महादेव सट्टेबाजी ऐप मामले में पूर्व सीएम भूपेश बघेल पर EOW ने कराया एफआईआर, जानिए क्या है पूरा मामला

ईडी का आरोप है कि महादेव ऐप के प्रोमोटर्स ने हवाला के जरिए पैसे लिए हैं। इस केस में भूपेश बघेल सहित 21 लोगों के खिलाफ ईओडब्ल्यू ने एफआईआर कराया है।

 

Dheerendra Gopal | Published : Mar 17, 2024 11:38 AM IST / Updated: Mar 17 2024, 05:12 PM IST

Mahadev Online Betting App: छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल के खिलाफ ईओडब्ल्यू ने कथित महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी घोटाला में केस दर्ज कराया है। ईडी की जांच रिपोर्ट के आधार पर आर्थिक अपराध शाखा ने भूपेश बघेल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया है। ईडी का आरोप है कि महादेव ऐप के प्रोमोटर्स ने हवाला के जरिए पैसे लिए हैं। इस केस में भूपेश बघेल सहित 21 लोगों के खिलाफ ईओडब्ल्यू ने एफआईआर कराया है।

ईओडब्ल्यू के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ईडी मामले की जांच कर रही है। राज्य की आर्थिक अपराध शाखा/भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को सौंपी गई ईडी रिपोर्ट के आधार पर 4 मार्च को यहां ईओडब्ल्यू पुलिस स्टेशन में भूपेश बघेल और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ कांग्रेस नेता भूपेश बघेल, ऐप प्रमोटरों रवि उप्पल, सौरभ चंद्राकर, शुभम सोनी और अनिल कुमार अग्रवाल और 14 अन्य को एफआईआर में आरोपी बनाए गए हैं। आर्थिक अपराध शाखा के अधिकारी ने बताया कि कुछ नौकरशाहों, पुलिस अधिकारियों, ओएसडी व कई अज्ञात को भी आरोपी बनाया गया है।

किन धाराओं में केस हुआ है दर्ज?

महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप केस में पूर्व सीएम भूपेश बघेल सहित अन्य पर आईपीसी की धारा 120बी (आपराधिक साजिश), 420 (धोखाधड़ी) और 471 (जाली दस्तावेज़ को असली के रूप में उपयोग करना) और भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम, 2018 के तहत एफआईआर दर्ज किया गया है।

ईडी कर रही है महादेव ऐप की जांच

ईडी एक साल से अधिक समय से महादेव ऐप से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच कर रही है। ईडी का दावा है कि जांच में छत्तीसगढ़ के विभिन्न उच्च पदस्थ राजनेताओं और नौकरशाहों की संलिप्तता है। दो मुख्य ऐप प्रोमोटर छत्तीसगढ़ से ही हैं। ईडी के अनुसार, इस मामले में अपराध की अनुमानित आय लगभग 6,000 करोड़ रुपये है।

ईडी के रिपोर्ट के आधार पर ईओडब्ल्यू ने भी एफआईआर दर्ज कराया है। एफआईआर में कहा गया है कि महादेव बुक ऐप के प्रमोटर उप्पल, चंद्राकर, सोनी और अग्रवाल ने लाइव ऑनलाइन सट्टेबाजी के लिए मंच बनाया और व्हाट्सएप, फेसबुक और टेलीग्राम और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के माध्यम से सट्टेबाजी में शामिल हुए। प्रमोटरों ने अलग-अलग प्लेटफ़ॉर्म बनाए और पैनल ऑपरेटरों/शाखा ऑपरेटरों के माध्यम से ऑनलाइन सट्टेबाजी के अवैध कार्य किए। आरोप है कि उन्होंने अवैध कमाई का 70 से 80 फीसदी हिस्सा अपने पास रखा और बाकी पैसा पैनल ऑपरेटरों/शाखा संचालकों को बांट दिया। एफआईआर के अनुसार, कोविड लॉकडाउन के दौरान प्रोमोटर्स और पैनल ऑपरेटर्स ने हर महीने लगभग 450 करोड़ रुपये कमाए।

महादेव बुक ऐप के प्रमोटरों एवं पैनल संचालकों द्वारा अवैध रूप से प्राप्त धन के लेन-देन हेतु फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बैंक खाते खोले गये तथा सट्टे से प्राप्त धन से कमीशन के आधार पर सैकड़ों बैंक खाते संचालित किये गये। पैनल संचालकों ने विभिन्न बैंक खातों के माध्यम से संयुक्त अरब अमीरात में प्रमोटरों को अवैध धन हस्तांतरित किया।

सट्टेबाजी वेबसाइटों पर विज्ञापन देने के लिए ऐप प्रमोटरों द्वारा भारी मात्रा में पैसा खर्च किया गया था। एफआईआर में कहा गया है कि इसके लिए वार्षिक स्टार-स्टडेड कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते थे, जिसमें सट्टेबाजी से प्राप्त अवैध धन का भुगतान करके मशहूर हस्तियों को शामिल किया जाता था। ऐप प्रमोटरों द्वारा ऑनलाइन सट्टेबाजी से प्राप्त अवैध धन को कई कंपनियों, शेल कंपनियों, शेयर बाजार और क्रिप्टो मुद्रा में निवेश किया गया है।

एफआईआर में कहा गया है कि स्काई एक्सचेंज नामक एक समान सट्टेबाजी मंच हरि शंकर टिबरेवाल द्वारा चलाया जा रहा था, जो महादेव ऑनलाइन बुक से जुड़े थे और ईडी ने उनकी लगभग 580 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली है।

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