डोनाल्ड ट्रंप ने लगाया 25% टैरिफ, भारत के लिए क्या हैं इसके मायने, होगा कितना असर?

Published : Jul 30, 2025, 07:18 PM IST
Donald Trump

सार

Donald Trump: डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25% टैरिफ लगाया। भारत- अमेरिका के बीच ट्रेड डील पर बात चल रही थी, लेकिन यह 1 अगस्त की समयसीमा से पहले ठप पड़ गई थी। अब टैरिफ के ऐलान के साथ ही फार्मा, ऑटो और इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र के प्रमुख खिलाड़ी चिंतित हैं।

Donald Trump Tariffs on India: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से होने वाले आयात पर 25% टैरिफ लगाया है। इसकी आशंका पहले से थी। टैरिफ लगाए जाने से बचने के लिए भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील पर बातचीत हो रही थी। 1 अगस्त तक इसे पूरा करना था, लेकिन वार्ता ठप थी। आइए जानते हैं ट्रंप द्वारा टैरिफ लगाया जाना भारत के लिए कितना मायने रखता है। इसके क्या असर होंगे।

क्यों अहम है अमेरिका-भारत व्यापार समझौता?

अमेरिका उन खास देशों में शामिल है, जिसके साथ भारत व्यापार लाभ की स्थिति में है। मतलब, हम जितने रुपए का सामान अमेरिका से खरीदते हैं उससे अधिक का बेचते हैं। पिछले कुछ वर्षों में भारत और अमेरिका के बीच आर्थिक साझेदारी बढ़ी है। 2024 में भारत और अमेरिका के बीच 129-130 बिलियन डॉलर (11.31-11.40 लाख करोड़ रुपए) का कारोबार हुआ। इससे भारत को 3.94-4 लाख करोड़ रुपए का लाभ हुआ। भारत ने फार्मास्यूटिकल्स, ऑटो कंपोनेंट्स, रत्नों और बिजली से जुड़े सामानों को निर्यात कर ज्यादातर मुनाफा लिया।

अमेरिका के साथ भारत की साझेदार तेजी से बढ़ी है। अमेरिकी सरकार ने चीन की जगह भारत से सामान मंगाने को तरजीह दी है। वहीं, ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद स्थिति बदली है। वह भारत द्वारा अमेरिकी सामानों पर लगाए जाने वाले भारी टैरिफ से नाराज रहे हैं। उन्होंने इसे कम करने के लिए नई दिल्ली पर दबाव बनाया है। अमेरिका और भारत के बीच व्यापार समझौता नहीं होता है और ट्रंप 25 फीसदी टैरिफ लगाने के फैसले पर टिके रहते हैं तो अमेरिका में भारत से आयात होने वाले सामानों की कीमत बढ़ जाएगी। इससे भारत का निर्यात कम होने का खतरा है।

ट्रंप द्वारा टैरिफ लगाए जाने से भारत पर क्या होगा असर?

ट्रंप पहले से टैरिफ लगाने की धमकी दे रहे थे, जिसके चलते अमेरिका में खरीदार नए ऑर्डर देने से कतरा रहे थे, उन्हें नहीं पता कि अंतिम दरें क्या होंगी। इस साल की शुरुआत में निर्यातकों ने पारस्परिक टैरिफ की समय-सीमा से पहले माल भेजने में तेजी दिखाई, लेकिन अगले सीजन के लिए ऑर्डर अधर में हैं।

भारत के निर्यातकों को चीन के टैरिफ संघर्षों का भी दबाव झेलना पड़ रहा है। जैसे ही अमेरिका ने चीनी सामानों पर भारी शुल्क लगाया, कई चीनी निर्माताओं ने भारी छूट पर यूरोप को अपने माल भेज दिए। इसके चलते भारतीय निर्यातकों के लिए यूरोपीय बाजार में अपनी हिस्सेदारी बनाए रखना कठिन हो रहा है। अब अमेरिका ने भी टैरिफ लगा दिया है। इससे स्थिति और गंभीर हो गई है।

भारत सबसे ज्यादा फार्मास्यूटिकल्स, ऑटो पार्ट्स, गहने और इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात करता है। ये सामान 25% टैरिफ के प्रति संवेदनशील हैं। भारतीय सामानों को जापान और यूरोपीय संघ जैसे कई बड़े साझेदारों तथा इंडोनेशिया और फिलीपींस जैसे छोटे व्यापारिक देशों के उत्पादों की तुलना में अधिक कठोर दंड का सामना करना पड़ेगा।

ब्रिक्स का सदस्य होने से भारत पर लग सकता है अधिक टैरिफ

भारत ब्रिक्स संगठन में शामिल है। ट्रंप ने ब्रिक्स के देशों पर अतिरिक्त टैरिफ लगाने की धमकी दी है। उन्होंने कहा है कि रूसी तेल खरीदना जारी रखने वाले देशों पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाएंगे। भारत रूस से बड़े पैमाने पर तेल खरीदता है। इस समय यह साफ नहीं है कि अमेरिका 25 फीसदी की घोषित टैरिफ के अलावा भारत पर कितना शुल्क लगाता है। अतिरिक्त शुल्क के बिना, भारत पर चीन की तुलना में कम टैरिफ है। ट्रंप ने चीन पर 30-34 प्रतिशत टैरिफ लगाया है। वहीं, बांग्लादेश पर 35 प्रतिशत। यदि ब्रिक्स पेनल्टी को इसमें जोड़ दिया जाए तो भारत का दिख रहा लाभ कम हो जाएगा।

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