
नई दिल्ली। भारतीय सेना इंटीग्रेटेड थिएटर कमांड (आईटीसी) के गठन की दिशा में तेजी से बढ़ रही है। इस ओर अहम पहल करते हुए तीनों सेवाओं के 100 जूनियर स्तर के अधिकारियों को जल्द ही लॉजिस्टिक्स, एविएशन और आर्टिलरी सहित सभी हथियारों और सेवाओं में इंटर-सर्विस पोस्टिंग पर तैनात किया जाएगा।
ये अधिकारी मेजर और लेफ्टिनेंट कर्नल के रैंक के समकक्ष होंगे। नौसेना (Indian Navy) के लेफ्टिनेंट कमांडर और कमांडर रैंक के अधिकारी क्रॉस-पोस्टिंग का हिस्सा होंगे। वायु सेना (Indian Air Force) के स्क्वाड्रन लीडर और विंग कमांडर रैंक से अधिकारियों की क्रॉस-पोस्टिंग होगी।
पहले 1-2 अधिकारियों की होती थी तैनाती
रक्षा प्रतिष्ठान के एक सूत्र ने एशियानेट न्यूजेबल को बताया कि सेना (Indian Army) के 40, नौसेना के 30 और वायु सेना के 30 अधिकारियों को पहले बैच में क्रॉस-पोस्ट किया जाएगा। इससे पहले कर्नल स्तर के एक या दो अधिकारियों की तैनाती मुख्यालय में होती थी।
तीनों सेनाओं ने शुरू की संयुक्त लड़ाकू बल बनाने की प्रक्रिया
बता दें कि भारतीय सेना के लिए इंटीग्रेटेड थिएटर कमांड की जरूरत लंबे वक्त से बताई जा रही है। इंटीग्रेटेड थिएटर कमांड से थल सेना, वायु सेना और नौ सेना के बीच समन्वय को बढ़ावा मिलेगा। अभी तक इंटीग्रेटेड थिएटर कमांड की संरचना प्रकाश में नहीं आई है। तीनों सेनाओं ने संयुक्त लड़ाकू बल बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
सूत्र ने कहा, "इन जूनियर स्तर के अधिकारियों को उन क्षेत्रों में तैनात किया जाएगा, जहां एविएशन, इंजीनियरिंग, रसद, मिसाइल, एयर डिफेंस जैसे सामान्य सेवा का वातावरण हैं। यह फैसला थिएटर कमांड के निर्माण को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। ये अधिकारी एक-दूसरे की प्रक्रियाओं और प्रथाओं को जानेंगे। इससे मिलकर काम करने के लिए बेहतर समझ बनेगी। उन्हें न केवल मुख्यालय बल्कि इकाई स्तर पर भी तैनात किया जाएगा।" नौसेना के एक सूत्र ने फैसले की पुष्टि करते हुए कहा, "इंटर-सर्विस पोस्टिंग उन क्षेत्रों में की जाएगी जहां एक तरह का काम है। किसी को भी युद्धपोत पर तैनात नहीं किया जाएगा"।
नरेंद्र मोदी सरकार उठाए हैं सशस्त्र बलों के पुनर्गठन के लिए कदम
गौरतलब है कि नरेंद्र मोदी सरकार ने सशस्त्र बलों के पुनर्गठन के लिए कदम उठाए हैं। सरकार ने फैसला किया है कि एक कमांडर के तहत तीनों सेनाओं के जवानों और हथियारों को रखा जाए। ये अपने थिएटर के तहत सभी काम के लिए जिम्मेदार होंगे। पांच थिएटर कमांड (एयर डिफेंस थिएटर कमांड, मैरीटाइम थिएटर कमांड, वेस्टर्न कमांड, ईस्टर्न कमांड और नॉर्दर्न कमांड (जम्मू-कश्मीर और लद्दाख) होंगे।
वर्तमान में तीन बलों के पास 17 कमांड हैं। थल सेना और वायु सेना के सात-सात कमांड हैं। नौसेना के पास तीन कमांड हैं। दो ऑपरेशनल ट्राई-सर्विस कमांड (स्ट्रेटेजिक फोर्सेज कमांड और अंडमान और निकोबार कमांड) हैं। हाल ही में दो नए डिवीजनों (डिफेंस स्पेस एजेंसी और डिफेंस साइबर एजेंसी) का गठन हुआ है। इसमें तीनों बलों के अधिकारियों को तैनात किया गया है।