Cope India 23: भारतीय वायुसेना और अमेरिकी एयरफोर्स के बीच संयुक्त एयर एक्सरसाइज शुरू, अर्जन सिंह एयरफोर्स स्टेशन से फर्स्ट फेज प्रारंभ

अभ्यास का पहला चरण सोमवार से शुरू हो गया है। अभ्यास का यह चरण एयर मोबिलिटी पर केंद्रित होगा इसमें दोनों वायु सेना के विमानों और विशेष बलों की संपत्ति का परिवहन शामिल होगा।

Dheerendra Gopal | Published : Apr 10, 2023 6:47 PM IST

Exercise Cope India 23: भारतीय वायुसेना और अमेरिकी एयरफोर्स के बीच द्विपक्षीय संयुक्त हवाई अभ्यास भारत में सोमवार से शुरू हुआ। द्विपक्षीय हवाई अभ्यास Exercise Cope India 23 एयर फोर्स स्टेशन्स अर्जन सिंह (पानागढ़), कलाईकुंडा और आगरा में आयोजित किया जा रहा है। भारतीय वायु सेना (आईएएफ) और संयुक्त राज्य वायु सेना (यूएसएएफ) के बीच अभ्यास का उद्देश्य दोनों वायु सेनाओं के बीच आपसी समझ को बढ़ाना और उनकी सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करना है।

एक्सरसाइज का फर्स्ट फेज शुरू हो चुका

अभ्यास का पहला चरण सोमवार से शुरू हो गया है। अभ्यास का यह चरण एयर मोबिलिटी पर केंद्रित होगा इसमें दोनों वायु सेना के विमानों और विशेष बलों की संपत्ति का परिवहन शामिल होगा। दोनों पक्ष C-130J और C-17 विमानों को मैदान में उतारेंगे साथ ही USAF MC-130J का संचालन भी करेगा। अभ्यास में जापानी एयर सेल्फ डिफेंस फोर्स एयरक्रू की उपस्थिति भी शामिल है जो ऑब्जबर्स की तरह रहेगा।

इंडियन एयरफोर्स कई इंटरनेशनल एक्सरसाइज में भाग ले चुकी

भारतीय वायु सेना हाल ही में कई बहुराष्ट्रीय अभ्यासों में शामिल हुई है जिसमें संयुक्त अरब अमीरात में एक्स डेजर्ट फ्लैग और यूके में एक्स कोबरा योद्धा सहित अमेरिका ने भी भाग लिया है। क्षेत्र प्रशिक्षण अभ्यास मौजूदा क्षमताओं, एयरक्रू रणनीति और बल रोजगार पर निर्माण करके यूएस-भारतीय आपसी सहयोग बढ़ाने पर केंद्रित था।

कोप इंडिया 2004 में हुआ था प्रारंभ

कोप इंडिया 2004 में एयर स्टेशन ग्वालियर भारत में आयोजित एक लड़ाकू प्रशिक्षण अभ्यास के रूप में शुरू हुआ। युद्धाभ्यास लड़ाकू-प्रशिक्षण अभ्यासों के अलावा विषय वस्तु विशेषज्ञ आदान-प्रदान, एयर मोबिलिटी ट्रेनिंग, एयरड्रॉप ट्रेनिंग और बड़े बल अभ्यास को शामिल करने के लिए विकसित हुआ है। वारगेम का लास्ट एडिशन 2019 में आयोजित किया गया था। अमेरिका भी भारतीय सेनाओं के साथ घनिष्ठ सैन्य संबंध रखने का प्रयास कर रहा है। यूक्रेन युद्ध के बाद दुनिया के देशों की स्ट्रेटेजी में कई बड़े बदलाव आए हैं। रूस के साथ पश्चिमी देशों ने किनारा कस लिया है लेकिन भारत अभी भी न्यूट्रल स्थिति में है।

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