Delhi Liquor Policy Case: ईडी ने बीआरएस नेता के कविता को किया गिरफ्तार, लाया जा रहा दिल्ली

दिल्ली शराब नीति मामले में ईडी ने बीआरएस नेता के कविता के हैदराबाद स्थित घर पर छापा मारा है। दो बार समन देने के बाद भी कविता पूछताछ के लिए पेश नहीं हुईं हैं।

 

Vivek Kumar | Published : Mar 15, 2024 11:52 AM IST / Updated: Mar 15 2024, 06:32 PM IST

हैदराबाद। दिल्ली शराब नीति मामले में ईडी (Enforcement Directorate) ने शुक्रवार को BRS नेता के कविता के हैदराबाद स्थित घर पर छापा मारा। ईडी ने कविता को कई बार समन भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन वह पेश नहीं हुईं। इसके बाद जांच एजेंसी ने यह कार्रवाई की। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ईडी ने छापेमारी पूरी करने के बाद कविता को गिरफ्तार कर लिया है। उन्हें दिल्ली लाया जा रहा है।

कविता तेलंगाना में विधान परिषद की सदस्या हैं। वह BRS (Bharat Rashtra Samithi) के प्रमुख और तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी हैं। कविता से दिल्ली शराब घोटाला मामले में ईडी ने पहले पूछताछ की है। इस साल ईडी ने दो समन जारी कर कविता को पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन वह नहीं गईं।

साउथ ग्रुप का हिस्सा हैं कविता

ईडी का आरोप है कि कविता ‘South Group' का हिस्सा हैं। इस समूह पर दिल्ली शराब घोटाला में महत्वपूर्ण रोल निभाने का आरोप लगा है। जांच एजेंसी के अनुसार समूह के अन्य सदस्य हैदराबाद के व्यवसायी सरथ रेड्डी, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के सांसद मगुंटा श्रीनिवासुलु रेड्डी और उनके बेटे राघव मगुंटा रेड्डी थे। इनमें से कुछ लोग सरकारी गवाह बन गए हैं। दिल्ली में साउथ ग्रुप का प्रतिनिधित्व व्यवसायी अरुण पिल्लई, अभिषेक बोइनपल्ली और एक चार्टर्ड अकाउंटेंट बुची बाबू ने किया था।

साउथ ग्रुप ने रिश्वत में दिया 100 करोड़ रुपए

ईडी ने आरोप लगाया है कि दिल्ली शराब नीति 2021-22 से थोक विक्रेताओं के लिए 12% और खुदरा विक्रेताओं के लिए लगभग 185% मार्जिन की व्यवस्था की गई थी। थोक विक्रेताओं से 12 फीसदी मुनाफे में से 6 फीसदी आप (AAP) के नेताओं द्वारा रिश्वत के रूप में वसूला जाना था। साउथ ग्रुप ने AAP से जुड़े विजय नायर को एडवांस रिश्वत के रूप में 100 करोड़ रुपए दिए थे।

यह भी पढ़ें- इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने वाले टॉप-5 कंपनियों में तीन झेल रहीं ईडी और आईटी जांच

बदले में नायर ने साउथ ग्रुप को दिल्ली शराब कारोबार में हिस्सेदारी देने का वादा किया था। समूह को नीति के तहत अनुमति से अधिक खुदरा लाइसेंस रखने की अनुमति दी गई थी। इसके साथ ही कई अन्य अनुचित लाभ भी दिए गए थे।

यह भी पढ़ें- SBI ने 3346 बॉन्ड का डिटेल किसके कहने पर छिपाया, अजय माकन बोले-BJP का अकाउंट तत्काल हो फ्रीज, पूछा-किसे बचा रही सरकार

Share this article
click me!