'कुछ नेता हमारे कंधे पर बंदूक रख राजनीति कर रहे', वोट चोरी के आरोपों पर चुनाव आयोग

Published : Aug 17, 2025, 03:59 PM ISTUpdated : Aug 17, 2025, 06:37 PM IST
Press Conference by Election Commission of India

सार

वोट चोरी के आरोपों पर मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि ये दावे निराधार हैं और मतदाताओं को गुमराह करते हैं। आयोग सभी मतदाताओं के अधिकारों की रक्षा करता है और किसी भी राजनीतिक दबाव से अडिग है।

Vote Theft Allegations: मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर विपक्ष द्वारा लगाए जा रहे वोट चोरी के आरोपों का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि कुछ नेता लोगों को गुमराह कर रहे हैं। जनता को गुमराह करना संविधान का अपमान है। वोट चोरी जैसे गलत शब्दों का इस्तेमाल ठीक नहीं है। बिना इजाजत मतदाता की तस्वीर का इस्तेमाल किया।

चुनाव आयोग के कंधे पर बंदूक रखकर हो रही राजनीति

ज्ञानेश कुमार ने कहा, "कुछ मतदाताओं द्वारा दोहरे मतदान के आरोप लगाए गए। सबूत मांगने पर जवाब नहीं मिला। ऐसे झूठे आरोपों से न तो चुनाव आयोग डरता है और न ही कोई मतदाता। जब चुनाव आयोग के कंधे पर बंदूक रखकर भारत के मतदाताओं को निशाना बनाकर राजनीति की जा रही हो तो आज चुनाव आयोग सभी को स्पष्ट करना चाहता है कि चुनाव आयोग निडरता के साथ, सभी गरीब, अमीर, बुजुर्ग, महिला, युवा सहित सभी वर्गों और सभी धर्मों के मतदाताओं के साथ चट्टान की तरह बिना किसी भेदभाव के खड़ा था, खड़ा है और खड़ा रहेगा।"

 

 

राहुल गांधी ने लगाया है चुनाव आयोग पर आरोप

बता दें कि कांग्रेस नेता चुनाव आयोग ने चुनाव आयोग पर भाजपा के साथ मिलकर चुनावों में धांधली करने का आरोप लगा है। राजद नेता तेजस्वी यादव ने भी चुनाव आयोग पर भाजपा के एजेंट के रूप में काम करने और "लोगों के वोट के अधिकार को छीनने" का आरोप लगाया है।

वोट चोरी जैसे शब्द संविधान का अपमान

राहुल गांधी पर नाम लिए बिना निशाना साधते हुए, मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि कुछ नेता गलत सूचना फैलाकर और भय पैदा करके मतदाताओं को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं। वोट चोरी जैसे शब्द संविधान का अपमान हैं। चुनाव आयोग विपक्ष या सत्तारूढ़ पार्टी को नहीं देखता, सभी समान हैं।

यह भी पढ़ें- Rahul Gandhi on BJP: 'वोटर अधिकार यात्रा' शुरू, NDA अरबपतियों के साथ मिलकर चलाती है सरकार- राहुल गांधी

45 दिन बाद क्यों आरोप लगा रहे, जनता जानती है

ज्ञानेश कुमार ने कहा, "रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा नतीजे घोषित करने के बाद भी कानून में प्रावधान है कि आप 45 दिन के अंदर हाईकोर्ट जाकर चुनावी याचिका दायर कर सकते हैं और चुनाव को चैलेंज कर सकते हैं। जब 45 दिन समाप्त हो जाते हैं, उसके बाद इस तरह के निराधार आरोप लगाना, चाहे वो केरल, कर्नाटक या बिहार हो। जब 45 दिन चुनाव के बाद पूरे हो गए हैं और किसी भी दल को, किसी भी उम्मीदवार को, कोई भी गलती नजर नहीं आई तो आज इतने दिनों बाद इस तरह के निराधार आरोप लगाना, उनका उद्देश्य क्या है, ये सारे मतदाता और देश की जनता समझती है।

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