74 साल बाद अब 'जीका वायरस' ने बढ़ाया खतरा; अगली महामारी बन सकता है; मानसून में रहें अधिक ALERT

कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका के बीच जीका वायरस की एंट्री ने चिंताएं बढ़ा दी हैं। शुक्रवार को केरल में इस संक्रमण के 13 मामले सामने आए हैं। बता दें कि ब्राजील के मानौस स्थित फेडरल यूनिवर्सिटी ऑफ अमेजोनास के बायोलॉजिस्ट मार्सेलो गोर्डो ने इसे अगली महामारी बताकर चेताया है। 

नई दिल्ली. इस समय सारी दुनिया कोरोना की दूसरी लहर से जूझ रही है। वहीं; तीसरी लहर को लेकर चेतावनी जारी की गई है। इसी बीच केरल में जीका संक्रमण(zika virus) की एंट्री ने चिंताएं बढ़ा दी हैं। केरल में शुक्रवार को इस वायरस के 13 नए मामले सामने आए हैं। इससे पहले एक गर्भवती में इस वायरस की पुष्टि हुई थी। राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने बताया कि गुरुवार को पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान(NIV) में 19 संदिग्धों के सैंपल भेजे गए थे। शुक्रवार को इनमें से 13 में जीका वायरस के लक्षण मिले। इन मरीजों में डॉक्टर और हेल्थ वर्कर्स हैं। 

सबसे पहले गर्भवती में मिला था जीका वायरस
गुरुवार को केरल में 24 वर्षीय एक गर्भवती में जीका वायरस का संक्रमण सामने आया था। हफ्तेभर पहले उसकी मां में भी यही संक्रमण निकला था। गर्भवती तिरुवनंतपुरम के पारसलेन में रहती है और उसका एक प्राइवेट अस्पताल में इलाज चल रहा है। महिला ने 7 जुलाई को बच्चे को जन्म दिया है। उसे 28 जून को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों का मानना है कि संक्रमित गर्भवती के बच्चे में विकार पैदा हो सकते हैं। जैसे- उसक सिर अपेक्षाकृत छोटा हो सकता है। उसे सुनने की समस्या भी हो सकती है।

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केंद्रीय टीम केरल पहुंची
जीका वायरस की मौजूदगी को देखते हुए विशेषज्ञों का 6 सदस्यीय केंद्रीय दल केरल पहुंच गया है। इस बीच केरल के अलावा कर्नाटक सरकार ने भी जीका की रोकथाम के लिए गाइडलाइन जारी कर दी है।

मानसून में रखें खास ध्यान
कर्नाटक के हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर सर्विस डिपार्टमेंट ने एक गाइडलाइन जारी की है। इसमें कहा गया है कि मानसून सीजन में इन मच्छरों के पैदा होने की गुंजाइश अधिक रहती है, इसलिए खास ध्यान रखने की जरूरत है।

अगली महामारी बन सकता है
ब्राजील के मानौस स्थित फेडरल यूनिवर्सिटी ऑफ अमेजोनास के बायोलॉजिस्ट मार्सेलो गोर्डो ने इसे अगली महामारी बताकर चेताया है। वहीं, फियोक्रूज अमेजोनिया बायोबैंक की जीव विज्ञानी अलेसांड्रा नावा ने कहा कि इंसानों के जंगलों पर कब्जा करने से वहां मौजूद वायरस, बैक्टीरिया आदि इंसानों पर हमलावर हो गए हैं। कोरोना वायरस भी इसी का उदाहरण है, जो चीन से निकला।

अफ्रीका से एशिया तक फैला है यह संक्रमण
जीका वायरस का असर अफ्रीकी देशों से लेकर एशिया तक दिखाई देता है। यह 2014 में प्रशांत महासागर से फ्रेंच पॉलीनेशिया तक और फिर 2015 में मैक्सिको और मध्य अमेरिका तक जा पहुंचा।

जानिए आखिर यह क्या बला...

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