Anil Deshmukh के रिमांड के लिए CBI भी आई सामने, कैश फॉर ट्रांसफर केस में कर रही है जांच

सीबीआई 'कैश फॉर ट्रांसफर' (Cash for Transfer) मामले में पूर्व गृहमंत्री की कथित भूमिका को लेकर पूछताछ करना चाहती है। अनिल देशमुख पर आरोप है कि महराष्ट्र में कई पुलिस अधिकारियों से कैश लेकर उनको मनचाहे पद पर ट्रांसफर किया गया था।

मुंबई। महाराष्ट्र (Maharashtra) के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) की अब सीबीआई (CBI) हिरासत मांगेगी। देशमुख 12 नवम्बर तक ईडी (enforcement directorate) की हिरासत में हैं। प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत खत्म होने के बाद सीबीआई अदालत से पूर्व गृह मंत्री की हिरासत की मांग करेगी। सीबीआई 'कैश फॉर ट्रांसफर' (Cash for Transfer) मामले में पूर्व गृहमंत्री की कथित भूमिका को लेकर पूछताछ करना चाहती है। अनिल देशमुख पर आरोप है कि महराष्ट्र में कई पुलिस अधिकारियों से कैश लेकर उनको मनचाहे पद पर ट्रांसफर किया गया था।

सीबीआई कर चुकी है कैश फॉर ट्रांसफर में एक को अरेस्ट

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सीबीआई ने बीते 31 अक्टूबर को तबादला पोस्टिंग कराने वाले एक व्यक्ति को अरेस्ट किया था। अधिकारियों और नेताओं के बीच बिचौलिया का काम करने वाले संतोष शंकर जगताप पर कैश फॉर ट्रांसफर का आरोप है। बताया जा रहा है कि ट्रांसफर के नाम पर तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख ने भी धन लिए हैं। 

महिला आईपीएस की रिपोर्ट के कवर पर बीजेपी का लेटर

आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला (IPS Rashmi Shukla) ने छह व्यक्तियों पर तकनीकी निगरानी की थी। उन्होंने कुछ सीनियर राजनेताओं, बिचौलियों और पुलिस अधिकारियों के खिलाफ एक रिपोर्ट सौंपी थी। इन लोगों ने कथित तौर पर अपने लिए पोस्टिंग की मांग की थी। रिपोर्ट के अनुसार, कथित पुलिस अधिकारियों ने राजनेताओं के साथ मिलकर काम करते हुए बिचौलियों को तबादलों और पोस्टिंग के लिए पैसे दिए थे। रिपोर्ट का कवर लेटर भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने शेयर किया था। इसके बाद सवाल उठे कि क्या रश्मि शुक्ला के पास छह अफसरों पर सर्विलांस की इजाजत थी या नहीं। फडणवीस ने दावा किया था कि शुक्ला को राज्य के गृह विभाग के तत्कालीन अतिरिक्त मुख्य सचिव से अनुमति मिली थी।

बांबे हाईकोर्ट के आदेश पर 12 नवम्बर तक ईडी रिमांड

बांबे हाईकोर्ट (Bombay HighCourt) ने पूर्व मंत्री देशमुख को 12 नवम्बर तक ईडी के रिमांड पर भेज दिया है। देशमुख को पहली नवम्बर को मनी लॉन्ड्रिंग केस (money laundering case) में अरेस्ट किया गया था।

ज्यूडिशियल कस्टडी में भेजे गए थे

पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख  को 14 दिन की न्यायिक हिरासत(judicial custody) में भेजे गए थे। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 6 नवंबर को उनकी कस्टडी खत्म होने पर विशेष PMLA (Prevention of Money Laundering Act) अदालत में पेश किया था। अब बांबे हाईकोर्ट ने ईडी की रिमांड को बढ़ा दी है। देशमुख ब्लैक मनी को व्हाइट करने के आरोपों का सामना कर रहे हैं। उन्हें 1 नवंबर की देर रात अरेस्ट किया गया था। इस मामले में उनके परिजन भी जांच के दायरे में हैं।

100 करोड़ रुपए की वसूली से जुड़ा है मामला 

अनिल देखमुख के खिलाफ 100 करोड़ रुपए की अवैध वसूली का आरोप है। प्रवर्तन निदेशालय ने 21 अप्रैल को उनके खिलाफ केस दर्ज किया था। ED का आरोप है कि देशमुख ने अपने पद का दुरुपयोग किया और एंटीलिया केस के आरोपी निलंबित पुलिसकर्मी सचिन वझे के जरिये मुंबई के विभिन्न बार-रेस्त्रां से 4.70 करोड़ रुपए की उगाही कराई थी।

देशमुख के बेटे को भी ED के सामने पेश होना है

अवैध वसूली के मामले में अनिल देशमुख के पूरे परिवार की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। शुक्रवार यानी 5 नवंबर को उनके बेटे ऋषिकेश देशमुख को प्रवर्तन निदेशालय  में पूछताछ के लिए बुलाया गया था, लेकिन वे नहीं पहुंचे। कहा जा रहा है कि उन्होंने ED से 7 दिन का समय मांगा है। 

परमबीर सिंह ने उद्धव ठाकरे को लिखा था लेटर

मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) के घर के बाहर मिले विस्फोटक की जांच के बाद यह मामला सामने आया था। मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह (Parambir Singh) ने महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे (Udhav Thackeray) को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि अनिल देशमुख ने सचिन वझे (एंटीलिया केस का मुख्य आरोपी) को बार, रेस्तरां और अन्य जगहों से हर महीने 100 करोड़ रुपए इकट्ठा करने के लिए कहा था। चिट्ठी में परमबीर सिंह ने लिखा था, "गृहमंत्री देशमुख ने सचिन वझे को कई बार अपने बंगले पर बुलाया। फंड कलेक्ट करने का आदेश दिया। इस दौरान उनके पर्सनल सेक्रेटरी मिस्टर पलांडे भी वहां मौजूद थे। मैंने इस मामले को डिप्टी चीफ मिनिस्टर और एनसीपी चीफ शरद पवार को भी ब्रीफ किया।"

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