शीला दीक्षित का 81 साल की उम्र में निधन, पीएम मोदी बोले- दिल्ली के विकास में उनका बड़ा योगदान

दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित का शनिवार दोपहर निधन हो गया। उनकी उम्र 81 साल थी। तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें सुबह दिल्ली के एस्कॉर्ट फोर्टिस हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। डॉक्टर्स के मुताबिक, इलाज के दौरान उन्हें दोपहर 3:15 मिनट पर कार्डियक अरेस्ट हुआ था। वे तीन बार 1998 से 2013 तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं।

Asianet News Hindi | Published : Jul 20, 2019 10:50 AM IST / Updated: Jul 20 2019, 07:18 PM IST

नई दिल्ली. दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित का शनिवार दोपहर निधन हो गया। उनकी उम्र 81 साल थी। तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें सुबह दिल्ली के एस्कॉर्ट फोर्टिस हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। डॉक्टर्स के मुताबिक, इलाज के दौरान उन्हें दोपहर 3:15 मिनट पर कार्डियक अरेस्ट हुआ था। 1998 से 2013 तक वे तीन बार दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं। वर्तमान में वे दिल्ली के कांग्रेस की अध्यक्ष थीं। उनके निधन पर पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा,  ''कांग्रेस पार्टी की एक प्यारी बेटी शीला दीक्षित जी के निधन के बारे में सुनकर दुख हुआ। वह मेरे बेहद करीबियों में से थीं। उनके परिवार और दिल्ली के नागरिकों के प्रति मेरी संवेदना है। उन्होंने अपने 3 बार के कार्यकाल में अच्छा काम किया, जिसे कभी नहीं भुलाया जाएगा।''  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ''शीला दीक्षित के निधन की खबर सुनकर बहुत दुख हुआ। वह विनम्र स्वभाव की थीं। उनका दिल्ली के विकास में काफी योगदान रहा। उनके परिवार के प्रति मेरी संवेदनाएं। ओम शांति।'' वहीं प्रियंका गांधी ने शोक व्यक्त करते हुए लिखा,  ''शीलाजी को हमेशा उनकी गवर्नेंस और दिल्ली के विकास में अपार योगदान के लिए याद किया जाएगा। मुझे उनकी सलाह, प्यारी मुस्कान हमेशा याद आएगी।''

कांग्रेस की कद्दावर नेताः   कांग्रेस की दिग्गज नेता रहीं शीला दीक्षित का जन्म 31 मार्च 1938 में पंजाब के कपूरथला में हुआ था। उनकी शुरुआती पढ़ाई दिल्ली के कॉन्वेंट ऑफ जीसस एंड मैरी स्कूल से हुई। दिल्ली के मिरांडा हाउस कॉलेज से आर्ट्स में ग्रेजुएशन किया। 1984 में पहली बार यूपी के  कन्नोज से सांसद चुनकर सदन पहुंची। 

दिल्ली की सबसे चहेती सीएमः  दिल्ली में विकास का श्रेय शीला दीक्षित को दिया जाता है। उन्होंने अपने 15 साल के कार्यकाल में दिल्ली में कई बड़े काम किए। वे 1986 से लेकर 1989 तक संसदीय कार्य राज्यमंत्री रहीं। 1998 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के लाल बिहारी तिवारी को नॉर्थ दिल्ली से हराया। जिसके बाद उन्हें गोल मार्केट से 1998 और 2003 में सांसद चुना गया। उन्होंने 2008 में नई दिल्ली से चुनाव लड़ा। शीला के दो बच्चे संदीप दीक्षित और बेटी लतिका हैं। संदीप दीक्षित सांसद रह चुके हैं। साल 2014 में शीला दीक्षित को केरल का राज्यपाल बनाया गया था। हालांकि उन्होंने 25 अगस्त 2014 को इस्तीफा दे दिया। 2019 में उन्होंने मनोज तिवारी के सामने उत्तर पूर्वी दिल्ली से लोकसभा चुनाव लड़ा, जहां उन्हें हार का सामना करना पड़ा। 

सीएम केजरीवाल ने किया ट्वीटः  दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग ने उनके निधन पर शोक जताया है। सीएम केजरीवाल ने लिखा, ''उनका जाना दिल्ली के लिए बड़ा नुकसान है। उनका योगदान हमेशा याद रहेगा।'' 


गौतम गंभीर ने किया ट्वीटः बीजेपी सांसद और पूर्व क्रिकेटर ने ट्वीट करते हुए श्रद्धांजलि दी। उन्होंने लिखा, '' शीला दीक्षित जी की असामयिक मृत्यु के बारे में सुनकर गहरा दुख हुआ। उन्होंने अपना जीवन बेहतर दिल्ली के लिए समर्पित कर दिया। मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और दोस्तों के साथ है।''

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