वित्त मंत्री निर्मला सीतारण ने 22 जुलाई को 12 बजकर 10 मिनट पर संसद में आर्थिक सर्वे पेश किया। इस इकोनॉमिक सर्वे में सरकार का पूरा फोकस प्राइवेट सेक्टर और PPP पर है। सर्वे में ये भी बताया है कि वित्त वर्ष 2024 में देश किस गति से आगे बढ़ेगा।
Economic survey 2023-24: वित्त मंत्री निर्मला सीतारण ने बजट से ठीक एक दिन पहले 22 जुलाई को लोकसभा में आर्थिक सर्वे पेश किया। इस दौरान उन्होंने कहा- कारोबार में सुगमता (Ease of doing Business) लाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। आर्थिक सर्वेक्षण में 13 कदमों का उल्लेख किया गया है। इनमें अर्थव्यवस्था की स्थिति, मौद्रिक प्रबंधन और वित्तीय मध्यस्थता, कीमतें और मुद्रास्फीति, समृद्धि के बीच स्थिरता, नए भारत के लिए विकास दृष्टि, जलवायु परिवर्तन और ऊर्जा संक्रमण, सामाजिक क्षेत्र, रोजगार और कौशल विकास, कृषि और खाद्य प्रबंधन, मध्यम व लघु उद्योग, सेवा क्षेत्र, इन्फ्रास्ट्रक्चर और जलवायु परिवर्तन व भारत के बारे में बताया गया है।
आर्थिक सर्वे में बताया वित्त वर्ष 2025 में कैसी रहेगी देश की ग्रोथ
संसद में पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण में इस बात का जिक्र भी किया गया है कि वित्त वर्ष 2025 में भारत की जीडीपी कितनी रहेगी। इसमें कहा गया है कि देश की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 6.5 से 7 प्रतिशत के बीच आंका गया है। सर्वे में कहा गया है कि मध्यम अवधि में, यदि हम पिछले दशक में किए गए संरचनात्मक सुधारों पर काम करते हैं, तो भारतीय अर्थव्यवस्था निरंतर आधार पर 7 प्रतिशत से अधिक की दर से आगे बढ़ सकती है। इसके लिए संघ सरकार, राज्य सरकारों और प्राइवेट सेक्टर के बीच एक त्रिपक्षीय समझौते की जरूरत है।
मौजूदा वित्त वर्ष में कितनी रहेगी महंगाई दर?
आर्थिक सर्वे में मौजूदा वित्त वर्ष यानी 2024-25 में महंगाई दर के 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया है। वहीं, वित्त वर्ष 2025-26 में महंगाई दर के घटकर 4.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है। बता दें कि इकोनॉमिक सर्वे में अर्थव्यवस्था को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए जो भी सुझाव दिए गए हैं, उन पर बजट में अमल होता दिखाई दे सकता है।
7.6% की दर से आगे बढ़ेगा सर्विस सेक्टर
आर्थिक सर्वे में कहा गय है कि सर्विस सेक्टर भारत के विकास में निरंतर योगदान दे रहा है। वित्त वर्ष 24 में ये अर्थव्यवस्था के कुल आकार का लगभग 55 प्रतिशत है। वित्त वर्ष 24 में सेवा क्षेत्र में 7.6 प्रतिशत की वृद्धि होने का अनुमान है।
2030 तक 350 बिलियन डॉलर से ज्यादा होगी ई-कॉमर्स इंडस्ट्री
भारतीय ई-कॉमर्स उद्योग के 2030 तक 350 बिलियन अमेरिकी डॉलर को पार करने की उम्मीद है। इसके अलावा भारत में टेक्नोलॉजी स्टार्ट-अप की संख्या 2014 में लगभग 2,000 थी, जो 2023 में बढ़कर करीब 31,000 हो गई। सर्विस सेक्टर में उभरती रोजगार की डिमांड के चलते और ज्यादा फोकस्ड स्किल की जरूरत है। फोकस वाले क्षेत्रों में ब्लॉकचेन, कृत्रिम बुद्धिमता (AI), मशीन लर्निंग, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, साइबर सिक्युरिटी, क्लाउड कंप्यूटिंग, बिग डेटा एनालिटिक्स, ऑगमेंटेड रियलिटी, वर्चुअल रियलिटी, 3डी प्रिंटिंग और वेब और मोबाइल डेवलपमेंट शामिल होने चाहिए।
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