राष्ट्रीय दलों के डोनेशन में बेतहाशा गिरावट, चंदा में 41.49% की कमी फिर भी कॉरपोरेट्स की पहली पसंद है BJP

राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे में बेतहाशा कमी के बावजूद कॉरपोरेट व व्यक्तिगत डोनेशन में बीजेपी ने कांग्रेस को काफी पीछे छोड़ दिया है। दिल्ली से राजनीतिक दलों को सबसे अधिक डोनेशन मिले हैं। 

नई दिल्ली। कोरोना लॉकडाउन में देश के विकास की रफ्तार और आम लोगों की आजीविका पर ही केवल तालाबंदी नहीं हुई थी, राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे में भी बेतहाशा कमी दर्ज की गई है। वित्तीय वर्ष 2020-21 में देश में राष्ट्रीय दलों को मिलने वाले डोनेशन में करीब 420 करोड़ रुपये की गिरावट हुई है। यानी देश की नेशनल लेवल की पार्टियों को 41.49 प्रतिशत कम डोनेशन मिले। गुरुवार को एक इलेक्शन रिफॉर्म एडवोकेसी ग्रुप ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान राष्ट्रीय दलों को मिलने वाले डोनेशन में 420 करोड़ रुपये की कमी आई है, जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 41.49 प्रतिशत की तेज गिरावट है।

किस पार्टी को किस वित्तीय वर्ष में कितना डोनेशन?

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वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान भाजपा को 785.77 करोड़ रुपये डोनेशन मिले थे। बीजेपी को मिलने वाला यह डोनेशन घटकर वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान 477.54 करोड़ रुपये हो गया। यह गिरावट करीब 39.23 प्रतिशत की है।

इसी तरह वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान कांग्रेस 139.016 करोड़ रुपये का डोनेशन मिला था। जो अगले ही वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान घटकर 74.524 करोड़ रुपये हो गया। कांग्रेस को एक साल में मिलने वाले डोनेशन में 46.39 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है।

2018-19 में बीजेपी का डोनेशन बढ़ा, कांग्रेस का घटा

एडीआर ने बताया वित्त वर्ष 2018-19 और वित्त वर्ष 2019-20 के बीच कांग्रेस के डोनेशन में 6.44 प्रतिशत की कमी आई थी। जबकि बीजेपी के डोनेशन में वृद्धि दर्ज हुई है। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने एक बयान में कहा कि वित्त वर्ष 2018-19 की तुलना में वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान पार्टी के चंदे में 5.88 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। 

दिल्ली से सबसे अधिक डोनेशन मिला

दिल्ली से राष्ट्रीय दलों को कुल 246 करोड़ रुपये से अधिक का डोनेशन मिला है। देश में दिल्ली के बाद सबसे अधिक डोनेशन महाराष्ट्र से मिला है। महाराष्ट्र से 71.68 करोड़ रुपये का डोनेशन मिला है। चंदा देने के मामले में गुजरात का तीसरा स्थान है। गुजरात से 47 करोड़ रुपये से अधिक का दान दिया गया। इसमें कहा गया है कि कुल 37.912 करोड़ रुपये का दान (वित्त वर्ष 2020-21 में राष्ट्रीय दलों को प्राप्त कुल का 6.39 प्रतिशत) किसी भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश को नहीं दिया जा सकता क्योंकि पार्टियों द्वारा प्रदान की गई अधूरी या अघोषित जानकारी दी गई है।

देश में इन दलों को राष्ट्रीय पार्टी के तौर पर मान्यता

देश में वर्तमान में आठ मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय दल हैं। इन्हीं दलों को राष्ट्रीय दल के रूप में चुनाव आयोग ने मान्यता दे रखी है। भाजपा, बसपा, कांग्रेस, भाकपा, माकपा, टीएमसी, राकांपा और नेशनल पीपुल्स पार्टी आठ मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय दल हैं।

सबसे अधिक डोनेशन कॉरपोरेट व बिजनेस सेक्टर से

राष्ट्रीय दलों को सबसे अधिक डोनेशन कॉरपोरेट व बिजनेस सेक्टर से मिलते हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, कॉरपोरेट और व्यावसायिक क्षेत्र ने राष्ट्रीय दलों को 480.655 करोड़ रुपये का डोनेशन दिया। यह पार्टियों को मिले डोनेशन का 80 प्रतिशत है। जबकि 2,258 व्यक्तिगत दाताओं ने वित्त वर्ष के दौरान इन पार्टियों को कुल 111.65 करोड़ रुपये का डोनेशन दिया। इन लोगों ने राजनीतिक दलों को मिलने वाले डोनेशन में 18.804 प्रतिशत का योगदान 2020-21 में दिया है। 

कॉरपोरेट व बिजनेस सेक्टर का सबसे अधिक दान बीजेपी को

राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे में कॉरपोरेट व बिजनेस सेक्टर की पहली पसंद केंद्र सहित अधिकतर स्टेट की सत्ता में काबिज बीजेपी है। कॉर्पोरेट और व्यावसायिक क्षेत्र से 1,100 से अधिक दान भाजपा को दिया गया जोकि करीब 416.794 करोड़ रुपये है। जबकि 1,071 व्यक्तिगत दाताओं ने वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान पार्टी को 60.37 करोड़ रुपये दिए हैं।

वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान कांग्रेस को कॉरपोरेट क्षेत्र से 146 दान के माध्यम से कुल 35.89 करोड़ रुपये और 931 व्यक्तिगत दाताओं के माध्यम से 38.634 करोड़ रुपये प्राप्त हुए। वित्तीय वर्ष की शुरुआत से ठीक पहले मार्च 2020 के अंत में कोविड की पहली लहर शुरू हुई, जिससे पूरे देश में लॉकडाउन शुरू हो गई।

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