कोआपरेटिव बैंक स्कैम में ED ने कमीशन एजेंट की संपत्ति को किया अटैच, आरोपी के 57 बैंक अकाउंट्स को किया सीज

त्रिशूर जिले में स्थित सहकारी बैंक में जुलाई 2021 में लोन स्कैम का पर्दाफाश हुआ था। इसके बाद छह कोआपरेटिव बैंक अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया था। केरल पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू किया था।

Dheerendra Gopal | Published : Dec 5, 2022 7:23 PM IST

ED attached assets: करुवन्नूर सेवा सहकारी बैंक लिमिटेड घोटाले में ईडी ने बड़ी कार्रवाई की है। प्रवर्तन निदेशालय ने सहकारी बैंक घोटाला केस में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था। इसके तहत कार्रवाई करते हुए बैंक के कमीशन एजेंट बिजॉय एके की 30.70 करोड़ रुपये की संपत्ति को अटैच कर दिया है। ईडी ने बिजॉय के 57 बैंक अकाउंट्स को भी जब्त कर लिया है। ईडी के जांच शुरू करने के पहले केरल पुलिस ने 16 से अधिक एफआईआर दर्ज किए थे।

ईडी ने जब्त की करोड़ों की संपत्ति

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ईडी ने सोमवार को करुवन्नूर सेवा सहकारी बैंक लिमिटेड के कमीशन एजेंट बिजॉय ए के की संपत्तियों को कुर्क किया। प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने बताया कि कुर्क की गई संपत्तियों में केरल में भूमि और भवन सहित 20 अचल संपत्तियां, दो प्रीमियम कारें, 3,40,000 रुपये और कुल 2,08,124 रुपये की विदेशी मुद्रा शामिल हैं। ईडी ने बिजॉय के 57 बैंक अकाउंट्स को भी जब्त किया है जिसमें करीब 35,86,990 रुपये हैं।

क्या है पूरा मामला?

त्रिशूर जिले में स्थित सहकारी बैंक में जुलाई 2021 में लोन स्कैम का पर्दाफाश हुआ था। इसके बाद छह कोआपरेटिव बैंक अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया था। केरल पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू किया था। स्थानीय ग्राहकों समेत कई लोगों द्वारा बैंक की कार्यप्रणाली को लेकर आशंका जताए जाने के बाद हाल ही में वहां एक ऑडिट कराया गया, जिसमें कथित तौर पर आरोप सही पाए गए। आरोपों के बाद मार्क्सवादी पार्टी शासित बैंक की 13 सदस्यीय समिति को भंग कर दिया गया था।

ईडी ने बताया कि 2010 से बैंक के सचिव और समिति के सदस्यों द्वारा घोटाला शुरू कर दिया गया था। एक व्यवस्थित साजिश के तहत 26.60 करोड़ रुपये के ऋण को अवैध रूप से स्वीकृत कर बांट दिया गया। केरल पुलिस ने करुवन्नूर सर्विस को-ऑपरेटिव बैंक में धोखाधड़ी के संबंध में त्रिशूर जिले में 16 से अधिक एफआईआर दर्ज की हैं। 

सौ करोड़ से अधिक का डायवर्जन

केरल पुलिस के एफआईआर के आधार के बाद ईडी ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दिया। ईडी ने पाया कि बैंक ने सोसायटी के सदस्यों की जानकारी के बिना एक ही संपत्ति पर कई फर्जी ऋण मंजूर किए थे। ईडी ने कहा कि जुलाई 2021 में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद, रजिस्ट्रार ने अपने ऑडिट में 100 करोड़ रुपये से अधिक का डायवर्जन पाया। इससे पहले 10 अगस्त को ईडी ने त्रिशूर के इरिंजलकुडा में सहकारी बैंक की एक शाखा सहित छह स्थानों पर रेड किया था। 25 अगस्त को एक और छापेमारी की गई।

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