रिटायर्ड नौकरशाहों ने चुनाव आयोग से अपील किया है कि जनप्रतिनिधित्व कानून के चुनाव चिह्न (आरक्षण और आवंटन) आदेश, 1968 के 16 ए के तहत आम आदमी पार्टी की मान्यता वापस लेना चाहिए। पत्र में आरोप लगाया गया है कि आप ने चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन किया है। वह लगातार चुनाव को प्रभावित करने के साथ गलत प्रैक्टिस को बढ़ावा दे रहे हैं।
नई दिल्ली। देश के 56 पूर्व नौकरशाहों व राजनयिकों ने चुनाव आयोग को पत्र भेजकर आम आदमी पार्टी की मान्यता समाप्त करने व आप का सिंबल जब्त करने की मांग की है। चुनाव आयोग को लिखे पत्र में पूर्व आईएएस अधिकारियों ने आरोप लगाया है कि आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल गुजरात राज्य के सिविल सर्वेंट्स को आप का सहयोग देने के लिए प्रलोभन दे रहे हैं। वह खुलेआम पुलिस के अधिकारियों, होमगार्ड्स, आंगनबाड़ी, बस कंडक्टर्स वगैरह को पार्टी की मदद के लिए अपील कर रहे हैं।
कर्नाटक के पूर्व एडिशनल चीफ सेक्रेटरी एम.मदन गोपाल के नेतृत्व में पत्र लिखने वाले पूर्व आईएएस अधिकारियों ने कहा है कि हम लोगों का मानना है कि राज्य में कार्यरत सरकारी अधिकारी या कर्मचारी किसी भी दल से जुड़ नहीं सकते हैं, न ही वह अपनी राजनीतिक मंशा सरेआम जाहिर कर सकते हैं। लेकिन गुजरात में आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल, सरकारी नौकरीपेशा के लोगों को लगातार राजनीतिक भागीदारी के लिए उकसा रहे हैं, उनको आम आदमी पार्टी से जुड़कर वोटिंग कराने व प्रचार करने की बात कह रहे हैं। बीते 3 सितंबर को गुजरात के राजकोट में उन्होंने ऐसे ही विवादित बयान दिए थे जिसका हम सब कड़ाई से अपनी आपत्ति दर्ज कराते हैं।
सरकारी सेवकों को दे रहे हैं प्रलोभन, राजनीतिक रंग में सबको ढालने की कर रहे कोशिश
पूर्व अधिकारियों ने चुनाव आयोग से शिकायत की है कि अरविंद केजरीवाल गुजरात में कार्यरत विभिन्न विभागों के कर्मचारियों को राजनीतिक पक्ष बनाने में लगे हुए हैं। उन्होंने बीते दिनों बूथ वर्कर्स से कहा कि बूथ लेवल पर जाकर लोगों से आप के लिए वोट करने की अपील करने को कहा है। इसी तरह उन्होंने बस कंडक्टर्स से कहा कि बस में यात्रा करने वाले पैसेंजर्स को आम आदमी पार्टी को वोट करने के लिए झाड़ू पर बटन दबाने के लिए कहे। तो पुलिस वालों व होमगार्ड्स को भी पार्टी के लिए सहयोग की अपील करते हुए कहा कि पुलिसवाले राज्य सरकार के आदेशों को न मानें, दो महीने बाद उनकी सरकार बनने वाली है।
आप की मान्यता रद्द हो
रिटायर्ड नौकरशाहों ने चुनाव आयोग से अपील किया है कि जनप्रतिनिधित्व कानून के चुनाव चिह्न (आरक्षण और आवंटन) आदेश, 1968 के 16 ए के तहत आम आदमी पार्टी की मान्यता वापस लेना चाहिए। पत्र में आरोप लगाया गया है कि आप ने चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन किया है। वह लगातार चुनाव को प्रभावित करने के साथ गलत प्रैक्टिस को बढ़ावा दे रहे हैं।
किसके-किसके है हस्ताक्षर?
केरल के पूर्व चीफ सेक्रेटरी आनंद बोस, पूर्व आईएएस आरडी कपूर, पूर्व आईएएस सौरभ चंद्र, पूर्व आईएएस के श्रीधर राव, पूर्व आईएएस अभिक घोष, पूर्व आईएएस सीएस खैरवाल, पूर्व आईआरएस एसके गोयल, पूर्व आईएफएस निरंजन देसाई, पूर्व आईएफएस सतीश मेहता, पूर्व आईएफएस भसवती मुखर्जी, विद्यासागर, बाला शेट्टी, पूर्व आइपीएस उमेश कुमार, एम.मोहन राज, निर्मल कौर, महेश सिंघला, शीला प्रिया, जी. प्रसन्ना कुमार, संजय दीक्षित, पीबी राममूर्ति सहित 56 पूर्व अधिकारियों के हस्ताक्षर हैं।
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