इस्लाम धर्म के पवित्र रमजान माह के बाद ईद को लेकर तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। रविवार को भारत में ईद की तारीख का ऐलान होगा। सऊदी अरब ने सोमवार को ईद-उल-फितर मनाने की घोषणा की है।
नई दिल्ली। भारत व पड़ोसी देशों में रविवार को अगर चांद दिख जाएगा तो सऊदी अरब (Saudi Arab) के साथ ईद (Eid-Al-Fitr) का जश्न यहां के मुस्लिम अनुयायी मना सकेंगे। सऊदी अरब अमीरात, कतर सहित अन्य अरब देशों में चांद देखने वाली समितियों व सऊदी अरब सुप्रीम कोर्ट ने ऐलान किया है कि मुसलमान सोमवार को 2 मई को ईद-उल-फितर (Eid-Ul-Fitr) मनाएंगे। सऊदी अरब की घोषणाओं पर ही अमेरिका, इंग्लैंड, कनाडा व अन्य पश्चिमी देशों में रहने वाले मुसलमान अमल करते हैं, इसलिए वह भी सोमवार को भी ईद मनाएंगे।
भारत में फैसला रविवार को होगा
भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका और अन्य दक्षिण एशियाई देशों में मुसलमान शव्वाल अर्धचंद्र की तलाश एक मई को करेंगे। यहां के अनुयायियों को अगर रविवार को चांद दिख गया तो वह भी सऊदी अरब, यूएई, कतर, यूके, यूएसए, अन्य खाड़ी और पश्चिमी देशों में अपने मुस्लिम भाइयों के साथ इस साल ईद-उल फितर मना सकेंगे। हालांकि, यहां भी कमेटियां ही निर्धारित करेंगी कि कब ईद मनाया जाएगा।
पाक रमजान महीना के बाद मनाया जाता है जश्न
इस्लामिक चंद्र कैलेंडर में नौवां महीना रमजान का है। दसवां महीना शव्वाल है। शव्वाल का पहला दिन दुनिया भर में ईद-उल-फितर के त्योहार के रूप में मनाया जाता है। दुनिया भर के मुसलमान रमजान माह के आखिरी दिन रात अर्धचंद्र को देखने के बाद त्योहार मनाते हैं। ईद-उल-फितर या ईद-उल-फितर समारोह के साथ शव्वाल का महीना शुरू होता है। शव्वाल अनुवाद का अर्थ है, 'उपवास तोड़ने का त्योहार।'
720 घंटे के उपवास के बाद मनाया जाता है ईद
रमजान 720 घंटे यानी चार सप्ताह और दो दिनों के लिए होता है। इस दौरान इस्लाम के अनुयायी या मुसलमान सुबह और सूर्यास्त के बीच उपवास करते हैं। शांति और मार्गदर्शन के लिए प्रार्थना करते हैं। समुदाय को दान, जकात के रूप में वापस देते हैं या मानवीय गतिविधियों में संलग्न होते हैं जैसे वंचितों को खिलाना आदि।
रमजान के अंत के दौरान, लैलतुल क़द्र या शक्ति की रात या क़द्र की रात के दौरान गहन प्रार्थना की जाती है। गुनाहों की माफी मांगी जाती है। इसे वर्ष की सबसे पवित्र रात माना जाता है। यह आम तौर पर रमजान के 27 वें दिन पड़ता है। माना जाता है कि पैगंबर मुहम्मद ने इसी रात को कुरान की पहली आयत को प्रकट किया था।
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