सद्गुरू से साक्षात्कार: मिट्टी का कैसे हो रहा मर्डर, आर्गेनिक के नाम पर बना रहे मूर्ख, सद्गुरू के बेबाक बोल...

सद्गुरू (Sadhguru) ने खास मुलाकात के दौरान कहा कि जब तक हम मिट्टी में आर्गेनिक कंटेंट नहीं बढ़ाएंगे, मिट्टी को बचाना मुश्किल है। मिट्टी खत्म हो गई तो हमारी सांसें भी खत्म हो सकती हैं क्योंकि यह प्रकृति का इको सिस्टम है।
 

नई दिल्ली.  सद्गुरू (Sadhguru) ने एशियानेट न्यूज के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा कि मिट्टी बचाने का अभियान सिर्फ आज के लिए नहीं है, यह भविष्य में आने वाली पीढ़ियों के लिए है। उन्होंने कहा कि थोड़ी-थोड़ी दूरी पर मिट्टी की तासीर बदल जाती है। सद्गुरू ने मिट्टी के आर्गेनिक कंटेंट को बचाने और बढ़ाने की तकनीक भी बताई। उन्होंने कहा कि मिट्टी का मर्डर भी किया जा रहा है, इसे रोकना होगा। सद्गुरू ने आर्गेनिक के सवाल पर भी बेबाक जवाब दिया। उन्होंने कहा कि आर्गेनिक के नाम पर लोगों को मूर्ख बनाया जा रहा है। जानें सद्गुरू ने और क्या-क्या कहा...

जीने के लिए मिट्टी कितनी जरूरी
सद्गुरू ने कहा कि आप इसे ऐसे समझिए कि बिना मिट्टी के हम कुछ भी नहीं कर सकते हैं। हम जो सांस ले रहे हैं, वह भी मिट्टी की बदौलत है। जब तक हम इस बात को नहीं समझेंगे, तब तक आक्सीजन नहीं मिलेगा। आने वाला समय और कठिन होने वाला है। बिना मिट्टी बचाए आप क्लाइमेट चेंज या ग्लोबल वार्मिंग के बारे में बात नहीं कर सकते हैं। पहले मैं इस विषय पर बात करता था तो लोग नहीं समझते थे। जैसे अभी आप यहां बैठे हैं, मानसून आने वाला है, मौसम कूल है। आप यहां की मिट्टी छूकर देखिए, बगल में फसल लगी है, वहां कि मिट्टी टच कीजिए। फिर किसी पेड़ के पास की मिट्टी छूकर देखिए, आपको तापमान में 10 से 12 डिग्री सेल्सियस का अंतर मिलेगा। प्लेन जमीन, खेती की जमीन, जंगल की जमीन सभी का अलग-अलग रेशियो है। इसलिए हमने दुनिया 193 देशों की मिट्टी के आधार पर सेव स्वायल की पालिसी बनाई है। 

Latest Videos

कैसे हो रही है मिट्टी की हत्या
सद्गुरू ने कहा कि इसमें यह समझने की जरूरत है कि जब आप किसी मिट्टी से एक ही फसल बार-बार पैदा करेंगे और यह सिलसिला 20-25 साल तक चल जाएगा तो वह मिट्टी खत्म हो जाएगी। मैं क्या कहता हूं कि आप साल में 6 फसल पैदा किजिए और सब कुछ खेत में ही छोड़ दीजिए। इसका मतलब कि आप पूरा का पूरा आर्गेनिक कंटेंट मिट्टी में वापस डाल रहे हैं। सब्जियों की खेती भी बेहतर विकल्प है। खाली खेत यानि कि मिट्टी को सीधे सूरज की रोशनी देना मतबल मिट्टी का मर्डर करना है। क्योंकि जो भी आर्गेनिक चीजें हैं वह मिट्टी में 10 से 12 इंच तक ही होती हैं। जब आप गर्मियों में खेत की जुताई करके उसे सूरज की रोशनी लेने के लिए खुला छोड़ देते हैं तो समझिए कि यह मिट्टी की हत्या करने जैसा ही है। इससे आर्गेनिक कंटेंट खत्म हो जाता है। आप यह समझें कि फसल और पशुओं से ज्यादा आर्गेनिक कुछ भी नहीं है। प्लांट लाइफ और एनिमल लाइफ के अलावा इस पूरे यूनिवर्स में कहीं भी आर्गेनिक कंटेंट नहीं है। जब तक हमारी जमीन पर फसल और पशु हैं, तबी तक वह ठीक है। अन्यथा मिट्टी को खत्म होते देर नहीं लगती।

