शब्बाल अर्धचंद्र का इंतजार भारत व पड़ोसी मुल्कों में रविवार को किया गया लेकिन यहां चांद नहीं दिखा। मरकज चांद कमेटी ने रविवार को भारत में ईद-उल-फितर का ऐलान किया।
नई दिल्ली। भारत में ईद (Eid-al-fitr in India)कब मनाया जाएगा इसका ऐलान हो गया है। हालांकि, ईद का चांद रविवार को भारत में देखा नहीं गया। सऊदी अरब में शनिवार को चांद नहीं दिखने के बाद सोमवार को ईद मनाने का फैसला किया गया था। भारत में प्रमुख चांद कमेटी ने मंगलवार को ईद (Eid Ul Fitr in India) मनाने का ऐलान किया है। ईद-उल-फितर, जो रमजान के उपवास महीने की समाप्ति का प्रतीक है, देश में मंगलवार को मनाया जाएगा। मरकजी चांद कमेटी के प्रमुख खालिद रशीद फिरंगी महली ने घोषणा की कि शव्वाल का चांद नहीं देखा गया है।
रविवार को भारत और पड़ोसी देशों में चांद का हुआ इंतजार
दरअसल, शब्बाल अर्धचंद्र का इंतजार भारत समेत पड़ोसी देशों पाकिस्तान, बांग्लादेश और श्रीलंका में रविवार को हुआ। लेकिन रविवार को यहां चांद नहीं दिखा। शनिवार को सऊदी अरब चांद कमेटी ने चांद नहीं दिखने पर सोमवार को ईद मनाने का ऐलान किया था। इसलिए सोमवार को सऊदी अरब, यूएई, कतर, यूके, यूएसए, अन्य खाड़ी और पश्चिमी देशों में ईद-उल-फितर मनाया जाएगा।
पाक रमजान महीना के बाद मनाया जाता है जश्न
इस्लामिक चंद्र कैलेंडर में नौवां महीना रमजान का है। दसवां महीना शव्वाल है। शव्वाल का पहला दिन दुनिया भर में ईद-उल-फितर के त्योहार के रूप में मनाया जाता है। दुनिया भर के मुसलमान रमजान माह के आखिरी दिन रात अर्धचंद्र को देखने के बाद त्योहार मनाते हैं। ईद-उल-फितर या ईद-उल-फितर समारोह के साथ शव्वाल का महीना शुरू होता है। शव्वाल अनुवाद का अर्थ है, 'उपवास तोड़ने का त्योहार।'
720 घंटे के उपवास के बाद मनाया जाता है ईद
रमजान 720 घंटे यानी चार सप्ताह और दो दिनों के लिए होता है। इस दौरान इस्लाम के अनुयायी या मुसलमान सुबह और सूर्यास्त के बीच उपवास करते हैं। शांति और मार्गदर्शन के लिए प्रार्थना करते हैं। समुदाय को दान, जकात के रूप में वापस देते हैं या मानवीय गतिविधियों में संलग्न होते हैं जैसे वंचितों को खिलाना आदि।
रमजान के अंत के दौरान, लैलतुल क़द्र या शक्ति की रात या क़द्र की रात के दौरान गहन प्रार्थना की जाती है। गुनाहों की माफी मांगी जाती है। इसे वर्ष की सबसे पवित्र रात माना जाता है। यह आम तौर पर रमजान के 27 वें दिन पड़ता है। माना जाता है कि पैगंबर मुहम्मद ने इसी रात को कुरान की पहली आयत को प्रकट किया था।
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