अरुणाचल प्रदेश के पहले एवरेस्टर तापी मिरा और उनके सहयोगी निकू दाओ का अभा तक पता नहीं चल पाया हैI ये माउंट ख्यारीसट्टम(Mount Khyarisattam) के लिए एक अभियान के दौरान एक महीने पहले लापता हो गए थे।
ईटानगर. अरुणाचल प्रदेश के पहले एवरेस्टर तापी मिरा और उनके सहयोगी निकू दाओ(the first Everester from Arunachal Pradesh Tapi Mra and his associate Niku Dao) का अभा तक पता नहीं चल पाया हैI ये माउंट ख्यारीसट्टम(Mount Khyarisattam) के लिए एक अभियान के दौरान एक महीने पहले लापता हो गए थे। राज्य के इस माउंट पर अब तक कोई चढ़ाई नहीं कर पाया है। राज्य के खेल और युवा मामलों के मंत्री मामा नटुंग( state Sports and Youth Affairs Minister, Mama Natung) ने कहा कि सेना द्वारा क्षेत्र में एयर सर्च के दौरान भी इन पर्वतारोहियों का पता नहीं लगाया जा सका है। 9 सैनिक और तीन स्थानीय पर्वतारोही अब इन्हें जमीन पर तलाशने में लगे हैं।
17 अगस्त को 7 कुलियों के साथ निकले थे
मिनिस्टर नटुंग ने बुधवार को कहा कि एक टीम पहले ही बेस कैम्प का सर्वे कर चुकी है और अब दूसरे बेस कैम्प की तरफ बढ़ रही है। ये दोनों पर्वतारोही(mountaineers) 17 अगस्त से मिसिंग है। ये दोनों पूर्वी कामेंग जिले के सावा सर्कल के एक गांव सरियो-सरिया से अभियान के लिए 27 जुलाई को 7 कुलियों के साथ निकले थे।सेपा में पूर्वी कामेंग जिले के डिप्टी कमिश्नर पीए पोलुमतला के साथ बैठक के बाद मंत्री ने मीडिया से कहा-"उनकी सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। यहां तक कि अगर दोनों का पता नहीं लगा पाते हैं, तो भी खोजी दल उनके अस्तित्व के अन्य पहलुओं पर गौर करेगा।"
बता दें कि प्रसिद्ध पर्वतारोही और उनके सहयोगी के लिए खोज और बचाव कार्यों की समीक्षा के लिए बैठक आयोजित की गई थी। मंत्री ने कहा-"मिरा एक प्रसिद्ध पर्वतारोही हैं और हमारे राज्य का गौरव हैं। हम उन्हें लेकर चिंतित हैं। आशा करते हैं कि जिला प्रशासन, भारतीय सेना और स्थानीय लोगों के संयुक्त प्रयास सफल होंगे।"
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मंत्री ने बताया-"मिरा ने अभियान को लेकर खेल विभाग से संपर्क किया था, लेकिन खराब मौसम के कारण विशेष समय के दौरान इससे बचने की सलाह दी गई थी। लेकिन पर्वतारोही ने पूर्वी कामेंग जिला प्रशासन को 6900 मीटर माउंट ख्यारीसट्टम के अपने अभियान के बारे में सूचित नहीं किया था। हम आफिसियल प्रोसेस का पालन नहीं करने के लिए किसी को दोष नहीं दे रहे हैं या बहाना नहीं बना रहे हैं।"
बता दें कि जिले के लोगों द्वारा माउंट ख्यारीसट्टम को पवित्र माना जाता है। अभियान में मिरा के साथ आए याकली गांव के एक कुली नोख्या याकली ने मीडिया को बताया था कि एवरेस्टर और उनके सहयोगियों ने 17 अगस्त को पहले बेस कैम्प से आगे बढ़ना शुरू किया था। उनके साथ कुली डांगबिंग सरिया और एडम वॉलोंग सप्लाई(सामग्री) के साथ सेकंड बेस कैम्प तक गए।
हालांकि, पहला प्रयास विफल होने के बाद मिरा और दाओ दूसरे बस कैम्प में लौटने को मजबूर हो गए थे। बाद में वे पूर्वी तरफ से चोटी पर चढ़ने के लिए आगे बढ़े। यकली ने कहा था कि दोनों के पास बहुत कम राशन था और प्रत्येक के पास एक ऑक्सीजन सिलेंडर था।
वे पहले बेस कैंप एक में अगले तीन दिनों तक वॉकी-टॉकी के जरिए कुलियों के संपर्क में थे। बाद में संपर्क टूट गया। कुलियों द्वारा सूचित किए जाने के तुरंत बाद जिला प्रशासन ने सेना के जवानों और स्थानीय लोगों के साथ दोनों के लिए तलाशी अभियान शुरू किया।
मिरा, जो राज्य की टैगिन जनजाति(Tagin tribe) से हैं, माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाले अरुणाचल प्रदेश के पहले व्यक्ति हैं। उन्होंने 2009 में एवरेस्ट फतह किया था। पर्वतारोही ने 2007 में इम्जा त्से पर चढ़ाई की थी, जिसे आमतौर पर नेपाल में द्वीप शिखर के रूप में जाना जाता है। उन्होंने नेपाल में मेरा पीक, तंजानिया में उहुरू पीक और ऑस्ट्रेलिया में माउंट कोसियस्ज़को के लिए भी सफल अभियान चलाया था।
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