पुलिस को दिल्ली हिंसा के 1700 वीडियो मिले : अब तक 38 FIR हुईं दर्ज; 84 लोग हो चुके गिरफ्तार

दिल्ली में 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौके पर किसानों ने तीन कृषि कानूनों के खिलाफ ट्रैक्टर रैली निकाली थी। इस रैली के दौरान किसानों ने दिल्ली की सड़कों पर काफी उत्पात मचा दिया था। ऐसे में पब्लिक प्रॉपर्टी के साथ को काफी नुकसान पहुंचाया था, साथ ही कई पुलिसकर्मियों को भी नुकसान पहुंचाया था।

Asianet News Hindi | Published : Jan 30, 2021 1:59 PM IST / Updated: Jan 30 2021, 09:23 PM IST

नई दिल्ली. दिल्ली में 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौके पर किसानों ने तीन कृषि कानूनों के खिलाफ ट्रैक्टर रैली निकाली थी। इस रैली के दौरान किसानों ने दिल्ली की सड़कों पर काफी उत्पात मचा दिया था। इसे लेकर पुलिस ने अब तक 38 एफआईआर दर्ज की हैं। इसके अलावा 84 लोगों को गिरफ्तारी हुई है। 

पुलिस को हिंसा के 1700 से ज्यादा वीडियो मिले हैं। इसी से उपद्रवियों की पहचान की जा रही है। इसके अलावा रैली में शामिल ट्रैक्टरों के रजिस्ट्रेशन नंबर से भी पहचान की जा रही हैै।

300 से ज्यादा पुलिसकर्मियों हुए जख्मी
दिल्ली में 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली के दौरान हिंसा फैली थी। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने लालकिले समेत तमाम जगहों पर जमकर उत्पाद मचाया था। प्रदर्शनकारियों ने पुलिसकर्मियों पर भी निशाना साधा था। इन हमलों में 300 से ज्यादा पुलिसकर्मी जख्मी हुए थे। 
 
हरियाणा सरकार ने बंद की इंटरनेट सेवा...
किसान आंदोलन को देखते हुए हरियाणा सरकार ने राज्य के कई इलाकों में इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया है। अब यहां केवल वॉइस कॉल ही की जा सकती है। अंबाला, यमुना नगर, कुरुक्षेत्र, करनाल, कैथल, पानीपत, हिसार, जिंद, रोहतक, भिवानी, चरखी दादरी, फतेहाबाद, रेवाड़ी और सिरसा में कल यानी की रविवार को शाम 5 बजे तक इंटरनेट बंद रहेगा। इसकी जनकारी राज्य के जनसंपर्क अधिकारी की ओर से दी गई है। इसके साथ ही कहा जा रहा है कि सोनीपत, पलवल और झझर जैसे इलाकों में भी इंटरनेट बंद रहेगा।

 

11 घंटे तक चली थी किसानों की ट्रैक्टर रैली 

किसानों की ट्रैक्टर रैली 26 जनवरी को 11 घंटे तक चली थी। इस परेड के दौरान किसानों ने पुलिस बैरिकेड्स तोड़े। पुलिस वाहन और सरकारी बसों को नुकसान पहुंचाया। पुलिस ने रोका तो उनसे भिड़ गए और पत्थरबाजी भी की। कुछ ने तो पुलिस पर ट्रैक्टर तक चढ़ाने की कोशिश की। प्रदर्शन के दौरान निहंगों के जत्थे ने तलवारें लहराईं। इन सब घटनाओं ने दो महीने से शांतिपूर्ण तरीके से चल रहे इस आंदोलन को अराजकता का रंग दे दिया। परेड के दौरान हक के लिए किसानों ने हद पार कर दी थी। 

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