सार

1997 में हुए उपहार अग्निकांड केस की सुनवाई करते हुए चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट पंकज शर्मा ने प्रत्येक आरोपी पर 2.25 करोड़ रुपये का आर्थिक दंड भी सुनाया है। 

नई दिल्ली। उपहार सिनेमा फायर ट्रेजेडी (Uphaar Cinema Fire tragedy) केस में दिल्ली कोर्ट (delhi Court) ने रियल स्टेट हस्ती सुशील अंसल (Sushil Ansal), गोपाल अंसल (Gopal Ansal) व अन्य आरोपियों को सात साल की कैद की सजा सुनाई है। इन पर सबूतों के साथ छेड़छाड़ का आरोप है। 1997 में हुए उपहार अग्निकांड केस की सुनवाई करते हुए चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट पंकज शर्मा (Chief Metropolitan Magistrate Pankaj Sharma) ने दोनों आरोपियों पर 2.25 करोड़ रुपये का आर्थिक दंड भी सुनाया है। जबकि दिनेश चंद्र शर्मा, प्रेम प्रकाश बत्रा और अनूप सिंह पर तीन-तीन लाख रुपये का अर्थदंड लगाया गया है। इन तीनों पर सबूतों से छेड़छाड़ में मदद के सबूत मिले हैं। 

सुप्रीम कोर्ट ने भी भेजा था जेल

अंसल को पहले सुप्रीम कोर्ट (Suprem Court) ने दो साल के लिए जेल में डाल दिया था। बाद में, उन्हें रिहा कर दिया गया और प्रत्येक पर ₹ 30 करोड़ का जुर्माना लगाया गया, जिसका उपयोग राष्ट्रीय राजधानी में एक ट्रॉमा केयर सेंटर बनाने के लिए किया जाएगा।

दो आरोपियों की मौत सुनवाई के दौरान हो चुकी

उपहार अग्निकांड के दो अन्य आरोपियों, हर स्वरूप पंवार (Har Swaroop Pawar) और धर्मवीर मल्होत्रा ​​(Dharmveer Malhotra) की सुनवाई के दौरान मौत हो चुकी है। 

बार्डर फिल्म की हो रही थी स्क्रीनिंग, तभी लगी आग

उपहार सिनेमा में आग फिल्म 'बॉर्डर' की स्क्रीनिंग के दौरान लगी थी। 13 जून 1997 को फिल्म की स्क्रीनिंग के दौरान यह हादसा हुआ था। थिएटर में फायर सेफ्टी के कोई इंतजाम नहीं थे। आग लगने की वजह से 59 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 100 से अधिक लोग भगदड़ में घायल हो गए थे। 

पीड़ितों ने मजबूती से लड़ी लड़ाई

इस अग्निकांड ने देश और विदेशी मीडिया में खूब सुर्खियां बटोरी। हालांकि, इसमें मरे युवाओं के माता-पिता ने हाईप्रोफाइल मामले में अपनी लड़ाई जारी रखी और कभी कमजोर न पड़े। पीड़ित परिवारों ने अदालत में अंसल का पीछा करने के लिए मिलकर काम किया। अंसल बंधुओं के खिलाफ लापरवाही के आरोपों से लेकर हत्या तक की लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी गई।

सुप्रीम कोर्ट ने कुछ दिनों पहले ही लिया था संज्ञान

पिछले साल जून में, महामारी के बीच, सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से दिल्ली के द्वारका में एक दूसरे ट्रॉमा केयर सेंटर के निर्माण की स्थिति के बारे में पूछा था, जिसे अंसल बंधुओं से ​​60 करोड़ रुपये के जुर्माने से बनाया जाना था।

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