आर्गेनिक के नाम पर बना रहे मूर्ख
सद्गुरू ने कहा कि अभी मैं हाल ही में कुरूनूल गया था। वहां एक सज्जन आम लेकर आए और कहा कि सद्गुरू यह आर्गेनिक मैंगो है। मैंने उनसे कहा कि नहीं मुझे अनआर्गेनिक मैंगो चाहिए, क्या आप ला सकते हैं। उनके पास कोई जवाब नहीं था क्योंकि ऐसी कोई चीज दुनिया में है ही नहीं। आर्गेनिक के नाम पर लोगों को मूर्ख बनाया जा रहा है। आर्गेनिक खेती के सवाल पर सद्गुरू ने कहा कि यह शहरी आबादी द्वारा गढ़ा गया सिद्धांत है जो फार्मिंग के बारे में कुछ भी नहीं जानते हैं। आप किसान को मत समझाइए कि उसे कैसे खेती करनी है। आर्गेनिक खेती का मतलब है कोई खाद नहीं, कोई केमिकल नहीं, कोई पेस्टीसाइड नहीं लेकिन यदि आप ऐसा करेंगे तो दुनिया भर में अन्न की पैदावार बेहद कम हो जाएगी। इससे समस्या बढ़ सकती है। मैं यह कह रहा हूं कि जब आप मिट्टी में आर्गेनिक कंटेट बढ़ा देते हैं तो पेस्टिसाइड और केमिकल की जरूरत धीरे-धीरे कम हो जाएगी।  

जमीन में आर्गेनिक कटेंट बढ़ाना होगा
सद्गुरू ने कहा कि आप अचानक ऐसे नहीं कह सकते हैं कि मुझे फर्टिलाइजर पसंद नहीं है, इसलिए हटाओ इसे। सच तो यह है कि शहर के लोग फैसला कर रहे हैं कि किसान कैसे खेती करें। आप यह किसानों पर छोड़ दीजिए कि किसान किस तरह से खेती करें। यहां की जमीन से दूसरे जगह की जमीन में अंतर होता है, लोग इस बात को नहीं समझते हैं। यहां की मिट्टी काली है लेकिन यह पूरी मिट्टी एक जैसी नहीं है। आप किसान को खेती करना न सिखाएं। उन्हें इंसेंटिव देकर खेत में आर्गेनिक कंटेट को बढ़ाने का काम करें। सद्गुरू ने कहा कि सबसे पहले मैं कहना चाहूंगा कि सरकार को इंसेटिव बेस्ड पालिसी बनानी होगी। बिना इंसेटिव बेस्ड पालिसी बनाए यह काम नहीं करने वाला है। आपको किसान के पास जाना होगा और समझाना होगा कि प्वाइंट क्या है। देश में आर्गेनिक कंटेंट की बात करें तो यह मात्र 5.6 प्रतिशत है। किसानों को आप कहिए कि आप इतना फसल उगाएंगे तो हम आपको इतनी रकम देंगे। यह रणनीति खूब काम करेगी।

यह भी पढ़ें

Exclusive Interview: यूनिवर्स में कहां है आर्गेनिक कंटेंट, किसान कैसे बचाएंगे मिट्टी, सद्गुरू ने दिए सटीक जवाब
 

Read more Articles on
Share this article
click me!

Latest Videos

Christmas Tradition: लाल कपड़े ही क्यों पहनते हैं सांता क्लॉज? । Santa Claus । 25 December
पहले गई सीरिया की सत्ता, अब पत्नी छोड़ रही Bashar Al Assad का साथ, जानें क्यों है नाराज । Syria News
अब एयरपोर्ट पर लें सस्ती चाय और कॉफी का मजा, राघव चड्ढा ने संसद में उठाया था मुद्दा
राजस्थान में बोरवेल में गिरी 3 साल की मासूम, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी । Kotputli Borewell News । Chetna
समंदर किनारे खड़ी थी एक्ट्रेस सोनाक्षी सिन्हा, पति जहीर का कारनामा हो गया वायरल #Shorts