डीएमके के निष्कासित प्रवक्ता शिवाजी कृष्णमूर्ति पर विवादित बयान देने के आए दिन आरोप लगते हैं।
DMK spokesperson Shivaji Krishnamurthy expelled: डीएमके ने अपने प्रवक्ता शिवाजी कृष्णमूर्ति पर कार्रवाई करते हुए निष्कासित कर दिया है। कृष्णमूर्ति ने बीजेपी नेता व फिल्म अभिनेत्री खुशबू सुंदर को पुराना ढोल कहकर मजाक उड़ाया था। इस कमेंट के बाद बीजेपी नेता सुंदर ने मुख्यमंत्री स्टालिन को ट्वीट कर महिला विरोधी आचरण का आरोप लगाया था। कृष्णमूर्ति पर राज्यपाल पर भी अमर्यादित टिप्पणी करने का आरोप लग चुका है। डीएमके प्रमुख ने प्रवक्ता शिवाजी कृष्णमूर्ति को पार्टी से निकालने का फैसला किया। कार्रवाई होने के बाद पुलिस ने उसके खिलाफ केस दर्ज करने के साथ अरेस्ट भी कर लिया। इसके बाद उनका मेडिकल कराकर मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया।
पहले भी विवादित टिप्पणी कर चुके हैं कृष्णमूर्ति
डीएमके के निष्कासित प्रवक्ता शिवाजी कृष्णमूर्ति पर विवादित बयान देने के आए दिन आरोप लगते हैं। बीते तीन जून को पार्टी संरक्षक करुणानिधि के जन्मदिन पर आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने गवर्नर आरएन रवि के खिलाफ विवादित टिप्पणी कर दी। दरअसल, डीएमके सरकार में कुछ मंत्रियों को अधिक विभाग देने को लेकर एक मामले में उन्होंने गवर्नर आरएन रवि पर विवादित टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर कुछ गलत गवर्नर कह रहे हैं तो उनको उस पर टिके रहना चाहिए। अगर वो वाकई में अपनी मां से पैदा हुए होते तो अपनी बात पर टिके रहते। लेकिन वह अपनी ही बात से पलट जाते हैं। डीएमके अगर कुछ कहती है तो उस पर टिकी रहती है। भले ही उसके लिए अपनी जिंदगी का बलिदान क्या न देना पड़े। इस टिप्पणी के बाद भी उन पर कार्रवाई की मांग उठी थी।
कृष्णमूर्ति के कमेंट पर खुशबू सुंदर ने किया पलटवार
बीजेपी नेता खुशबू सुंदर ने कहा कि शिवाजी कृष्णमूर्ति का कमेंट डीएमके में चल रही राजनीतिक संस्कृति को दर्शाती है। पार्टी में इनके जैसे तमाम नेता हैं जो महिलाओं के लिए अपशब्द कहने और घटिया कमेंट्स से न परहेज करते हैं न ही इनको रोका जाता है। पार्टी इनको इनाम देती है। उन्होंने मुख्यमंत्री स्टालिन को ट्वीटर पर टैग करते हुए कहा कि क्या आपको एहसास है कि यह मेरा नहीं, बल्कि आपका और आपके पिता महान नेता एम करुणानिधि का अपमान है आप ऐसे लोगों को पार्टी में जितनी जगह देंगे, असल में उतनी ही जगह खो देंगे। आपकी पार्टी गुंडों के लिए स्वर्ग बनती जा रही है, जो बेहद शर्मनाक है।
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