माल्या-नीरव मोदी-मेहुल चोकसी की 18170 करोड़ की संपत्तियां जब्त, ईडी ने केंद्र और बैंकों को ट्रांसफर किए पैसे

विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी ने करीब 22,585.83 करोड़ रुपये की ठगी की है। ईडी ने बताया कि इसमें 18,170 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की गई है।

Asianet News Hindi | Published : Jun 23, 2021 8:18 AM IST / Updated: Jun 23 2021, 04:15 PM IST

नई दिल्ली। ईडी ने भारत के तीन भगोड़ों विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी की करीब 18170 करोड़ की संपत्तियां जब्त की है। यह जब्ती उनसे जुड़े मामलों में किए गए फ्राड की रिकवरी के लिए की गई है। ईडी का दावा है कि यह सीजर बैंकों के नुकसान के 80 प्रतिशत के बराबर है। लगभग आधी संपत्ति बैंकों और केंद्र सरकार को ट्रांसफर भी कर दी गई है। ईडी ने बुधवार को कहा कि न केवल संपत्ति जब्त की गई है, बल्कि 9,371.17 करोड़ रुपये का एक महत्वपूर्ण हिस्सा सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और केंद्र सरकार को ट्रांसफर किया गया है।

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तीनों ने किया है 22858.83 करोड़ रुपये का फ्राड

विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी ने करीब 22,585.83 करोड़ रुपये की ठगी की है। ईडी ने बताया कि इसमें 18,170 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की गई है।

8441 करोड़ रुपये की संपत्ति बैंकों को किए गए ट्रांसफर

ईडी के अनुसार 8,441 करोड़ रुपये की संपत्ति बैंकों को हस्तांतरित की जा चुकी है। अन्य 800 करोड़ रुपये 25 जून को अदालत के आदेश के अनुसार ट्रांसफर किए जाने हैं। जांच एजेंसी ने कहा कि शेयरों की बिक्री से 800 करोड़ रुपये की और वसूली 25 जून तक होने की उम्मीद है।

 


ईडी ने मुंबई में पीएमएलए विशेष न्यायालय के आदेश के अनुसार बैंकों के एसबीआई के नेतृत्व वाले कंसोर्टियम से अटैच्ड (6,600 करोड़ रुपये मूल्य) के शेयरों को ट्रांसफर कर दिया है। डेट रिकवरी ट्रिब्यूनल ने यूनाइटेड ब्रेवरीज लिमिटेड के 5,800 करोड़ रुपये से अधिक के शेयर बेचे हैं, जो पहले भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या के खिलाफ कथित बैंक धोखाधड़ी जांच के तहत एंटी मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत अटैच थे।

मेहुल के वकील ने कहा- अधिक जब्त की संपत्ति
एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) ने बैंकिंग फ्रॉड के मामले में देश से फरार चल रहे विजय माल्या, मेहुल चौकसी और नीरव मोदी की जब्त की संपत्ति को सरकारी बैंकों और केंद्र सरकार को ट्रांसफर करने के बाद मेहुल चौकसी के वकील ने कहा- ईडी ने बैंकों दिए जाने वाले पैसे से ज्यादा की संपत्ति जब्त की है।  वहीं, मेहुल चौकसी मामले में एडवोकेट विजय अग्रवाल ने बताया कि "ईडी ने वास्तव में बैंकों के पैसे से कहीं अधिक संपत्तियां कुर्क की हैं। इसके अलावा, अगर कोई मूल राशि और एनसीएलटी (National Company Law Tribunal) में बैंक किस तरह की कटौती कर रहा है, इसे देखें। नहीं तो बैंक मूलधन के साथ-साथ ब्याज की भी सौ फीसदी से अधिक वसूल करेंगे।

 

उन्होंने कहा- जिन लोगों को भगोड़ा घोषित किया गया है, उनके लिए मुझे संदेह है कि बैंकों को भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम के अनुसार पैसा कैसे मिलेगा। पीड़ितों को पैसे देने का कोई प्रावधान नहीं है और पैसा केंद्र सरकार द्वारा जब्त कर लिया गया है। हालांकि, मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट की रोकथाम में, संपत्ति नियम 2016 की मनी लॉन्ड्रिंग बहाली की रोकथाम में 2019 में एक संशोधन है। उन्होंने कहा कि एक पीड़ित के रूप में बैंक विशेष न्यायाधीश पीएमएलए से संपर्क कर सकता है और अपने बकाया को पूरा करने के लिए जब्त की गई संपत्ति की मांग कर सकता है।


बैंक में ट्रांसफर हुए पैसे
एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट ने बुधवार को विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी से जुड़े मामलों में 9,371.17 करोड़ रुपये की संपत्ति को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSB) और केंद्र सरकार को ट्रांसफर कर दिया है। एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट  (ईडी) ट्वीट कर बताया कि- पीएमएलए के तहत विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के मामले में न केवल 18,170.02 करोड़ रुपये (बैंकों को हुए कुल नुकसान का 80.45%) की संपत्ति जब्त की, बल्कि जब्त संपत्ति का एक हिस्सा भी स्थानांतरित कर दिया। पीएसबी और केंद्र सरकार को 9371.17 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए।  

 

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