ईडी फिर एक्शन में आ गई है। जांच एजेंसी ने रेलीगेयर फंड में हेराफेरी के संदेह पर डाबर ग्रुप के चेयरमैन से पूछताछ की।
नेशनल न्यूज। ईडी ने फिर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। जांच एजेंसी ने अब डाबर ग्रुप के चेयरमैन से पूछताछ शुरू की है। ईडी ने रेलीगेयर फंड में हेराफेरी के संदेह पर यह कदम उठाया है। ईडी ने रेलीगेयर फंड में कथित हेराफेरी को लेकर मोहित बर्मन का बयान दर्ज किया है। जांच एजेंसी के अफसरों के मुताबिक इस जालसाजी में डाबर ग्रुप के चेयरमैन को आरोपी पाया गया है।
वैभव गवली की शिकायत के बाद शुरू हुई जांच
रेलीगेयर फंड में पैसों की हेराफेरी को लेकर वैभव गवली ने माटुंगा पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी। आरोप है कि रेलिगेयर के पूर्व निदेशकों, डाबर समूह के निदेशकों और अन्य लोगों को फाईनेंशियल मिस कंडक्ट में फंसाया गया था। फाइनेंशियल सर्विस फर्म से पैसों की हेराफेरी और गैरकानूनी कार्यों के चलते कंपनी और उसके शेयर होल्डर्स के आर्थिक नुकसान पहुंचा है।
ईडी ने अब तक तीन निदेशकों के बयान लिए
जांच अभी शुरुआती दौर में है और एजेंसी ने अब तक रेलिगेयर के तीन इंडिपेंडेंट डायरेक्टर्स के बयान लिए हैं।एजेंसी फिलहाल मेन स्टेक होल्डर्स और एफआईआर में नामजद व्यक्तियों से जानाकरी हासिल करने में जुटी है। आरोप है कि रेलिगेयर के फॉर्मर डायरेक्टर शिवेंद्र मोहन सिंह, मालविंदर सिंह, मोहन सिंह और उसके सहयोगी बड़ी साजिश में शामिल थे। वैभव की ओर से दर्ज कराई गई शिकायत में एमबी फिन मार्ट प्राइवेट लिमिटेड समेत कई संस्थाओं, मोहित बर्मन, विवेचंद बर्मन और मोनिका बर्मन जैसे कई लोगों के नाम हैं। इन सभी पर रेलीगेयर और उससे संबंधित सभी कंपनियों का इन नामजद लोगों से संबंध रखने का आरोप है।
मालविंदर पर महत्वपूर्ण आरोप
शिकायत में मालविंदर सिंह पर बड़ा आरोप है कि उसने शिवों यह है कि उन्होंने शिवेंद्र मोहन सिंह और सुनील गोधवानी के साथ मिलकर रेलिगेयर फिनवेस्ट लिमिटेड को संबद्ध शेल कंपनियों को 2,397 करोड़ रुपये का लोन देने के लिए दबाव डाला वह भी तब जब उसे पता था कि इसका भुगतान हो पाना मुश्किल हैं।