DRDO ने रचा इतिहास: कंधे से दागी जाने वाली मिसाइल का सफल परीक्षण

Published : Aug 14, 2024, 10:43 AM IST
DRDO ने रचा इतिहास: कंधे से दागी जाने वाली मिसाइल का सफल परीक्षण

सार

भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने स्वदेशी तकनीक से निर्मित एमपी-एटीजीएम (मैन-पोर्टेबल एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल) का सफल परीक्षण किया है। यह मिसाइल दुश्मन देशों के युद्धक टैंकों को ध्वस्त करने में सक्षम है।

नई दिल्ली: भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने स्वदेशी तकनीक से निर्मित एमपी-एटीजीएम (मैन-पोर्टेबल एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल) का सफल परीक्षण किया है। यह मिसाइल दुश्मन देशों के युद्धक टैंकों को ध्वस्त करने में सक्षम है।

कंधे पर से दागी जा सकने वाली, हल्की और अत्याधुनिक मिसाइल प्रणाली का परीक्षण राजस्थान के जैसलमेर में बीते 14 अप्रैल को किया गया था। इस मिसाइल को दिन और रात के समय भी दागा जा सकता है। प्रक्षेपण के बाद इसे किसी भी दिशा-निर्देश की आवश्यकता नहीं होती है और यह अपने लक्ष्य पर सटीकता से वार करने में सक्षम है। डीआरडीओ ने बताया कि परीक्षण के दौरान मिसाइल प्रणाली ने सभी पूर्व निर्धारित मानकों को पूरा किया।

1000 कि.मी. तक जाने वाला स्वदेशी कामिकेज़ ड्रोन का अनावरण

नई दिल्ली: भारत ने 1,000 किलोमीटर की रेंज वाले घातक 'स्वदेशी' कामिकेज़ ड्रोन का अनावरण किया है। भारतीय कामिकेज़ ड्रोन लगभग 2.8 मीटर लंबा और 3.5 मीटर के पंखों वाला है। राष्ट्रीय एयरोस्पेस प्रयोगशाला (एनएएल) कामिकेज़ ड्रोन का निर्माण कर रही है। इन मानव रहित हवाई वाहनों को स्वदेशी निर्मित इंजनों से बनाया जा रहा है और ये 1000 किलोमीटर तक उड़ान भर सकते हैं। इस ड्रोन में विस्फोटक ले जाया जा सकता है और मानव नियंत्रण से किसी खास लक्ष्य पर हमला किया जा सकता है।

इन ड्रोनों का इस्तेमाल मौजूदा रूस-यूक्रेन युद्ध और गाजा में इजरायल-हमास संघर्ष में बड़े पैमाने पर किया गया है। खास तौर पर यूक्रेनी सेना ने रूसी सैनिकों के खिलाफ इसका काफी इस्तेमाल किया है।

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