मनमोहन सिंह अंतिम संस्कार विवाद: कांग्रेस का आरोप परिवार के लिए दी 3 कुर्सियां

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार में कांग्रेस ने परिवार के लिए पर्याप्त कुर्सियां न होने का आरोप लगाया है। कांग्रेस नेताओं ने प्रोटोकॉल में कई खामियों की ओर भी इशारा किया।

नई दिल्ली। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार (Manmohan Singh Funeral) शनिवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया। कांग्रेस ने अंतिम संस्कार के दौरान मनमोहन सिंह के परिवार के लिए पहली पंक्ति में सिर्फ तीन कुर्सियां रखने का आरोप लगाकर नया विवाद शुरू कर दिया।

मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई बड़े राजनेता पहुंचे थे। मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी और राहुल गांधी सहित कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेता भी निगमबोध घाट गए थे।

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अंतिम संस्कार की जो तस्वीरें और वीडियो सामने आईं हैं उनमें एक तरफ प्रधानमंत्री मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह और किरेन रिजिजू को देखा जा सकता है। दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सांसद राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा बैठे थे।

अंतिम संस्कार के समय आगे की पंक्ति में रखी गईं सिर्फ तीन कुर्सियां

इस बीच कांग्रेस ने आरोप लगाया कि अंतिम संस्कार के समय आगे की पंक्ति में मनमोहन सिंह के परिवार के लिए केवल 3 कुर्सियां रखी गई थीं। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने दावा किया, "डॉ. सिंह के परिवार के लिए आगे की पंक्ति में केवल 3 कुर्सियां रखी गई थीं। कांग्रेस नेताओं को उनकी बेटियों और परिवार के अन्य सदस्यों के लिए सीटों पर जोर देना पड़ा।"

पवन खेड़ा ने पोस्ट किया, "जब राष्ट्रीय ध्वज दिवंगत प्रधानमंत्री की विधवा को सौंपा गया या तोपों की सलामी दी गई तब प्रधानमंत्री और मंत्री खड़े नहीं हुए। एक तरफ सैनिकों के होने के कारण परिवार को चिता के चारों ओर पर्याप्त जगह नहीं दी गई। आम जनता को दूर रखा गया। अमित शाह के काफिले के कारण शवयात्रा में व्यवधान पैदा हुआ। परिवार की गाड़ियां बाहर ही रह गईं। गेट बंद कर दिया गया। बाद में परिवार के सदस्यों को ढूंढकर वापस अंदर लाया गया।"

कांग्रेस नेता ने कहा, "मनमोहन सिंह की बेटियों के बच्चों को चिता तक पहुंचने के लिए संघर्ष करना पड़ा। राजनयिक कहीं और बैठे थे। वे दिखाई नहीं दे रहे थे। जब भूटान के राजा खड़े थे तब प्रधानमंत्री बैठे हुए थे। पूरा अंतिम संस्कार क्षेत्र तंग और खराब तरीके से व्यवस्थित था।"

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