगलवार और बुधवार को दिल्ली की हवा और भी बिगड़ सकती है और गंभीर श्रेणी में पहुंचने की आशंका है। बता दें कि AQI स्तर 0 से 50 तक अच्छा, 51 से 100 तक संतोषजनक, 101 से 200 तक मध्यम, 201 से 300 तक खराब, 301 से 400 तक ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 तक गंभीर माना जाता है। उच्चतम न्यायालय ने 15 अक्टूबर को कुछ शर्तों के साथ दिल्ली-एनसीआर में ग्रीन पटाखों की बिक्री और उपयोग की अनुमति दी थी। कोर्ट ने कहा था कि लोग दिवाली से एक दिन पहले और त्योहार वाले दिन सुबह 6 बजे से शाम 7 बजे तक, फिर रात 8 बजे से 10 बजे तक हरित पटाखे चला सकते हैं।