DRDO अंडरग्राउंड स्टोरेज स्ट्रेक्चर का ट्रायल किया है। यह अंडर ग्राउंड हथियार और गोला-बारूद रखने के लिए स्टोरेज की कमी को दूर करेगा।
नई दिल्ली: डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ओर्गनाइजेश (Defence Research and Development Organisation) सशस्त्र बलों ( armed forces) के लिए एक सोल्यूशन लेकर आई है। दरअसल, DRDO ने 30 अप्रैल को अंडरग्राउंड स्टोरेज स्ट्रेक्चर का ट्रायल किया है। यह अंडर ग्राउंड हथियार और गोला-बारूद रखने के लिए स्टोरेज की कमी को दूर करेगा।
DRDO के दिल्ली स्थित सेंटर ऑफ फायर (Centre of Fire), एक्सप्लोसिव एंड एनवायरनमेंट सेफ्टी (Explosive and Environment Safety ) ने वर्टिकल शाफ्ट-बेस्ड अंडरग्राउंड एमियुनेशन स्टोरेज सुविधा को डिजाइन और विकसित किया है। इतना ही नहीं यह आस-पास हुए विस्फोट के प्रभाव को भी कम करने में मदद करेगा।
5,000 किलोग्राम टीएनटी विस्फोट करके किया परीक्षण
DRDO ने कहा है कि सशस्त्र बलों की उपस्थिति में अंडरग्राउंड फैसेलिटी के एक रूम में 5,000 किलोग्राम टीएनटी विस्फोट करके उसका ट्रायल किया गया। इस दौरान CFEES टीम ने सटीक और अत्यधिक सुरक्षा के साथ परीक्षण किया। परीक्षण के दौरान दर्ज किए गए सभी पैरामीटर अनुमानित मूल्यों के साथ मेल खाते हैं।अंडरग्राउंड स्टोरेज फैसिलिटी सुनिश्चित करेगी कि किसी भी विस्फोट चैंबर को नुकसान नहीं पहुंचे। DRDO ने कहा कि पर्याप्त भूमि की अनुपलब्धता के कारण सशस्त्र बलों को अक्सर गोला-बारूद का स्टॉक करना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में यह स्टोरेज रखने के काम आ सकता है।
एयर ड्रोपेबल कंटेनर टेस्ट
इसके पहले DRDO ने स्वदेशी कंटेनर का भी सफल परीक्षण किया है, जिसे हवा से गिराया जा सकता है। स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किए गए इस एयर ड्रॉपेबल कंटेनर की क्षमता 150 किलोग्राम भार की है। इस कंटेनर को एडीसी 150 नाम दिया गया है।
बताया जा रहा है कि एयर ड्रॉपेबल कंटेनर एडीसी-150 का पहला सफल परीक्षण 27 अप्रैल को गोवा के तट पर किया गया था। इस कंटेनर को आईएल 38 एसडी विमान से गिराया गय था। इस कंटेनर के सफल परीक्षण से नौसेना की रसद परिचालन क्षमता में इजाफा होगा।