देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का इलाज करने वाले डॉक्टर का निधन, 96 साल की उम्र में ली अंतिम सांस

डॉ.गोबिंद चंद्र दास कटक के एससीबी मेडिकल कॉलेज एंड हास्पिटल के पहले बैच के पासआउट थे। उन्होंने 1944 बैच में एमबीबीएस किया था। एमबीबीएस करने के बाद वह भारतीय सेना में शामिल हो गए।

Dheerendra Gopal | Published : Dec 23, 2022 3:37 PM IST / Updated: Dec 23 2022, 09:45 PM IST

Dr.Gobinda Chandra Dash death: भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का इलाज करने वाले सुप्रसिद्ध डॉक्टर का निधन हो गया है। ओडिशा के रहने वाले डॉ.गोबिंद चंद्र दास ने 96 साल की उम्र में अंतिम सांस ली है। वह ओडिशा के केंद्रपाड़ा शहर स्थित अपने आवास में रह रहे थे। अपने पीछे पत्नी, दो बेटे और एक बेटी छोड़ गए हैं। 

नेहरू के निधन के कुछ महीनों पहले किया था इलाज

दरअसल, बात 1964 की है। भुवनेश्वर में कांग्रेस का राष्ट्रीय अधिवेशन चल रहा था। कांग्रेस के 68वें राष्ट्रीय अधिवेशन के दौरान ही पंडित जवाहर लाल नेहरू अचानक से बीमार पड़ गए। तत्कालीन पीएम के इलाज के लिए ओडिशा के राज्यपाल के पर्सनल डॉक्टर गोबिंदा चंद्र दास को बुलाया गया। दास तब ओडिशा के राज्यपाल के निजी चिकित्सक के रूप में ही तैनात थे। उन्होंने पंडित नेहरू का मेडिकल कराया। चेकअप के बाद डॉ.दास ने उनसे सभी प्रोग्राम्स को रद्द करने की सलाह दी। उन्होंने छह दिनों तक पूर्ण बेड रेस्ट करने की बात कही। डॉक्टर की सलाह मानते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री नेहरू ने सभी कार्यक्रम रद्द किए और आराम किया। पहले पीएम नेहरू का निधन 27 मई 1964 को हुआ था।

कटक मेडिकल कॉलेज के फर्स्ट बैच के पासआउट थे डॉ.दास

डॉ.गोबिंद चंद्र दास कटक के एससीबी मेडिकल कॉलेज एंड हास्पिटल के पहले बैच के पासआउट थे। उन्होंने 1944 बैच में एमबीबीएस किया था। एमबीबीएस करने के बाद वह भारतीय सेना में शामिल हो गए। 1949 से 1957 तक वह इंडियन एयरफोर्स में रहे। इस दौरान वह पंजाब, पुणे सहित कई शहरों में कार्यरत रहे। 1958 में उन्होंने एससीबी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में काम करना शुरू किया। 1959 से 1964 तक राज्यपाल के निजी चिकित्सक के रूप में काम किया। रिटायरमेंट के बाद वह अपने शहर केंद्रपाड़ा स्थित अपने घर पर रहकर मरीजों का इलाज करते थे।

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