
Trump Putin Alaska Meeting 2025: दुनिया की नज़रें अब 15 अगस्त 2025 पर टिकी हैं जब दुनिया की दो महाशक्तियां अपनी अदावत भूलाकर मिलने जा रही हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अलास्का में ऐतिहासिक मुलाकात करने जा रहे हैं। इस वार्ता का मकसद यूक्रेन युद्ध की समाप्ति का कोई रास्ता निकालना है।
भारत ने अमेरिका और रूस के राष्ट्रपतियों की मुलाकात का स्वागत किया है। भारत ने कहा कि शांति वार्ता का हम वेलकम करते हैं। विदेश मंत्रालय (MEA) ने बयान जारी करते हुए कहा कि यूनाइटेड स्टेट्स और रशियन फेडरेशन के बीच 15 अगस्त को अलास्का में होने वाली मीटिंग का हम स्वागत करते हैं। यह चले आ रहे विवाद को खत्म कर सकती है और शांति का नया रास्ता खोल सकती है। जैसा कि पीएम मोदी कई बार कह चुके हैं कि यह युद्ध का समय नहीं है।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का एक दशक बाद यह अमेरिका दौरा है। वह साल 2015 के बाद अमेरिका जा रहे हैं। अपने पिछले विजिट में पुतिन ने तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा से मुलाकात की थी।
ट्रंप ने Truth Social पर पोस्ट करते हुए कहा कि मेरे और प्रेसिडेंट व्लादिमीर पुतिन के बीच बहुप्रतिक्षित मुलाकात 15 अगस्त को अलास्का में होगी। डिटेल जल्द बताएंगे।
व्हाइट हाउस में बोलते हुए ट्रम्प ने आर्मेनिया-अज़रबैजान शांति समझौते पर हस्ताक्षर के दौरान कहा था कि किसी समझौते में ज़मीन का आदान-प्रदान शामिल हो सकता है। उन्होंने पत्रकारों से कहा: हम कुछ ज़मीन वापस लेंगे, और कुछ ज़मीन बदलेंगे। दोनों के हित में कुछ ज़मीनों की अदला-बदली होगी लेकिन हम इस बारे में बाद में या कल बात करेंगे।
क्रेमलिन ने बताया कि यह बातचीत यूक्रेनी संकट के दीर्घकालिक शांतिपूर्ण समाधान के विकल्पों पर फोकस रहेगी। हालांकि, इसे एक चुनौतीपूर्ण लेकिन ज़रूरी प्रक्रिया बताया।
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लेकिन यूक्रेन के प्रेसिडेंट वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने ने साफ़ कर दिया कि हम अपनी जमीन किसी कब्जेवाले को नहीं देंगे। यह हमारे संविधान में स्पष्ट है। ज़ेलेंस्की ने टेलीग्राम पर एक संदेश में कहा: 'यूक्रेन के क्षेत्रीय प्रश्न का उत्तर पहले से ही यूक्रेन के संविधान में है। कोई भी इससे विचलित नहीं होगा और न ही कोई इससे विचलित हो सकता है। यूक्रेनियन अपनी ज़मीन कब्ज़ा करने वाले को नहीं देंगे।'